राशन डिपो से मिले 'काले चने' की तरफ नजर पड़ते ही भड़के लोग, वीडियो वायरल

punjabkesari.in Sunday, Nov 08, 2020 - 12:44 PM (IST)

लुधियाना (खुराना): प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के अंतर्गत गरीब और जरूरतमंद परिवारों में बांटे जा रहे काले चने की कथित घटिया गुण संबंधी सरकार प्रति आम जनता का गुस्सा फूटने लगा है। ताजा केस की बात करें तो विधानसभा हलका ईस्ट में पड़ते इलाका स्लैम टाबरी के पीरु बंदा मुहल्ले के डिपो मालिक ने खुद योजना के साथ जुड़े परिवारों का नेतृत्व करते हुए सरकार की तरफ से जनता को दिए जा रहे चने के संबंधी सरकार की पर निशाना साधा है।

उक्त केस संबंधी सोशल मीडिया पर वायरल हुई वीडियो क्लिप में काले चने के साथ भरी बोरियों को दिखाते हुए परिवारों ने कथित आरोप लगाऐ हैं कि सरकार की तरफ से गरीब जनता को मदद के नाम पर दिए जा रहे चने लोग तो क्या जानवरों के खाने लायक भी नहीं हैं, क्योंकि वो खराब होने के साथ ही बड़ी मात्रा में कंकड़ भी मिले हुए हैं।

यहां ये बताना जरूरी रहेगा कि केंद्र सरकार की तरफ से कोरोना महामारी के कारण स्मार्ट राशन कार्ड धारक परिवारों और जरूरतमंद लोगों को आर्थिक मदद पहुंचने के मकसद से प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के अंतर्गत जुलाई से नवंबर तक के 5 महीनों के लिए 25 किलो गेहूं प्रति व्यक्ति और 5 किलो दाल या फिर काले चने राशन डिपोओं की मार्फत मुहैया करवाने की योजना का यह हिस्सा है।

आम जनता का शोषण कर रहे डिपो मालिक
ज़्यादातर इलाकों में देखने में आया है कि डिपो मालिक और सिविल सप्लाई विभाग के कर्मचारी आपसी मिली-भगत कर आम जनता का शोषण कर रहे हैं, जिसमें न सिर्फ लोगों को दी जाने वाली गेहूं का बड़ा हिस्सा चोरी किया जा रहा है, बल्कि दाल और चने आदि प्रति कार्ड दो-ढाई किलो कम देकर काली कमाई खाई जा रही है। गरीब परिवारों की हो रही अंधी लूट को रोकने वाले विभागीय कर्मचारी ही जनता के रक्षक बनने की बजाय भक्षक बने हुए है। 


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Tania pathak

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