राधा स्वामी सत्संग ब्यास के भवनों पर पंजाब मंत्रिमंडल का बड़ा फैसला

punjabkesari.in Thursday, Sep 17, 2020 - 07:14 PM (IST)

चंडीगढ़ः पंजाब सरकार ने राज्यभर में राधा स्वामी सत्संग ब्यास द्वारा स्थापित या प्रस्तावित सत्संग भवनों के लिए चेंज ऑफ लैंड यूज (सी.एल.यू.) फीस और कई अन्य शुल्क माफ करने का फैसला लिया है। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह की अध्यक्षता में आज यहां हुई मंत्रिमंडल की बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। इन भवनों पर सीएलयू के अलावा बाहरी विकास शुल्क (ईडीसी), मंजूरी फीस (पी.एफ), सामाजिक बुनियादी ढांचा फंड (एसआईएफ) और भवन जांच शुल्क माफ किए गए हैं। यह फैसला राधा स्वामी सत्संग ब्यास द्वारा अपने सत्संग और प्रकाशनों के माध्यम से महान संतों द्वारा प्यार, शांति, सछ्वावना और परस्पर भाईचारे की विश्व व्यापी शिक्षाओं के प्रसार में दिए गए उल्लेखनीय योगदान के मद्देनजर लिया गया। 

इन सत्संगों के माध्यम से लोगों को नशों से दूर रहने के लिए भी प्रेरित जाता है। इन शुल्कों की माफी से सरकारी खजाने पर 12.18 करोड़ रुपए का वित्तीय बोझ पड़ेगा। इससे पहले राज्य सरकार 10 मई, 2012 को एक अधिसूचना जारी कर शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी, दुर्ग्याना मंदिर अमृतसर और देवी तालाब मंदिर जालंधर द्वारा स्थापित किए शिक्षा, स्वास्थ्य, धार्मिक और सामाजिक संस्थाओं के लिए उपरोक्त शुल्क माफ कर चुकी है। मंत्रिमंडल ने बहु-कार्यक्षेत्र वाले विश्वविद्यालयों के लिए निर्मित क्षेत्र की शर्त 50000 वर्ग मीटर से घटाकर 30000 वर्ग मीटर और एक ही कार्य क्षेत्र वाले विश्वविद्याालयों के लिए यह शर्त 20000 वर्ग मीटर से घटाकर 10000 वर्ग मीटर किए जाने का फैसला कर लिया है। 

इस सम्बंध में सरकार ने ‘द पंजाब प्राईवेट यूनिवर्सिटी पॉलिसी-2010' में संशोधन करने का भी फैसला किया है। सरकार ने यह फैसला उच्च शिक्षा विभाग द्वारा मुख्य सचिव के नेतृत्व में गठित कमेटी की सिफारिशों के अनुसार लिया है। संशोधित नीति से उच्च शिक्षा के क्षेत्र में और ज्यादा पूंजी निवेश को बढ़ावा मिलेगा और यह उम्मीद की जा रही है कि दो और विश्वविद्यालय वैश्विक स्तर के विश्वविद्यालयों के सहयोग से राज्य में अपने कैम्पस स्थापित करेंगे। कैबिनेट द्वारा वर्ष 2010 की नीति के मौजूदा प्रावधान 4.3 (जी) में भी संशोधन करने का फैसला लिया जिससे प्रायोजक संस्था पट्टे पर ली गई जमीन, किसी सरकारी अथॉरिटी या ग्राम पंचायत से ली जमीन पर निजी विश्वविद्यालय स्थापित करने की पात्र होगी। इसके लिए पट्टा अवधि न्यूनतम 33 वर्ष के लिये होगी। राज्य सरकार इस नीति के तहत अब तक 14 निजी विश्वविद्यालयों को मंजूरी दे चुकी है तथा चार अन्य निजी विश्वविद्यालयों को मंजूरी विचाराधीन है।

बैठक में ‘द पंजाब कोऑपरेटिव ऑडिट (ग्रुप-बी) सर्विस रूल्ज, 2016 में संशोधन के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई जिसके तहत सीनियर सहायक (लेखा) पद का सीनियर सहायकों में विलय किया जाएगा जिससे सहकारिता विभाग के ऑडिट विंग में काम कर रहे सीनियर सहायक (लेखा) की पदोन्नति का मार्ग प्रशस्त होगा। मंत्रिमंडल ने पंजाब राज्य औद्योगिक विकास निगम (पी.एस.आई.डी.सी.) के माध्यम से राज्य सरकार द्वारा पंजाब अल्कलीज एंड केमिकल लिमिटेड (पी.ए.सी.एल.) में रखी गई 33.49 प्रतिशत बराबर हिस्सेदारी के रणनीतिक विनिवेश प्रक्रिया को अंतिम रूप देने के लिए कैबिनेट की एक उप समिति के गठन को भी मंजूरी प्रदान की जिसमें कैबिनेट मंत्री ब्रह्म मोहिंद्रा, मनप्रीत सिंह बादल और सुंदर शाम अरोड़ा शामिल होंगे। इसी तरह विनिवेश प्रक्रिया को लेकर अधिकारियों के कोर ग्रुप के गठन को भी मंजूरी प्रदान की जिसमें प्रधान सचिव वित्त, प्रधान सचिव उद्योग, प्रबंध निदेशक पी.एस.आई.डी.सी., प्रबंधक निदेशक पी.ए.सी.एल. के अलावा निदेशक उपनवेश और सार्वजनिक उद्यम इसके संयोजक होंगे।


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Mohit

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