पंजाब में लग गई ये सख्त रोक, जानें अपने जिले की Timing और Rule
punjabkesari.in Monday, Sep 15, 2025 - 02:30 PM (IST)

नवांशहर (त्रिपाठी): पंजाब के शहरों में नए नियम और नए आदेश जारी हुए है। इसी के तहत जिला नवांशहर के जिला मजिस्ट्रेट अंकुरजीत सिंह ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता के तहत मिले अधिकारों का प्रयोग करते हुए जिले में बिना सुपर एसएमएस लगी कॉम्बाइन मशीनों से धान की कटाई पर रोक लगाने के आदेश जारी किए हैं। जारी आदेशों के मुताबिक:
- कॉम्बाइन मशीन चलाते समय सुपर एसएमएस के पंखे अनिवार्य रूप से चालू रखने होंगे।
- कॉम्बाइन मालिक शाम 6 बजे से सुबह 10 बजे तक धान की कटाई नहीं करेंगे।
- धान की पराली और खेतों में बची फसल को जलाने पर पूरी तरह प्रतिबंध रहेगा।
डीसी ने किसानों से अपील की है कि खेतों में पराली न जलाएं ताकि जमीन की उर्वरक क्षमता बनी रहे और प्रदूषण न फैले। उन्होंने कहा कि अक्सर किसान रात में भी नमी वाला और अधपका धान कटवा लेते हैं, जिसे खरीद एजेंसियां खरीदने में हिचकती हैं और किसान को मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। इस वजह से सभी कॉम्बाइन मालिकों और किसानों को आदेशों का पालन करने के लिए कहा गया है। ये आदेश 14 नवंबर 2025 तक लागू रहेंगे।
रायकोट (भल्ला): डिप्टी कमिश्नर हिमांशु जैन ने कहा कि 16 सितंबर से शुरू हो रही धान की सुचारू खरीद सुनिश्चित करने के लिए किसानों को केवल 17% या उससे कम नमी वाला धान ही मंडियों में लाना चाहिए। उन्होंने कहा कि कॉम्बाइन मशीनें केवल सुबह 10 बजे से शाम 6 बजे तक ही चलेंगी और आदेश तोडऩे पर कॉम्बाइन जब्त होंगी। डीसी ने कहा कि मंडियों और अस्थायी यार्डों में सभी प्रबंध पूरे कर लिए गए हैं और किसानों को धान बेचने में कोई दिक्कत नहीं आएगी।
पटियाला (मंदीप जोसन, राजेश पंजोला, राणा): पटियाला की अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट मैडम सिमरप्रीत ने जिले में फसल अवशेष (पराली) जलाने पर रोक से जुड़े नए आदेश जारी किए हैं। एडीसी ने आदेश दिया कि नए शस्त्र लाइसेंस जारी करने या पुराने लाइसेंस के नवीनीकरण के समय आवेदक के जमीन रिकॉर्ड की जांच की जाएगी। यदि आवेदक पर पराली जलाने का मामला दर्ज है, तो उसे नया शस्त्र लाइसेंस नहीं मिलेगा और पुराने लाइसेंस का नवीनीकरण भी रोक दिया जाएगा।
अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट सिमरप्रीत ने स्पष्ट किया कि जिले में धान की पराली को आग लगाने पर पूर्ण पाबंदी रहेगी। आदेश में कहा गया है कि धान की कटाई के बाद जमीन मालिक पराली को आग लगा देते हैं, जिससे हवा में धुआं फैलता है, प्रदूषण बढ़ता है और पर्यावरण पर बुरा असर पड़ता है। साथ ही बड़ी घटनाओं की संभावना बढ़ जाती है और अमन-कानून की स्थिति को खतरा पैदा हो सकता है। ये आदेश जिले में 11 नवंबर 2025 तक लागू रहेंगे।