जल्दी अमीर बनने के लिए इस धंधे में शामिल हो रहे लोग, खबर उड़ा देगी होश

punjabkesari.in Wednesday, Oct 01, 2025 - 05:42 PM (IST)

कपूरथला(महाजन, भूषण): समाज में तेजी से बदलती जीवनशैली और बढ़ती भौतिक इच्छाओं ने युवाओं को एक खतरनाक राह की ओर मोड़ दिया है। त्वरित धन और ऐशो-आराम की लालसा में बड़ी संख्या में युवा नशे के कारोबार में शामिल हो रहे हैं।

उल्लेखनीय है कि शहर के मुख्य मोहल्ला लौहोरी गेट, महताबगढ़, गांव बूट, बादशाहपुर, तोती सहित कई ऐसे इलाकें हैं, जहां बड़ी संख्या में लोग रात के अंधेरे में नशे का कारोबार कर रहे हैं।

तेजी से अमीर बनने की चाह बना रही है अपराधी

आज के दौर में जहां मेहनत और लगन से सफलता पाने में समय लगता है, वहीं कई युवक कम समय में अधिक पैसे कमाने का शॉर्टकट खोजने लगते हैं। यही सोच उन्हें अवैध रास्तों की ओर धकेल रही है।

कथित राजसी नेताओं की भूमिका

“राजसी नेता” शब्द उन नेताओं पर लागू होता है, जो खुद को क्षेत्र का सर्वेसर्वा मानते हैं। उनका अंदाज शाही होता है-काफिला, समर्थक, बड़े-बड़े वादे और प्रभावशाली भाषण। लेकिन जब वही कुछ कथित नेता अपराधियों को संरक्षण देने लगते हैं, तब उनके “राजसी ठाट” के पीछे का अंधेरा उजागर होता है।

कई बार ऐसे कुछ कथित नेता अपराधियों को अपनी पुश्त-पनाह में रख कर उन्हें अपनी “निजी सेना” की तरह इस्तेमाल करते हैं। चाहे जमीन पर कब्जा करवाना हो, विरोधियों को सबक सिखाना हो या चुनावी गोटियां सेट करनी हों, इन सब कामों में अपराध जगत से जुड़े लोगों की सीधी भूमिका होती है।

इसके अलावा सूत्रों की मानें तो अपराध जगत से जुड़े लोगों को शरण देने वाले कथित नेताओं के लिए यह चुनावों के लिए मोटी रकम भी नेताओं को भेंट करते हैं।

नशे का बढ़ता जाल

नशे का धंधा अब केवल बड़े गिरोहों तक सीमित नहीं रहा, बल्कि स्थानीय स्तर तक फैल गया है। गली और मोहल्लों के आसपास छोटे-छोटे नेटवर्क बन चुके हैं, जिनमें युवा लड़के-लड़कियां यहां तक कि महिलाएं भी शामिल हो जाती हैं।

शुरूआत में वे खुद नशे के शिकार बनते हैं और बाद में पैसों की जरूरत पूरी करने के लिए सप्लायर का काम करने लगते हैं। इस धंधे में विदेशी नेटवर्क और सीमापार से हो रही तस्करी भी अहम भूमिका निभाती है।

समाज पर गहरा असर

नशे के कारोबार में शामिल लोग केवल खुद को ही नहीं, बल्कि पूरे समाज को बर्बादी की ओर ले जाते हैं। एक ओर परिवार की आर्थिक और सामाजिक स्थिति बिगड़ती है, वहीं दूसरी ओर अपराधों में भी इजाफा होता है।

नशे के पैसे से हथियारों की तस्करी, चोरी-डकैती और अन्य आपराधिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलता है। यह प्रवृत्ति युवाओं की ऊर्जा और प्रतिभा को नष्ट कर रही है, जिससे देश का भविष्य अंधकारमय हो सकता है।

कानून का शिकंजा

सरकार और प्रशासन लगातार इस अवैध कारोबार पर नकेल कसने की कोशिश कर रहे हैं। पुलिस समय-समय पर छापेमारी कर बड़े-बड़े रैकेट का पर्दाफाश करती है।

रोकथाम में समाज की भूमिका

नशे की समस्या केवल कानून और प्रशासन से नहीं सुलझ सकती। इसके लिए समाज और परिवार की भी महत्वपूर्ण भूमिका है। माता-पिता को चाहिए कि वे अपने बच्चों पर निगरानी रखें और उनके व्यवहार में आ रहे बदलावों पर ध्यान दें।

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Content Writer

Sunita sarangal

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