रेवन्यू में सेंध : जीएसटी विभाग के अधिकारियों को पासर इस तरह से दे रहे चकमा

punjabkesari.in Sunday, Apr 16, 2023 - 08:53 PM (IST)

लुधियाना (गौतम) :  बिना बिल के दूसरे राज्यों से माल मंगवा कर रेवेन्यू में सेंध लगाने वाले कुछ पासर अपने नेटवर्क के जरिए भेद रहे हैं, जिसमें वह काफी हद तक अधिकारियों को चकमा देने में सफल हो रहे हैं। इस नेटवर्क को भेदने में शामिल पासर व्हट्सग्रुप का इस्तेमाल कर रहे हैं। इस बात का खुलासा मोबाइल विंग के अधिकारी ने बिना बिल के पकड़ी गई गाड़ी के चैकिंग के दौरान किया। हालांकि विभाग के अधिकारियों की तरफ से इस बात को लेकर कोई पुष्टि नहीं की गई है। लेकिन सूत्रों का कहना है कि जब मोबाइल विंग के अधिकारी ने गाड़ी जब्त करते हुए ड्राइवर का मोबाइल पकड़ा तो उससे इस बात का खुलासा हुआ, जिससे अधिकारियों को पता चला कि किस तरह से माल पासिंग करवाने के लिए पासर एक दूसरे को अधिकारियों की लोकेशन भेजते है और बिना बिल की गाडियों को गतंव्य स्थान तक पहुंचाते हैं। लोकेशन पता चलते ही इस की सूचना ग्रुप में अपडेट कर दी जाती है, जिससे सड़क मार्ग व रेलवे स्टेशन पर काम करने वाले पासर सर्तक हो जाते है और आसानी से अपना माल निकाल ले जाते है। जब जीएसटी अधिकारी बिना इंफरफेशन लीक होने से कार्रवाई करते है तो माल भी पकड़ लेते है। 

पंजाब भर में चलता है नेट वर्क, 1500 से 3000 तक लेते है चार्ज 
सूत्रों के अनुसार पंजाब भर में चलने वाले इस नेट वर्क के लिए बने ग्रुप में किसी को शामिल करने के लिए एडमिन की तरफ से 1500 से 3000 रुपए तक चार्ज किए जाते है। जिसके बदले में सड़कों पर अधिकारियों पर नजर रखने वाले यह लोग अधिकारियों की डयूटी और उनकी लोकेशन के बारे में बताते है। अधिकारियों की मौजूदगी का पता चलते ही बिना बिल के माल ले जाने वाली गाडियां एक तरफ छुपा कर रोक दी जाती है और अधिकारियों के जाने के बाद उन्हें दोबारा चलाया जाता है। अधिकतर इस ग्रुप में पंजाब के मोबाइल विंगों में तैनात ही अधिकारियों की विशेष सूचना दी जाती है क्योंकि मोबाइल विंग के अधिकारी ही कहीं भी जाकर चेकिंग कर सकते है। 

अलग अलग जगह रहते है तैनात 
प्रमुख पासरों ने अपने अपने ग्रुप बनाए है, जिसके चलते पंजाब के अलग अलग आफिसों के बाहर उनके करिंद तैनात रहते है। जो कि अधिकारियों के आफिस से निकलने पर नजर रखते है, इसके लिए उनके पास डयूटी चार्ट भी उपलब्ध रहता है, जिससे अधिकारियों की डयूटी के बारे में पता चलता है। उसके बाद यह लोग सारी सारी रात चक्कर लगा कर अधिकारियों की गाडियों का पीछा करते है और आगे इसकी सूचना देते है।  इसके लिए ग्रुप बनाने वालों ने विशेष तौर पर आफिस के बाहर तैनात करने वाले व सड़कों पर चक्कर लगाने वाले करिंदे रखे हुए है। 

प्रमुख एडमिन वसूल रहा है लाखों रुपए 
सडकों पर अधिकारियों की सूचना पासरों व कुछ ट्रास्पोर्टरों को सूचना देने वाला एक प्रमुख एडमिन लाखों रुपए प्रति महीना एकत्रित करता है। सूत्रों का कहना है कि इसके लिए उसने कुछ विभागीय के कर्मचारियों के साथ भी सैटिंग कर रखी है, जिन्हें सूचना देने के बदले इनाम भी दिया जाता है। इतना ही नहीं कई बार वह लोगों को गाड़ी पकड़वाने की धमकी देकर भी पैसे वसूल कर लेता है। 

क्या कहते है अधिकारी 
डायरेक्टर स्तर के एक अधिकारी ने कहा कि इस मामले का पता चला है जिसे लेकर कार्रवाई की जा रही है। विभाग के जो कर्मचारी शामिल पाए जाएगें उनके खिलाफ उचित कार्रवाई होगी और जो प्राइवेट लोग शामिल होगें उनके खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।


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Content Writer

Subhash Kapoor

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