शहर की सड़कों पर ‘यमदूत’ बनकर दौड़ रहे हैं ओवरलैंथ वाहन

punjabkesari.in Friday, Dec 01, 2017 - 01:13 PM (IST)

पटियाला/बारन (जोसन, इंद्रप्रीत): शहर की मेन और लिंक सड़कों पर ओवरलैंथ व ओवरहाइट वाहन यमदूत बनकर दौड़ते हर रोज देखे जाते हैं। ट्रैफिक पुलिस की तरफ से ओवरलैंथ व ओवरहाइट वाहनों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उनके चालान किए जाते हैं परंतु पुलिस और ट्रांसपोर्ट विभाग की तरफ से इन ओवरलोड वाहनों के खिलाफ की कार्रवाई नाममात्र ही है। ट्रैफिक पुलिस को साल 2017 में सिर्फ 2 दर्जन के करीब ऐसे वाहन नजर आए हैं जिनके चालकों ने सामथ्र्य से अधिक वजन भर रखा था। 2015-16 और 17 में 1710 से अधिक भयानक सड़क हादसे हुए जिनमें 1015 से अधिक लोगों को जान गंवानी पड़ी और लाखों रुपए की मशीनरी का नुक्सान हुआ।

 

यह है नियम
मोटर व्हीकल एक्ट व नियमों की बात करें तो हर वाहन की श्रेणी के अनुसार उसकी हाइट निर्धारित की गई है। वाहन की बाडी की हाइट से अधिक उसमें कोई भी सामान नहीं लादा जा सकता। इसी प्रकार किसी भी कमर्शियल वाहन में लादा गया सामान उसकी लंबाई के भीतर ही होना चाहिए व वाहन का डाला खुला न होकर बंद होना चाहिए।


यह है जुर्माना राशि
नियमों के अनुसार किसी भी वाहन में तयशुदा बाडी से ऊपर सामान नहीं लादा जा सकता। इसके साथ ही लादा गया सामान वाहन के अंदर ही होना चाहिए। यदि कोई वाहन ओवरलोड है तो उसके चालक को 6500 से लेकर 10000 रुपए तक का जुर्माना भरना पड़ सकता है। इसके अलावा उसके वाहन को बाऊंड भी किया जा सकता है।

 

सरिए से लदे खुले ट्रक रात के समय अधिक खतरनाक
पटियाला में चलते सरिए से लदे खुले ट्रक व ट्रालियां रात के समय अधिक खतरनाक हो जाते हैं। अधिकतर ऐसे कंडम वाहनों पर कोई रिफ्लैक्टर या लाइटें नहीं लगी होतीं, अगर कोई रिफ्लैक्टर हो भी तो सरिए के पीछे छिप जाते हैं, जिनका नतीजा सड़क हादसों के रूप में निकलता है। 

 

सड़कों के भी दुश्मन हैं ओवरलोड वाहन
हादसों का कारण बनने के साथ-साथ ओवरलोड वाहन राज्य की सड़कों के भी दुश्मन हैं। ओवरलोड वाहनों के कारण सड़क अपनी मियाद से पहले ही टूट जाती हैं। टूटी सड़कों के कारण भी हादसों का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। आंकड़ों के मुताबिक सड़कें समय से पहले टूटने के पीछे 35 प्रतिशत जिम्मेदारी ओवरलोड वाहनों की है।


 

टोल प्लाजा दे रहा है ओवरलोङ्क्षडग को छूट
ओवरलोङ्क्षडग पर लगाम कसने के लिए सभी टोल प्लाजा बैरियरों में भार तोलने वाली मशीनें लगाई गई हैं। नियम यह है कि ओवरलोड वाहन चालक से उसकी टोल फीस का 10 गुना जुर्माना वसूल किया जाए और साथ ही वाहन को तब ही आगे जाने दिया जाए जब चालक ओवरलोड सामान उतार दे परंतु ज्यादातर टोल बैरियरों पर यह नहीं हो रहा। उनके तैनात अधिकारी वाहन चालकों को ओवरलोङ्क्षडग करने की छूट दे रहे हैं। टोल प्लाजा की तरफ से ओवरलोड वाहनों से 10 गुना टोल फीस वसूलने की बजाय दोगुनाफीस वसूल कर उसे आगे जाने दिया जाता है, जबकि उसका सामान उतरवा कर उसके सामथ्र्य के मुताबिक वजन तोल कर आगे भेजा जाना चाहिए। टोल प्लाजा के अधिकारियों का कहना है कि टोल प्लाजा पर जगह की समस्या होने के कारण ओवरलोड वाहनों से सामान उतरवाना असंभव है।


80 फीसदी ओवरलोड वाहनों पर नहीं होती कार्रवाई
 सड़कों पर दौडऩे वाले ओवरलोड वाहन राजनीतिक पाॢटयों के साथ संबंध रखने वाले व्यक्तियों के हैं जब पुलिस इन वाहनों को घेर कर कार्रवाई करना चाहती है तो या तो उनको राजनीतिक दबाव का सामना करना पड़ता है या फिर प्रशासनिक अधिकारियों का जिस कारण 80 फीसदी ओवरलोड वाहनों को बिना कार्रवाई किए छोड़ दिया जाता है। सिर्फ इक्का-दुक्का वाहनों पर कार्रवाई की जाती है।


ओवरलोड वाहनों पर होगी कार्रवाई 

ओवरलोड वाहनों संबंधी जब रिजनल ट्रांसपोर्ट अथारिटी गुरप्रीत सिंह थिंद के साथ बातचीत की गई तो उन्होंने कहा कि ओवरलोड वाहनों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि ओवरलोड वाहनों को ट्रांसपोर्ट एक्ट के अंतर्गत 6500 रुपए से 10000 रुपए तक का जुर्माना किया जाता है। इसके अलावा उन वाहनों को बंद भी किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि यदि कोई वाहन चालक सरिया या अन्य सामान अपने वाहन के सामथ्र्य से बाहर रखता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।


 मुख्यमंत्री के आदेश नहीं किए गए लागू
मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह की तरफ से आदेश जारी किए गए थे कि ओवरलोड ट्रक, ट्रालियों को सड़कों के किनारे खड़े होने से तुरंत हटाया जाए क्योंकि इनके साथ धुंध और रात के समय हमेशा हादसे होते हैं। परंतु पुलिस प्रशासन ने लोगों की जान का दुश्मन बन रहे इन वाहनों को सड़कों के किनारे से अभी तक नहीं हटाया है। मुख्यमंत्री के आदेशों की तामील करना भी जरूरी नहीं समझा गया।


क्या कहना है जिला ट्रैफिक पुलिस के इंचार्ज का
ओवरलोड वाहनों संबंधी जब जिला ट्रैफिक पुलिस के इंचार्ज करनैल सिंह थिंद के साथ बातचीत की गई तो उन्होंने कहा कि सी.एम. सिटी होने के कारण ज्यादातर उनकी ड्यूटी वी.आई.पी. कार्यक्रमों में लगी होती है। समय मिलने पर वह ओवरलोड वाहनों के चालान काटते हैं। जब उनसे साल में हुए सड़क हादसों और ट्रैफिक पुलिस की तरफ से ओवरलोड वाहनों पर की कार्रवाई संबंधी पूछा गया तो उन्होंने कहा कि उनके ध्यान में नहीं है कि कितने वाहनों के चालान काटे गए हैं, वह रिकार्ड देख कर बता सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि ओवरलोड वाहनों पर कार्रवाई करने की जिम्मेदारी जिला ट्रांसपोर्ट विभाग की है। उनकी पकड़ में जो वाहन आ जाता है वह तो उस पर कार्रवाई करते हैं।


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