PU के विद्यार्थियों का कमाल, किया ऐसा काम कि हर तरफ हो रही चर्चा

punjabkesari.in Tuesday, Jul 12, 2022 - 02:02 PM (IST)

चंडीगढ़(रश्मि हंस): बी.ई. के स्टूडैंट ने ऑटोमैंटिक तिरपाल तैयार की है, जो मोबाइल एप के जरिये ऑप्रेट की जा सकेगी। इस तिरपाल को बारिश या अन्य जरूरत के समय ट्रैक्टर, ट्रक पर सिर्फ एक क्लिक से प्रयोग किया जा सकेगा। अभी तक ट्रक या ट्रैक्टर पर चालक रस्सी बांधकर ही तिरपाल लगाते हैं। इसमें समय और एनर्जी भी लगती है, लेकिन आटोमैटिक तिरपाल को लगाने के बाद मोबाइल फोन से एक कमांड देनी होगी। इसके बाद तिरपाल खुद ब खुद ट्रक या ट्रैक्टर को कवर कर लेगी। पी.यू. के यूनिवर्सिटी ऑफ इंजीनियरिंग टैक्नोलॉजी (यू.आई.ई.टी.) के मैकेनिकल विभाग के स्टूडैंट ने टैकनोलॉजी इनेबलिंग सैंटर (टी.ई.सी.) के बी.ई. फाइनल ईयर के स्टूडैंट ने यह तिरपाल तैयार की है। इस तिरपाल को जुवराज सिंह, शुभकरमन, विश्नजीत सिंह ने गाइड सुरजीत की गाइडैंस में तैयार किया है। जुवराज ने बताया कि अब तिरपाल 20 हजार की रेंज में तैयार की गई है, लेकिन जब मार्कीट में आएगी तो रेट कम होगा। स्टूडैंट ने बताया कि अभी इस किस्म की तिरपाल इंडस्ट्री में प्रयोग होती है। तिरपाल को बनाने में आरडीनो, सीएनसी-शील्ड, एचसी-5, स्टेपर मोडर, मोटर ड्राइवर आदि का प्रयोग किया गया है।

खेतीबाड़ी की देखरेख के लिए तैयार किया ड्रोन
एक ड्रोन तैयार किया है, जो पूरी तरह कम्प्यूटर से कंट्रोल हो सकेगा। कम्प्यूटर में ड्रोन को उडऩे और वापस लैंड करने के लिए कोड भरने होंगे। इसके बाद वह अपना काम करके वापस आ जाएगा। यह ड्रोन एग्रीकल्चर के क्षेत्र में देख-रेख करने के नजरिए से बहुत बेहतर है। किसान घर बैठे खेतों पर नजर रख सकते हैं। वह दिन और रात के समय ड्रोन में लगे कैमरे से यह नजर रख सकेंगे। फिलहाल यह ड्रोन अढाई किलोमीटर की हाइट तक 10 मिनट तक उड़ सकता है। स्टूडैंट आदेश और पारस ने बताया कि ड्रोन में और अधिक पावर की बैटरी लगाकर उडऩे की क्षमता को बढ़ाया जा सकता है। ड्रोन में जायरो सैंसर, बैरोमीटर, कम्पास और जी.पी.एस. का प्रयोग किया गया है। इस ड्रोन का करीब वजन 850 ग्राम है।

कपड़ों के लिए कम्प्यूटराइज ग्राफिक तैयार किए
अभी तक जो डिजाइन हाथों से तैयार किए जाते थे, उन्हें भी कम्प्यूटर पेन के जरिये खुद ही कागज पर तैयार करेगा। इसके लिए स्टूडैंट ने लेजर एडिड फैब्रिक कटिंग सी.एन.सी. मशीन को तैयार किया है, जो कम्प्यूटर के साथ अटैच रहेगी। कम्प्यूटर के साथ डिजाइन को लिंक कर जी कोड जैनरेट करेगा जिससे पेपर पर पूरा डिजाइन तैयार कर देगा। यह मशीन को टैक्सटाइल इंडस्टरी के लिए तैयार किया गया है। इस मशीन में स्टेपर मोडर, सर्वो मोटर, आर्डिनों, सी.एन.सी. शील्ड व मोटर ड्राइवर का प्रयोग कि या गया है। यह प्रोजैक्ट स्टूडैंट राहुल कुमार, राहुल गुप्ता और समीर प्रजापति ने तैयार किया है। इसके अलावा स्टूडैंट ने युवी सेनीटाईजेशन मशीन रूम सैनीटाइज करने के लिए, ई-स्कूटर जैसे कई प्रोजैक्ट प्रैजैनटेशन में डिस्पले किए। स्टूडैंट ने बताया कि कोरोना के कारण रिसर्च प्रोजैक्ट पर अब ही काम कर पाए हैं। इन प्रोजैक्ट को उन्होंने इसी सैमेसटर में तैयार किया है। 

 

 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Vatika

Recommended News

Related News