पंजाब-हरियाणा में बजी खतरे की घंटी! लोगों का सांस लेना मुश्किल, पढ़ें पूरी खबर
punjabkesari.in Saturday, Oct 25, 2025 - 10:47 AM (IST)
बठिंडा (विजय) : दीवाली की आतिशबाजी के बाद पूरा उत्तर भारत जहरीली हवा की चपेट में आ गया है। बठिंडा सहित पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के कई शहरों में एयर क्वालिटी इंडैक्स (ए.क्यू) गंभीर श्रेणी में पहुंच गया है। प्रदूषण का स्तर आम दिनों के मुकाबले लगभग दोगुना हो गया है, जिससे लोगों का सांस लेना मुश्किल हो गया है। हवा में महीन धूल कणों की मात्रा इतनी बढ़ गई है कि कई जगहों पर विजिबिलिटी भी काफी कम हो गई है। बठिंडा में सुबह और शाम के समय हर तरफ धुंध और धुआं छाया रहता है।
अस्पतालों में हृदय और सांस के मरीजों की संख्या बढ़ी
अस्पतालों में हृदय और सांस संबंधी बीमारियों से पीड़ित मरीजों की संख्या तेज़ी से बढ़ रही है। आर गगन मल्टी स्पेशियलिटी हॉस्पिटल की प्रबंध निदेशक डॉ. गगनदीप गोयल का कहना है कि प्रदूषित हवा में मौजूद सूक्ष्म कण फेफड़ों में गंभीर संक्रमण पैदा कर सकते हैं। इसका असर बच्चों और बुजुर्गों पर ज़्यादा देखा जा रहा है। कई जगहों पर आँखों में जलन, गले में खराश, सिरदर्द और त्वचा में खुजली जैसी शिकायतें आम हो गई हैं। सिविल अस्पताल के डॉक्टरों का कहना है कि पिछले दो दिनों में सांस लेने में तकलीफ, खांसी और जुकाम के मरीजों की संख्या में करीब 30 फीसदी का इजाफा हुआ है। पर्यावरण विशेषज्ञों का मानना है कि आतिशबाजी से निकलने वाला धुआं, खेतों में पराली जलाना और ठंड के मौसम ने हवा में प्रदूषकों की मात्रा बढ़ा दी है। हवा में ठंडा तापमान होने के कारण प्रदूषण ऊपर नहीं जा पाता, जिससे वह जमीन के पास जमा हो जाता है। इससे शहर में सुबह के समय कोहरे और धुंध का असर और बढ़ जाता है।
अनावश्यक रूप से घर से बाहर न निकलने की सलाह : प्रशासन
प्रशासन ने लोगों को अनावश्यक रूप से घरों से बाहर न निकलने और बच्चों व बुजुर्गों के लिए विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी है। स्वास्थ्य विभाग ने नागरिकों से प्रदूषण से बचाव के लिए मास्क पहनने, घरों में पौधे लगाने और ए.आर. प्यूरीफायर का इस्तेमाल करने की अपील की है। हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. राजेश जिंदल ने बताया कि प्रदूषित हवा हृदय रोगियों और अस्थमा के मरीजों के लिए खतरनाक साबित हो सकती है। विशेषज्ञों का यह भी कहना है कि अगर आने वाले दिनों में हवा की दिशा नहीं बदली, तो हवा की गुणवत्ता और बिगड़ सकती है। बठिंडा समेत पूरे उत्तर भारत में प्रदूषण का यह स्तर जन स्वास्थ्य के लिए एक गंभीर चेतावनी है। प्रशासन ने ए.आर. निगरानी बढ़ाने और पराली जलाने पर सख्त कार्रवाई करने के आदेश जारी किए हैं। साथ ही, नागरिकों से आगामी त्यौहारों के दौरान पटाखों का इस्तेमाल न करने की अपील की है ताकि पर्यावरण को और नुकसान न पहुँचे।

