विधायक रमन अरोड़ा के भ्रष्टाचार मामले में विजिलेंस का बड़ा खुलासा, अब आया ये मोड़

punjabkesari.in Thursday, Jul 17, 2025 - 12:48 PM (IST)

जालंधर: नगर निगम में भ्रष्टाचार कांड को लेकर विजिलेंस जांच में चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। विजिलेंस ने भ्रष्टाचार के इस बड़े खेल में बीएनएस की धारा 238 (सबूत नष्ट करना) और 308-2 (जबरन वसूली) जोड़ते हुए केस को और भी गंभीर बना दिया है।

विजिलेंस के अनुसार, नगर निगम के एटीपी सुखदेव वशिष्ठ ने अपने 22 महीने के कार्यकाल में 340 फाइलें तैयार की थी पर अब तक सिर्फ 74 ही बरामद हुई हैं। बाकी 266 फाइलों को जानबूझकर नष्ट किए जाने का आरोप है ताकि अवैध निर्माण से जुड़े नेटवर्क को बचाया जा सके।

जांच रिपोर्ट में बताया गया है कि विधायक रमन अरोड़ा, उनके बेटे राजन अरोड़ा, समधी राजू मदान, करीबी महेश मखीजा, निगम की महिला इंस्पेक्टर हरप्रीत कौर और एटीपी सुखदेव समेत अन्य लोग एक वसूली नेटवर्क चला रहे थे। यह गिरोह पहले बिल्डिंग मालिकों को नोटिस भेजकर डराता था और फिर बिल्डिंग गिराने की धमकी देकर मोटी रकम ऐंठता था। अब तक विजिलेंस को कई पीड़ितों के बयान मिल चुके हैं और कॉल डिटेल व मोबाइल की फोरेंसिक जांच जारी है। बताया जा रहा है कि विधायक के संपर्क में रहने वाले एक्सईएन और एसडीओ की कॉल रिकॉर्डिंग भी खंगाली जा रही है।

इस केस में नामजद विधायक रमन अरोड़ा के बेटे राजन अरोड़ा को हाईकोर्ट से अंतरिम जमानत मिल चुकी है। हालांकि अदालत ने शर्त रखी है कि राजन अरोड़ा को जांच में सहयोग करना होगा ऐसा न करने पर जमानत रद्द की जा सकती है। वहीं केस की अगली सुनवाई 24 सितंबर को तय है। इसके साथ ही जेल में बंद एटीपी सुखदेव की रेगुलर बेल याचिका पर 27 अगस्त को सुनवाई होगी।

बचाव पक्ष ने अदालत में दलील दी कि राजन अरोड़ा की फर्म ‘बालाजी टेक्सटाइल्स’ ने सूरत की एक कंपनी काया ट्रेंड्स से 60 लाख रुपए उधार लिए थे, जिसमें से 40 लाख पहले ही लौटा दिए गए हैं। इस लेनदेन की जानकारी काया ट्रेंड्स ने भी विजिलेंस को ईमेल के जरिये भेजी है, जिसे कोर्ट में रिकॉर्ड किया गया है। 

गौरतलब है कि 14 मई को एटीपी सुखदेव वशिष्ठ को इस घोटाले में पहली गिरफ्तारी के तौर पर पकड़ा गया था। इसके बाद विधायक रमन अरोड़ा, उनके करीबी महेश मखीजा और निगम की इंस्पेक्टर हरप्रीत कौर को भी गिरफ्तार किया जा चुका है। इस मामले में विधायक रमन अरोड़ा की रेगुलर बेल याचिका पहले ही स्थानीय अदालत द्वारा खारिज की जा चुकी है, जबकि उनके समधी राजू मदान की एंटीसिपेटरी बेल भी कोर्ट से खारिज हो चुकी है।

अपने शहर की खबरें Whatsapp पर पढ़ने के लिए Click Here  


सबसे ज्यादा पढ़े गए

News Editor

Kalash

Related News