शिकायतों के निपटारे के लिए पुलिस की नई पहल, ऐसे होगी कानून व्यवस्था के लिए तुरंत कार्रवाई

punjabkesari.in Tuesday, May 02, 2023 - 04:53 PM (IST)

अमृतसर : अमृतसर पुलिस ने कानून व्यवस्था और शिकायतों के बीच तालमेल बनाकर दोनों के लिए अलग-अलग टीमें निश्चित कर दी है। अमृतसर के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि पुलिस ने इस प्रकार का असरदार एक्शन लिया है। इस सिस्टम के मुताबिक यदि किसी प्रार्थी को शिकायत होती है तो वह पुलिस की अलग टीम के पास पहुंचेगा। वहीं अगर कानून-व्यवस्था का मामला हो तो वहां पर पुलिस की अलग टीमें एक्शन में होंगी। 

कमिश्नरेट पुलिस द्वारा बनाए गए नए नियम के मुताबिक जहां पर जनता को राहत मिली है, वहीं पुलिस टीमों को भी असरदार ढंग से काम करने का मौका मिला है। नतीजन पिछले वर्ष की 28-2-2023 तक पेंडिंग 9238 शिकायतों में से 6845 शिकायतों का भी अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक एवं पुलिस कमिश्नर महानगर नौनिहाल सिंह के 2 महीने के कार्यकाल के बीच निपटारा कर दिया गया है।

वर्षों से चले आ रहे सामान्य सिस्टम में पुलिस को यदि किसी स्थान पर कानून-व्यवस्था बिगड़ने की जानकारी मिलती है तो वहां पर पुलिस स्टेशनों अथवा हैड-क्वार्टर से तुरंत टीमें निकल जाती हैं और मौके पर एक्शन लिया जाता है। इसी प्रकार यदि कोई व्यक्ति अपने किसी मामले में पुलिस को शिकायत करता है तो भी वहीं अधिकारी व कर्मचारी जांच करते थे। कुल मिलाकर कोई भी अधिकारी प्रार्थी की शिकायत पर जांच शुरू कर देता था और कोई छापामारी करने निकल जाता था, इसका कोई निर्धारित मापदंड नहीं था।

लंबित हो जाते थे जांच के मामले

दोनों तरफ ध्यान बंटा होने के कारण कई बार पुलिस टीमें इस बात का निर्णय नहीं ले पाती थी कि कौन-सा काम ज्यादा जरूरी है। इसमें पुलिस के पास कई दर्खास्त पेंडिंग पड़ी रहती थी, जिन पर कोई फैसला नहीं हो पाता था। प्रार्थी बार-बार चक्कर लगाते थे, लेकिन पुलिस टीम उन्हें समय नहीं दे पाती। ज्यादातर फौजदारी मामलों में पुलिस को अदालतों में जाना पड़ता है और पुलिस को समय न मिलने के कारण शिकायतकर्त्ता आखिरकार पैरवी करनी ही बंद कर देता था।

आरोपी को मिल जाता था लाभ

पिछले समय में कई मामले ऐसे देखे गए हैं, जिन पर 6-6 महीने तक कोई सुनवाई नहीं होती। इसका सीधा लाभ आरोपी पक्ष को मिल जाता है, क्योंकि लंबे अंतराल में वह कोई न कोई जुगाड़ लगाने में कामयाब हो जाता है। वहीं पुलिस द्वारा अधिक देरी करने के बाद पीड़ित शिकायतकर्त्ता का हौंसला भी टूटता है और उसके गवाह भी भाग जाते हैं। उधर, दूसरी तरफ यदि किसी बेकसूर को अपने ऊपर की गई दर्ज एफ.आई.आर. के संबंध में इंक्वारी लगानी हो तो भी पुलिस उसे समय नहीं दे पाती, जबकि कई बार संगीन केस दर्ज होने के उपरांत भी आरोपी गिरफ्तार नहीं हो पाते। अमृतसर पुलिस द्वारा अलग-अलग टीमें बनाने के कारण अब दोनों पक्षों को न्याय भी मिलेगा और पुलिस का समय भी बचेगा।

डॉयल-112 की शत-प्रतिशत शिकायतों का हुआ निपटारा

अमृतसर कमिश्नरेट पुलिस को मार्च महीने में 1040 मामले डायल 112 के माध्यम से और इसी प्रकार अप्रैल महीने में डॉयल 112 के माध्यम से 1136 शिकायतें प्राप्त हुईं। पुलिस के मुताबिक उपरोक्त 2176 शिकायतों पर शत-प्रतिशत निपटारा कर दिया गया है। वर्तमान समय में 2 महीने में कोई भी शिकायत पेंडिंग नहीं है।

इन अधिकारियों को दी गई कमान

ए.डी.सी.पी. सिटी-1 डा. मेहताब सिंह, एडीसीपी सिटी-1 प्रभजोत सिंह विर्क, ए.डी.सी.पी. सिटी-3 अभिमन्यु राणा शिकायतों की जांच करेंगे। उधर, चोरी, लूट, स्नैचिंग, महिलाओं के खिलाफ अपराध और साइबर क्राईम संबंधित शिकायतों का निवारण ए.डी.सी.पी. क्राइम, परविंदर कौर द्वारा किया जाएगा।

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News Editor

Kalash

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