चाचा हरजीत सिंह के खिलाफ एक और मामला दर्ज, अमृतपाल पर 18 मार्च को ही लगा दिया था ‘एन.एस.ए.’
punjabkesari.in Thursday, Mar 23, 2023 - 07:11 PM (IST)

चंडीगढ़(रमनजीत, हांडा): आई.जी. डॉ. सुखचैन सिंह गिल ने कहा कि अमृतपाल अभी भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है। उन्होंने कहा कि अभी तक अमृतपाल के 154 साथी गिरफ्तार किए जा चुके हैं। 18 मार्च को अमृतपाल के खिलाफ पंजाब पुलिस ने राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत संबंधित अदालत से गैर-जमानती वारंट जारी करवा लिए थे। वहीं, अमृतपाल के चाचा हरजीत सिंह के खिलाफ पंजाब पुलिस ने एक और मामला दर्ज कर लिया है। गांव ऊधोवाल के सरपंच मनप्रीत सिंह ने आरोप लगाया है कि हरजीत सिंह व हरप्रीत सिंह ने पिस्तौल की नोक पर उनके परिवार को बंदी बना कर रखा और पुलिस से बचने के लिए जबरदस्ती उनके घर में शरण ली गई।
आई.जी. गिल ने कहा कि जब पुलिस को किसी आरोपी की तलाश होती है तो अक्सर आरोपी बचने के लिए अपने परिधान व भेस में बदलाव करते हैं, इसलिए पंजाब पुलिस ने अपने डेटाबेस में मौजूद अमृतपाल सिंह की विभिन्न स्टाइल व परिधानों में तस्वीरें भी जारी की हैं और लोगों से अपील की है कि उसे गिरफ्तार करने में पुलिस की सहायता की जाए। उधर, पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में दाखिल स्टेटस रिपोर्ट में बताया गया है कि अमृतपाल ने खुलेआम बयान दिए थे कि वह भारतीय संविधान व कानून को नहीं मानता, जिसके बाद 18 मार्च को उसे गिरफ्तार करने की कार्रवाई शुरू की गई थी।
इसके तहत अमृतसर के खिलचैन थाना एरिया में पुलिस ने नाका लगाया हुआ था, जहां अमृतपाल सिंह अपने कुछ साथियों के साथ मॢसडीज कार एच.आर. 72 ई-1818 में सवार होकर पहुंचा था। उसके काफिले में 2 फोर्ड एंडेवर व एक क्रेटा कार भी थी। उन्हें पुलिस पार्टी ने रोकना चाहा लेकिन वह नाका तोड़कर भाग निकले। इसकी सूचना सभी पुलिस स्टेशनों में वाहनों के नंबरों के साथ पहुंचा दी गई थी और थाना खिलचैन में अमृतपाल व अन्य के खिलाफ एफ.आई.आर. भी दर्ज हुई थी।
उक्त घटना के बाद अमृतपाल को चॉकलेट रंग की इसुजु पिकअप नंबर पी.बी. 10 एफ.डब्ल्यू. -6797 में सवार होकर जाते सरकारी स्कूल मेहतपुर जालंधर रूरल इलाके में देखा गया। यहां नाके पर पुलिस ने उसे रोकने का प्रयास किया लेकिन वहां भी वह पुलिस को चकमा देकर गाड़ी छोड़कर अपने साथियों सहित फरार हो गया। पुलिस को गाड़ी की तलाशी लेने पर एक .315 राइफल, वॉकी-टॉकी, किरपान और 57 जिंदा कारतूस बरामद हुए, जिसके आधार पर मेहतपुर थाने में एक और एफ.आई.आर. दर्ज की गई है।
स्टेटस रिपोर्ट पर याची पक्ष का कहना था कि पुलिस कहानी बना रही है जबकि अमृतपाल पुलिस की गिरफ्त में है और उसकी जान को खतरा है। हाईकोर्ट में अमृतपाल के पिता तरसेम सिंह भी पहुंचे हुए थे, जिन्होंने कोर्ट में पक्ष रखने की बात कही, जिसे कोर्ट ने अस्वीकार कर दिया। कोर्ट ने भी पंजाब पुलिस की स्टेटस रिपोर्ट पर सवाल किए कि जब अमृतपाल के साथी घेराबंदी के दौरान काबू कर लिए गए तो अमृतपाल इतने सख्त बंदोबस्त के बावजूद कैसे फरार हो गया? कोर्ट में पंजाब के एडवोकेट जनरल विनोद घई पेश हुए, जिन्हें कोर्ट ने एक सप्ताह के भीतर पूरे ऑप्रेशन की विस्तृत स्टेटस रिपोर्ट पेश करने के आदेश देते हुए सुनवाई अगले 28 मार्च तक स्थगित कर दी है।
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