'इश्क-ए-सिसवां' ले डूबा कैप्टन को, अब क्या करेंगे...

punjabkesari.in Friday, Mar 11, 2022 - 12:05 PM (IST)

जालंधर : पंजाब में पिछले 5 साल में कांग्रेस की सरकार रही और पहले साढ़े चार साल कैप्टन अमरिन्दर सिंह राज्य के मुख्य मंत्री रहे। बाद में कैप्टन को हटा कर चरनजीत सिंह चन्नी को मुख्यमंत्री बना दिया गया। पंजाब में कांग्रेस की हार का एक बड़ा कारण कैप्टन को भी माना जाता है, क्योंकि पहले साढ़े चार साल कुछ नहीं हुआ। कैप्टन ने तब भी सिसवां फार्म के साथ अपना ‘इश्क ’ नहीं छोड़ा और जब कांग्रेस से बाहर हो गए और भाजपा का पल्ला पकड़ लिया तो भी वह सिस्वां फार्म से बाहर नहीं निकले। कहां बड़ी राजनीतिक पार्टियों के बड़े -बड़े नेता लोगों में जाकर वोट मांग रहे थे और कहां कैप्टन अमरिन्दर सिंह सिसवां फार्म में आराम फरमाते या अपने करीबी लोगों के साथ विचार - विमर्श करते रहते। यह सब फार्म हाऊस में चलता रहता। यदि कांग्रेस से बाहर आ कर कैप्टन ने थोड़ी मेहनत की होती तो शायद आज हार का मुंह न देखना पड़ता।

पूरी हुई इच्छा
कैप्टन अमरिन्दर सिंह ख़ुद तो चुनाव हार गए लेकन नवजोत सिंह सिद्धू को हराने की उनकी इच्छा ज़रूर पूरी हो गई। कांग्रेस से इस्तीफ़ा देने के बाद उन्होंने दावा किया था कि वह सिद्धू को चुनाव जीतने नहीं देंगे। अब सिद्धू को हराने में कैप्टन का कोई हाथ तो नहीं लेकिन उनकी इच्छा ज़रूर पूरी हो गई। कैप्टन ने 2017 में यह भी ऐलान किया था कि यह उनकी आखिरी चुनाव होगा लेकिन शायद वह उनकी आखिरी जीत थी। 

अब क्या करेंगे कैप्टन
पंजाब में कभी मुख्यमंत्री जैसे अहम पद पर रहे कैप्टन अमरेंद्र सिंह पंजाब की राजनीति में अब क्या करेंगे, यह बड़ा सवाल है। पंजाब लोक कांग्रेस नाम की पार्टी खड़ी करने के बाद भाजपा के साथ गठबंधन तो कर लिया लेकिनमैदान में उतारने के लिए उम्मीदवार बहुत मुश्किल के साथ मिले। अब कैप्टन की राजनीति क्या रहेगी, यह बड़ा सवाल है। 
 


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Vatika

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