High Alert पर पंजाब, प्रशासन की लोगों से खास अपील, ना करें ये काम...
punjabkesari.in Monday, Aug 18, 2025 - 10:00 AM (IST)

अमृतसर (नीरज): जम्मू-कश्मीर की तरफ से रावी नदी में 1.50 लाख क्यूसिक पानी छोड़ा गया है, जो रात 10 बजे के करीब अजनाला के साथ बहते रावी दरिया में पहुंच गया। मामले की गंभीरता को देखते हुए जिला प्रशासन भी जो पहले से ही बाढ़ संभावित इलाकों में प्राथमिक प्रबंध कर चुका है हाई अलर्ट मोड पर आ गया है। जिला मैजिस्ट्रेट एव डिप्टी कमिश्नर साक्षी साहनी की तरफ से एक दर्जन के लगभग बाढ़ संभावित गांवों में 24 घंटों के लिए टीमें तैनात कर दी है, जिनके साथ मैनपावर के साथ-साथ मशीनरी जिसमें जेसीबी मशीनें व अन्य मशीनरी उपलब्ध करवा दी गई है, ताकि किसी भी प्रकार के हालात से निपटा जा सके। रावी दरिया की बात करें तो इस दरिया में एक लाख क्यूसिक पानी सहने की क्षमता है और जब भी इससे ज्यादा पानी रावी में आता है तो बाढ़ की संभावना बन जाती है दो वर्ष पहले भी रावी में पानी ज्यादा आने के कारण अजनाला के दर्जनों गांवों में नुक्सान हुआ था। फिलहाल प्रशासन किसी भी प्रकार की स्थिति से निपटने के लिए तैयार है, हाल ही में बाबा बकाला में जिस प्रकार से डी.सी. ने खुद मौके पर जाकर खेतों में घुस रहे पानी को एस.डी.एम. व स्थानीय जनता की मदद से बंद करवाया, उससे माना जा रहा है कि हालात काबू में रहेंगे।
कौन-कौन से गांव ज्यादा संवेदनशील
जानकारी के अनुसार जिला प्रशासन की तरफ से गांव घोनेवाल, सहारन, पंजग्राई, घुमराई, कोट राजदा और दरिया मूसा के इलाके में 24 घंटों के लिए सिविल व पुलिस की टीमों को तैनात कर दिया गया है, जो अति संवेदनशील माने जा रहे हैं, जबकि डी.आर.ओ. दफ्तर की तरफ से बाढ़ संभावित गांवों की सूचि में नंगल सौहल, गगड़, दूजोवाल, बल लबेदरिया, लखूवाल रमदास, कोटली जमीत सिंह, दूरिया, कलोमाहल, लगोमाहल, गगोमाहल, हरडक़लां, कोटलीअंब, चकओल, वंझावाला, जसड़, लखूवाल अजनाला, तलवंडी राएदाद, फतहवालवडा, इब्राहीमपुर, भूरोगिल, दयालपुरा, कयामपुरा, अबुसेब, कुरालिया, शहिजादा, निसोके, सिंघोके, तंगई, मलकपुर, चाहड़पुर के नाम भी शामिल हैं।
गांवों के सरपंचों व पंचों के पुलिस व प्र्रशासन के साथ तालमेल करने के निर्देश
डी.सी. साक्षी साहनी व एस.डी.एम. अजनाला की तरफ से बाढ़ संभावित सभी गांवों के सरपंचों, पंचों व गण्यमान्य को पुलिस व प्रशासन के साथ फोन पर तालमेल करने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि किसी भी प्रकार की स्थिति से निपटा जा सके। इस मामले में डी.सी. की तरफ से जिन टीमों को तैनात किया गया है, उनको सख्त निर्देश हैं कि इस काम में किसी भी प्रकार की लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, क्योंकि छोटी सी चूक भी भारी नुक्सान कर सकती है।
धुस्सी बांध पहले भी मचा चुका है तबाही
अजनाला के धुस्सी बांध की बात करें तो इसका किनारा कच्चा होने के कारण कई वर्ष पहले टूट गया था, जिससे सैकड़ों एकड़ फसल बर्बाद हो गई थी और किसानों को भारी नुक्सान उठाना पड़ा था। हालांकि इसके बाद समय समय की सरकारों की तरफ से धुस्सी बांध को मजबूत करने का काम किया गया और इसका खतरा कम है लेकिन ज्यादा पानी आने से हालात बिगड़ भी सकते हैं।
नदी किनारों से दूर रहें लोग प्रशासन पूरी तरह से मुस्तैद
डी.सी. साक्षी साहनी ने ब्यास दरिया व रावी दरिया के आसपास रहने वाले गांवों के लोगों को अपील की है कि नदी किनारों से दूर रहें और नहरों के पास भी न जाएं, क्योंकि बारिश का पानी ज्यादा आने के कारण नुकसान हो सकता है, लेकिन फिलहाल सबकुछ काबू में है और अंडरकंट्रोल है।
कुलदीप धालीवाल ने रावी दरिया का दौरा किया, दरिया पार खेती करने न जाएं किसान
विधायक कुलदीप सिंह धालीवाल की तरफ से भी रावी दरिया का दौरा किया गया और विशेष रुप से कमालपुरा चौकी का दौरा करते हुए लोगों से अपील की है कि दरिया के पार खेती करने के लिए ना जाएं और सुरक्षित स्थानों पर पहुंच जाएं। धालीवाल ने कहा कि पानी ज्यादा आने के कारण बाढ़ का खतरा बन सकता है। हालांकि सरकार की तरफ से हर प्रकार की स्थिति से निपटने के लिए पुख्ता प्रबंध किए गए हैं।