10 क्विंटल मिलावटी घी के गायब मामले में नया मोड़, जांच में सैंपल हुए थे फेल

punjabkesari.in Sunday, Jan 12, 2025 - 12:40 AM (IST)

लुधियाना (सहगल):  स्वास्थ्य विभाग द्वारा लगभग 3 वर्ष पहले बाडे़वाल में स्थित पंचशील बिहार की एक देसी घी का निर्माण करने वाली फैक्ट्री में छापा मार कर लगभग 10 क्विंटल देसी घी और सोयाबीन रिफाइंड तेल का स्टॉक जब्त किया गया था। बाद में इसके सैंपल जांच में फेल पाए गए यानी कि इसे खाने योग्य नहीं पाया गया। यह मामला 12 फरवरी 2022 का है। 

विशेषज्ञों के अनुसार यह एक सगींन मामला था जिस पर फौरन कार्रवाई होनी चाहिए थी क्योंकि फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड एक्ट की धाराओं के अनुसार अनसेफ फूड सैंपल के मामले में लाखों रुपए जुर्माना के साथ उम्र कैद तक का प्रावधान है।  परंतु कथित तौर पर मिली भगत के चलते स्वास्थ विभाग द्वारा इस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई इसके विपरीत कुछ दिनों में उक्त जप्त किया हुआ स्टॉक गायब हो गया।  स्वास्थ्य विभाग द्वारा एक जांच कमेटी का गठन कर इस मामले की जांच का जिम्मा सौंपा गया परंतु अपनी पहुंच के चलते जिला स्वास्थ्य अधिकारी और फूड सेफ्टी अफसर जांच की कार्रवाई को आगे डालते रहे। लगभग 3 वर्षों बाद जब उन्हें यह इल्म हुआ कि जांच कमेटी में वह अपने पर आरोप आने से नहीं बच पाएंगे तब जाकर पुलिस में स्टॉक की चोरी का मुकदमा दर्ज करा दिया गया। थाना सराभा नगर में 9 तारीख को फूड सेफ्टी अफसर तरुण बंसल द्वारा दर्ज कराए गए मुकदमे में पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की धारा 186, 201 तथा 380 के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है।

 
लोगों की सेहत से हुआ खिलवाड़, जिम्मेवार कौन ?

इस सारे प्रकरण में यह समझा जाता है कि गायब हुआ मिलावटी देसी घी का स्टॉक बाजार में बिक गया और इससे सैकड़ों लोगों की सेहत से खिलवाड़ हो गया। इस सारे खिलवाड़ के पीछे स्वास्थ्य विभाग की भूमिका भी संदिग्ध दिखाई देती है। अब जांच रिपोर्ट में स्वास्थ्य अधिकारी अपने महकमें के अधिकारियों को कैसे तर्क देकर बचाते हैं। यह जांच रिपोर्ट के आने के बाद पता चलेगा परंतु एक यक्ष प्रश्न निरंतर बना रहेगा की इस प्रकरण के पीछे जो बाजार में मिलावटी देसी घी के बिकने की बात की जा रही है तो उसके लिए किसके जिम्मेदारी तय की जाएगी।


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Content Editor

Subhash Kapoor

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