एक ही चिता पर हुआ मां-बेटी का अंतिम संस्कार, सिरफिरे भाई ने दाग दी थी गोलियां

punjabkesari.in Monday, Aug 05, 2019 - 07:16 PM (IST)

नत्थूवाला गर्बी (राजवीर): 2 व 3 अगस्त की अर्द्धरात्रि को घर के ही बेटे द्वारा गोलियां मारकर कत्ल किए गए परिवार के सदस्यों में उस घर की बेटी अमनजोत कौर व दोहती अमनीत कौर का अंतिम संस्कार आज अमनजोत कौर के ससुराली गांव शहबादी (फिरोजपुर) के स्वर्ग आश्रम में कर दिया गया। इस मौके पर इलाके के लोग व रिश्तेदार बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। इस दौरान इलाके की विधायका सतकार कौर गेहरी के पति लाडी गहरी ने भी पहुंचकर परिवार के साथ दुख सांझा किया।



दिलबाग ने दी पत्नी की चिता को अग्नि
अमनजोत कौर व अमनीत कौर का अंतिम संस्कार एक ही चिता पर किया गया। दोनों के मृतक शरीर पोस्टमार्टम के बाद मृतक शव संभाल घर तलवंडी भाई रखे गए थे, जिनको दिलबाग सिंह की साली अमरजीत कौर (अमनजोत की छोटी बहन) के कनाडा से वापिस आने के बाद घर लाया गया तथा अंतिम दर्शनों के लिए रखा गया। दोनों के मृतक शरीर सफेद कपड़े में लपेट कर रखे गए तथा उसके ऊपर फुलकारी डाली गई थी। चिता को अग्नि अमनजोत कौर के पति व अमनीत कौर के पिता दिलबाग सिंह ने दी।

नम आंखों में शामिल हुए सैंकड़ों रिश्तेदार
दोनों मां-बेटी के अंतिम संस्कार दौरान माहौल इतना गमगीन था कि सैंकड़ों रिश्तेदार नम आंखों से रोते देखे गए। इस दौरान हर कोई मासूम बच्ची का चेहरा देखकर आंसू बहा रहा था तथा उस अभागी घड़ी को कोस रहा था जब शुक्रवार को दोनों को उसके परिवार ने उसके भाई संदीप सिंह के साथ नत्थूवाला को रवाना किया था।



अमनजोत की सास रंजीत कौर ने रोते हुए बहुत ही दुखी भरे मन से कहा कि पता नहीं भगवान ने उनसे किस जन्म का बदला लिया है, जिस कारण उसके बेटे दिलबाग सिंह का घर उजड़ गया। उसने रोते हुए कहा कि उसका बेटा बहुत ही शरीफ इंसान है। यह सदमा उसके तथा उनके परिवार के लिए असहनीय है। उनकी पुत्रवधू व घर की रौनक उसकी पौत्री अमनीत का इस तरह चले जाना परिवार के लिए बहुत धक्का है जिसको बर्दाश्त करना उनके वश की बात नहीं है।

वीर सिंह स्कूल में मौन रखकर दी श्रद्धांजलि
नत्थूवाला गरबी की जिस कोठी में कत्लेआम की यह अभागीय दर्दनाक घटना हुई है उसके बिल्कुल साथ ही भाई वीर सिंह सीनियर सैकेंडरी स्कूल है, जहां स्कूल के विद्यार्थियों, स्टाफ व प्रबंधकों ने सुबह की सभा दौरान मृत्कों की आत्मिक शांति के लिए 2 मिनट का मौन धारण किया तथा परमात्मा के चरणों में अरदास की।

Mohit