पंजाब के Students के लिए बड़ी खबर, SCERT ने शेड्यूल किया जारी, अध्यापकों को भी...
punjabkesari.in Thursday, Dec 11, 2025 - 11:39 AM (IST)
लुधियाना(विक्की): पंजाब सरकार ने राज्य के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले नन्हे बच्चों के सर्वांगीण विकास को सुनिश्चित करने की दिशा में अहम कदम उठाया है। स्टेट कौंसिल फॉर एजुकेशन रिसर्च एंड ट्रेनिंग (एस.सी.ई.आर.टी.), पंजाब ने प्री-प्राइमरी कक्षाओं (नर्सरी, एल.के.जी. और यू.के.जी.) के बच्चों के दूसरे मूल्यांकन असैसमैंट का शैड्यूल जारी कर दिया है। विभाग ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि इन छोटे बच्चों की कोई लिखित परीक्षा नहीं होगी, बल्कि खेल-खेल में गतिविधियों के माध्यम से उनका अवलोकन किया जाएगा।
एस.सी.ई.आर.टी. द्वारा जारी पत्र के अनुसार 3 से 6 वर्ष के बच्चों को प्राथमिक शिक्षा के लिए तैयार करने के उद्देश्य से चलाई जा रही इन कक्षाओं का मूल्यांकन बेहद मनोवैज्ञानिक ढंग से किया जाएगा। शिक्षकों को निर्देश दिए गए हैं कि वे बच्चों को खेल विधि से गतिविधियां करवाएं और उसी दौरान उनका अवलोकन करें। मूल्यांकन के पांच मुख्य क्षेत्र निर्धारित किए गए हैं शारीरिक विकास, बौद्धिक विकास, सामाजिक और भावनात्मक विकास, भाषाई विकास (पंजाबी) और अंग्रेजी भाषा विकास। इन सभी क्षेत्रों में बच्चों के कौशल को तीन स्तरों पर परखा जाएगा।
रिपोर्ट कार्ड पर कोई नकारात्मक टिप्पणी नहीं
विभाग ने शिक्षकों के लिए एक विशेष और संवेदनशील निर्देश जारी किया है। रिपोर्ट कार्ड के अंतिम जांच कॉलम में बच्चे द्वारा हासिल किए गए 'उच्चतम स्तर' को ही भरा जाएगा। सबसे अहम बात यह है कि रिपोर्ट कार्ड के आखिरी पन्ने पर टिप्पणी लिखते समय शिक्षक यह सुनिश्चित करेंगे कि बच्चे के बारे में केवल सकारात्मक टिप्पणी ही लिखी जाए। किसी भी बच्चे के लिए नकारात्मक शब्दों का प्रयोग नहीं किया जाएगा। इसके अलावा, हर बच्चे का मूल्यांकन परिणाम उनके माता-पिता के साथ साझा करना अनिवार्य होगा। इस संबंध में एस.सी.ई.आर.टी. द्वारा सभी जिला शिक्षा अधिकारियों (एलीमैंटरी शिक्षा) को पत्र जारी कर इन आदेशों का पालन यकीनी बनाने को कहा गया है। शिक्षकों को निर्देश दिए गए हैं कि वे पत्र के साथ संलग्न प्रोफार्मा भरकर रिकॉर्ड संकलित करें और समय सीमा के भीतर पोर्टल पर डेटा अपलोड करने का कार्य मुकम्मल करें।

