ड्रोन मॉड्यूल के पर्दाफाश करने के ऑपरेशन जारी, तस्करों और आतंकी संगठनों से संबंधों की होगी जांच

punjabkesari.in Tuesday, Dec 22, 2020 - 10:05 AM (IST)

चंडीगढ़/जालंधर (रमनजीत, धवन): अमृतसर (ग्रामीण) जिले में अंतर्राष्ट्रीय संपर्क वाले एक ड्रोन मॉड्यूल का पर्दाफाश करने के 5 दिन बाद पंजाब पुलिस व सीमा सुरक्षा बल (बी.एस.एफ.) द्वारा सांझे तौर पर गुरदासपुर में सरहद के पास से पाकिस्तान के ड्रोन द्वारा गिराए गए 11 हैंड ग्रेनेड मामले में डी.जी.पी. ने कहा कि आतंकवादी संगठनों के साथ संबंधों समेत पाक आधारित तस्करों से जुड़े अपराधियों के गठजोड़ के पर्दाफाश के लिए जांच जारी है।

डी.जी.पी. ने कहा कि आस्ट्रिया के बने अरगेस टाइप एच.जी. 84 सीरीज के हैंड ग्रेनेड मनुष्य के लिए घातक हैं, जो एक धमाके पर तेज रफ्तार के साथ 30 मीटर की दूरी के लक्ष्य को भारी नुक्सान पहुंचाने के लिए बनाए गए हैं। मामले में 4 ड्रोन, एक आंशिक रूप में बनाया ड्रोन, वीडियो ट्रांसमीटर सिस्टम, ड्रोन हार्डवेयर और अन्य अहम सबूत बरामद किए गए। 

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14 दिसंबर के ड्रोन मामले में 2 और गिरफ्तार
पंजाब पुलिस द्वारा 14 दिसम्बर को तस्करी के लिए ड्रोन इस्तेमाल के मामले में ताजा गिरफ्तारी हुई है। पंजाब पुलिस ने जांच को आगे बढ़ाते हुए दिल्ली के एक ड्रोन व्यापारी और अन्य व्यक्ति जिसने ड्रोन असैंबल व तैयार किया था, को गिरफ्तार किया है। 
पंजाब पुलिस को अब तक की जांच दौरान उक्त दोनों से ऐसा कोई दस्तावेज नहीं मिला है जिससे साबित होता हो कि वे ड्रोन की खरीद-फरोख्त के लिए सरकार द्वारा तय नियमों का पालन कर रहे हों या फिर लाइसैंसधारक हों। 

पंजाब पुलिस ने लक्की धवन पुत्र तिलक राज धवन निवासी बी.बी. 28-डी, सब्जी मंडी, जनकपुरी, दिल्ली को गिरफ्तार किया गया। पुलिस के मुताबिक लक्की धवन ने ही मुख्यारोपी लखबीर सिंह को क्वाडकॉप्टर ड्रोन समेत स्काईड्रायड टी 10 2.4 जी.एच.जैड.10 सी. एच. एफ.एच. एस.एस. ट्रांसमीटर के साथ मिनी रिसीवर और कैमरा बेचा था। 

डी.जी.पी. ने बताया कि 19 दिसम्बर को एस.एच.ओ. थाना घरिंडा मनिन्दर सिंह के नेतृत्व में टीम ने धवन के टी.आर.डी. इंटरप्राइजज, बी.बी.- 28 डी, जनकपुरी, नई दिल्ली में छापा मारा। पूछताछ में पता लगा कि वह बिना सरकारी लाइसैंस के ड्रोन के हिस्सों की खरीद, बिक्री, असैंबल और मुरम्मत करने में शामिल था। उसके ठिकाने से चार मोबाइल फोन, 13 रबड़ स्टैंपें और रसीदों वाली 2 फाइलें बरामद की गईं। लक्की ने पुलिस को बताया है कि लखबीर को ड्रोन बिना बिल के बेचा था। लखबीर ने ड्रोन खरीदने के लिए धोखाधड़ी करते हुए अरशदीप सिंह नाम का फर्जी आधार कार्ड भी दिया था। पुलिस ने लक्की के फोन से उक्त फर्जी आधार कार्ड (ई-कॉपी) भी बरामद कर लिया है। 

दिल्ली के बलदेव सिंह ने तैयार किया था ड्रोन 
लक्की ने बताया कि ड्रोन को दिल्ली के मेहरगंज की तीसरी मंजिल, ए -62 के रहने वाले बलदेव सिंह ने तैयार किया था। जांच पर बलदेव की वर्कशॉप से 4 ड्रोन और उसके हार्डवेयर, एक 450 क्वाडकॉप्टर ड्रोन, 1 डी.जे.आई. फैंटम ड्रोन, 2 डी.जे.आई. 249 मैविक मिनी ड्रोन, 1 वीडियो ट्रांसमीटर सिस्टम, एक 650 क्वाडकॉप्टर ड्रोन रिपेयर किट और 1 मोबाइल फोन बरामद हुआ। बलदेव ने बताया कि अलग-अलग ई-कामर्स साइट्स से ड्रोन के कलपुर्जे खरीदे थे। 
डी.जी.पी. के अनुसार दोनों आरोपियों लक्की और बलदेव पर एयरक्राफ्ट एक्ट की धारा 10, 11, 12, आई.पी.सी. की धारा 336, 287 के तहत थाना घरिंडा में मामला दर्ज किया गया था।

अब तक 4 तस्कर गिरफ्तार
मुख्यारोपी लखबीर के खुलासों के बाद पंजाब पुलिस ने एक-एक सफेद और काली स्काॢपयो व एक स्विफ्ट कार बरामद की है। इसके अलावा अजनाला स्थित 4 तस्कर, हरजीत सिंह व सर्बजीत सिंह निवासी गांव फत्तेवाल, थाना अजनाला, सिमरनजीत सिंह वासी गांव साहोवाल और सुरजीत मसीह वासी गांव गुराला थाना अजनाला को नामजद कर गिरफ्तार किया गया है। 

जांच में पाकिस्तान के तीन व्यक्तियों चिश्ती, मलिक और मकसूद के नाम सामने आए हैं, जो गिरफ्तार आरोपियों के संपर्क में थे। चिश्ती सितम्बर, 2019 में पंजाब पुलिस द्वारा सुलझाए आकाशदीप ड्रोन मॉड्यूल मामले में गिरफ्तार दोषियों के नजदीकी संपर्क में था। इसके अलावा मलिक जनवरी में पंजाब पुलिस द्वारा सुलझाए ड्रोन मॉड्यूल मामले में गिरफ्तार दोषी अजयपाल सिंह के संपर्क में था।


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Tania pathak

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