मुख्यमंत्री की ओर से बड़ी ग्रांट न देने कारण वित्तीय संकट में फंसी पंजाबी यूनिवर्सिटी

punjabkesari.in Thursday, Feb 28, 2019 - 10:16 AM (IST)

पटियाला (जोसन): पंजाब के विद्यार्थियों को सबसे सस्ती विद्या मुहैया करवा रही मुख्यमंत्री के जिले की पंजाबी यूनिवर्सिटी पटियाला इस समय पंजाब सरकार की ओर से बड़ी ग्रांट ने देने कारण वित्तीय संकट में फंस गई है। पी.यू. की सिंडीकेट ने आज लगभग 500 करोड़ रुपए के घाटे वाले बजट को पास कर दिया है और इस बार फिर वेतन देने के लिए बड़ा कर्ज उठाने की तैयारी कर ली है।

वित्तीय तौर पर डूबती जा रही यूनिवर्सिटी को बाहर निकालने का आज सिंडीकेट मैंबर्स को भी कोई हल नजर नहीं आया। हालांकि इस सिंडीकेट में पंजाब सरकार ने कांग्रेस पार्टी के नेताओं को भी मैंबर नियुक्त किया हुआ है। यूनिवर्सिटी वित्तीय वर्ष में लगभग 750 करोड़ खर्च करने का बजट बनाए बैठी है परन्तु आय लगभग 350 करोड़ रुपए के लगभग ही होनी है। इस कारण भविष्य पी.यू. के लिए भयानक होगा। 400 करोड़ रुपए की कमी तो सीधे ही बजट में है और इसके साथ पी.यू. को एरियर आदि देने पडऩे हैं। इस कारण यह कमी 500 करोड़ को पार कर जाएगी। पंजाबी यूनिवर्सिटी पिछले लंबे समय से लगातार घाटे में चल रही है। इस सरकार ने एक बड़े विद्वान और अर्थशास्त्री डा. बी.एस. घुम्मण को इस यूनिवर्सिटी का वाइस चांसलर नियुक्त किया था। उन्होंने अपनी समझ के साथ यूनिवर्सिटी में जहां शांति स्थापित की, वहीं इसको चलाने के यत्न भी किए हैं। परन्तु इस समय यदि सरकार इस यूनिवर्सिटी को बड़ी ग्रांट नहीं देती तो यह यूनिवर्सिटी वित्तीय संकट में फंस जाएगी। सिंडीकेट बैठक में हरिन्दरपाल सिंह हैरीमान, राजेश शर्मा पंजौला, मेजर ए.पी. सिंह, डा. हरपाल कौर, डा. परमिंदर कौर, डा. अमिता कौशिक और डा. लखविन्दर गिल भी शामिल थे।

सभी प्रस्ताव हुए पास : कॉन्ट्रैक्ट अध्यापकों को किया एडहॉक पर
इस मौके पर रजिस्ट्रार डा. निज्झर ने बताया कि बैठक में साल 2019-20 के बजट के साथ-साथ सभी प्रस्तावों को भी सिंडीकेट की तरफ  से स्वीकृत कर लिया गया। सिंडीकेट ने वित्त समिति में 2 प्रतिनिधि लगाने का अधिकार भी वाइस चांसलर को प्रदान कर दिया। साथ ही कॉन्ट्रैक्ट अध्यापकों को एडहॉक पर कर दिया है जिसके साथ अध्यापकों के वेतन 30 हजार से 46 हजार रुपए कर दिए गए हैं।इस तरह करियर एडवांसमैंट स्कीम अधीन अध्यापन स्टाफ की तरक्कियों को मंजूरी दी गई। इसके साथ ही पिछले समय में गैर-अध्यापन स्टाफ के डिप्टी रजिस्ट्रार, सहायक रजिस्ट्रार और सुपरिंटैंडैंट्स की हुई तरक्कियों को भी स्वीकृत किया गया। सैंटर फॉर लाइफ लर्निंग की स्थापना संबंधी प्रस्ताव की मंजूरी के अलावा पंजाबी यूनिवर्सिटी की तरफ  से पिछले समय में अलग-अलग संस्थाओं के साथ किए गए सभी समझौतों को भी स्वीकृत कर लिया गया। सिंडीकेट की तरफ  से सरकार/यू.जी.सी. की तरफ  से जारी नोटीफिकेशन्ज को भी लागू करन की मंजूरी दी गई। सिंडीकेट की तरफ  से पिछले समय अलग-अलग पदों पर हुई नियुक्तियों को भी मंजूरी दी गई।

पंजाब के नौजवानों को पी.यू. बचा रही
पंजाब के नौजवान लड़के और लड़कियों को तो एक तरह पी.यू. बचा रही है। फीसें बेहद कम होने के कारण पी.यू. को इन्कम के साधन बहुत कम हैं। पंजाब में चल रही प्राइवेट यूनिवर्सिटी के मुकाबले पी.यू. सभी पाठ्यक्रमों में आधी से भी कम फीस लेती है परन्तु यहां प्रोफैसरों के वेतन पंजाब सरकार के स्केलों मुताबिक हैं जिस कारण हर साल पी.यू. को वेतन ही अपने बोझ नीचे दबा देता है।

घपलों संबंधी विशेष सिंडीकेट बैठक 15 को
पी.यू. ने यूनिवर्सिटी में पिछले समय हुए घपलों संबंधी विशेष सिंडीकेट बैठक 15 मार्च को बुलाई गई है। याद रहे कि सीनियर आई.ए.एस. अधिकारी अनुराग वर्मा को जब पी.यू. का एक्टिंग वी.सी. लगाया गया था तो उन्होंने अकाली सरकार समय हुए अलग-अलग घपलों के लिए समितियां गठित की थीं। इस संबंधी फिर मौजूदा वी.सी. ने भी एक उच्च स्तरीय समिति बना कर जांच करवाई थी और यह रिपोर्ट सभी लिफाफों में बंद है। इन पर चर्चा अब 15 मार्च को होगी।


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Anjna

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