अब सिर्फ एक Click से अनाधिकृत कालोनियों में प्लाटों, इमारतों को करवाएं Regular

punjabkesari.in Thursday, Dec 29, 2022 - 09:43 AM (IST)

चंडीगढ़ (अश्वनी): लोगों को उनके घर पर निर्विग्घ्न और पारदर्शी ढंग के साथ समयबद्ध सेवाएं सुनिश्चित करने के लिए पंजाब के आवास निर्माण और शहरी विकास विभाग ने ऑनलाइन प्रणाली विकसित की है जिससे विभाग की कार्यकुशलता में और विस्तार हो रहा है। आवास निर्माण और शहरी विकास मंत्री अमन अरोड़ा द्वारा की गई विभिन्न लोक-हितैषी पहलकदमियों की लड़ी के अंतर्गत यह ऑनलाइन प्रणाली विकसित की गई है। 

आवास निर्माण और शहरी विकास विभाग द्वारा डिजाइन किए गए सिंगल पोर्टल पर बहुत सी सेवाएं उपलब्ध हैं जिनमें निर्धारित समय में प्लाटों और इमारतों को रैगुलर करना, मालिकाना अधिकार में तबदीली और एक क्लिक पर एन.ओ.सी. प्राप्त करना आदि शामिल हैं। इससे पहले आवेदक को इन प्राथमिक सेवाओं के लिए सरकारी दफ्तरों के कई चक्कर लगाने पड़ते थे। अनाधिकृत कालोनियों में संपत्ति खरीदने वाले लोगों को एक बड़ी राहत देते हुए विभाग ने एन.ओ.सी. प्राप्त करने के लिए रैगुलराइजेशन पोर्टल  WWW.Punjabregularization.in पर आवेदनों को ऑनलाइन जमा करवाने और निपटारे की सुविधा शुरू की है। इसके अलावा आवेदनों के जल्द और समय पर निपटारे को सुनिश्चित करने के लिए एन.ओ.सी. जारी करने की समय सीमा भी पहले निर्धारित 21 दिन की मियाद से घटाकर 15 कामकाजी दिन कर दी गई है। जिक्रयोग्य है कि रैगुलराइजेशन की यह सुविधा सिर्फ उन अलॉटियों/निवासियों द्वारा प्राप्त की जा सकती है, जिनकी संपत्तियां 19 मार्च, 2018 से पहले अस्तित्व में आई अनाधिकृत कालोनियों में आती हैं। 

पहले एन.ओ.सी. के लिए करना पड़ता था लंबा इंतजार
पहले आवेदनों का निपटारा ऑफलाइन ढंग से किया जाता था और आवेदकों को एन.ओ.सी. जारी करवाने के लिए लंबा समय इंतजार करना पड़ता था। अब पोर्टल पर बहुत सी सुविधाएं दी गई हैं जिनमें आवेदनों को ऑनलाइन जमा करवाना, ऑनलाइन भुगतान, आवेदनों की स्थिति की जांच और इनका ऑनलाइन निपटारा आदि शामिल हैं। यह सिंगल पोर्टल आवेदनों के तुरंत निपटारे के लिए नगर निगम की हद के अंदर और बाहर पड़ते प्लाटों और इमारतों को नियमित करने के लिए तैयार किया गया है। कामकाज में जवाबदेही तय करने और सभी सेवाओं को समयबद्ध ढंग से सुनिश्चित करने के लिए सबसे पहले विभाग ने संपत्तियों के मालिकों की डिजिटल तौर पर हस्ताक्षित स्वीकृतियों तक पहुंच को सुनिश्चित बनाया जिससे विभाग के कामकाज में 100 प्रतिशत पारदॢशता आई है। अब लोगों को इन स्वीकृतियों तक पहुंच के लिए आर.टी.आई. दायर करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। अरोड़ा ने कहा कि मैं निजी तौर पर ऑनलाइन सेवाओं की कार्यप्रणाली पर नजर रख रहा हूं और आवेदनों के निपटारे में किसी भी तरह की देरी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।विभाग द्वारा ऑनलाइन दी जा रही 25 सेवाओं संबंधी प्राप्त सभी आवेदनों पर समयबद्ध कार्रवाई की जा रही है। इसके साथ ही आवेदनों की रियल-टाइम ट्रैकिंग, डिजीटली हस्ताक्षित सर्टीफिकेट जारी करना और एस.एम.एस. अलर्ट द्वारा जानकारी देना आदि सुविधाएं भी उपलब्ध हैं। 


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Vatika

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