एसजीपीसी ने केंद्र से राजोआना की दया याचिका पर जल्द फैसले का अनुरोध किया
punjabkesari.in Wednesday, Sep 22, 2021 - 10:21 AM (IST)
अमृतसर, 21 सितंबर (भाषा) सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) ने मंगलवार को केंद्र से बलवंत सिंह राजोआना की दया याचिका पर जल्द फैसला लेने का आग्रह किया, जिसे पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की हत्या के मामले में मौत की सजा सुनाई गई थी।
एसजीपीसी अध्यक्ष बीबी जागीर कौर ने कहा कि राजोआना की बहन कमलदीप कौर ने उनसे मुलाकात की और इस मामले में केंद्र से संपर्क करने को कहा।
पंजाब पुलिस के पूर्व कांस्टेबल राजोआना को 1995 में पंजाब सिविल सचिवालय के बाहर हुए एक विस्फोट में शामिल होने के लिए दोषी करार दिया गया था, जिसमें कांग्रेस नेता बेअंत सिंह और 16 अन्य की मौत हो गई थी।
केंद्र ने इस साल फरवरी में उच्चतम न्यायालय को बताया था कि बेअंत सिंह की हत्या के मामले में दी गई मौत की सजा को कम करने के अनुरोध वाली राजोआना की याचिका से संबंधित मामला राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के पास विचाराधीन है और इस पर एक फैसला लिया जाएगा।
एसजीपीसी प्रमुख ने कमलदीप कौर को आश्वासन दिया कि वह इस संबंध में केंद्रीय गृह मंत्रालय को पत्र लिखेंगी। उन्होंने केंद्र से राजोआना की दया याचिका के मामले में जल्द फैसला लेने की अपील की।
एसजीपीसी सिखों की सर्वोच्च धार्मिक संस्था है।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
एसजीपीसी अध्यक्ष बीबी जागीर कौर ने कहा कि राजोआना की बहन कमलदीप कौर ने उनसे मुलाकात की और इस मामले में केंद्र से संपर्क करने को कहा।
पंजाब पुलिस के पूर्व कांस्टेबल राजोआना को 1995 में पंजाब सिविल सचिवालय के बाहर हुए एक विस्फोट में शामिल होने के लिए दोषी करार दिया गया था, जिसमें कांग्रेस नेता बेअंत सिंह और 16 अन्य की मौत हो गई थी।
केंद्र ने इस साल फरवरी में उच्चतम न्यायालय को बताया था कि बेअंत सिंह की हत्या के मामले में दी गई मौत की सजा को कम करने के अनुरोध वाली राजोआना की याचिका से संबंधित मामला राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के पास विचाराधीन है और इस पर एक फैसला लिया जाएगा।
एसजीपीसी प्रमुख ने कमलदीप कौर को आश्वासन दिया कि वह इस संबंध में केंद्रीय गृह मंत्रालय को पत्र लिखेंगी। उन्होंने केंद्र से राजोआना की दया याचिका के मामले में जल्द फैसला लेने की अपील की।
एसजीपीसी सिखों की सर्वोच्च धार्मिक संस्था है।
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