अधिकारियों समेत 7 सहायक प्रोफैसरों को ''नोटिस'' भेजेगी पंजाबी यूनिवर्सिटी

punjabkesari.in Sunday, Oct 04, 2020 - 12:53 PM (IST)

पटियाला: पंजाबी यूनिवर्सिटी द्वारा उन अधिकारियों और 7 सहायक प्रोफैसरों को कारण बताओ नोटिस भेजा जाएगा, जिनकी भर्ती साल 2010 और 2011 में कथित जाली अनुसूचित जाति और पिछड़ी श्रेणियों के सर्टिफिकेट के आधार पर की गई थी। गत 30 सितम्बर को हुई एक मीटिंग दौरान इस मुद्दे पर विचार विमर्श किया गया, जिस दौरान यूनिवर्सिटी को इन अध्यापकों की नियुक्ति में शामिल अधिकारियों संबंधी जिम्मेदारी तय करने के लिए कहा गया।

इनमें से ज्यादातर नियुक्तियां यूनिवर्सिटी कालेज आफ इंजीनियरिंग में से की गई हैं। मार्च, 2017 में पूर्व वाइस चांसलर जसपाल सिंह के इस्तीफे के बाद इस पद पर उस समय के हायर एजुकेशन सैक्ट्री अनुराग वर्मा को नियुक्त किया गया था और अनुराग वर्मा को साल 2007 से लेकर 2017 दौरान यूनिवर्सिटी के कामकाज में कथित बेनियमियों की शिकायतें मिलीं थीं।

रिर्सच स्कालर हरविन्दर सिंह संधू की ओर से दायर की गई शिकायत के आधार पर अनुराग वर्मा ने अप्रैल, 2017 में इस मामले की जांच के निर्देश दिए थे। इसके बाद 2 सदस्यीय जांच कमेटी की ओर से मई, 2017 को दायर की रिपोर्ट में भर्ती दौरान उम्मीदवारों द्वारा दिखाए गए अनुसूचित जाति और कम संख्या के सर्टिफिकेट जाली पाए गए। जांच दौरान यह भी सामने आया कि उक्त उम्मीदवारों की चयन प्रक्रिया दौरान समाज भलाई विभाग के नुमायंदे को भी शामिल नहीं किया गया था।

उच्च शिक्षा सचिव राहुल भंडारी द्वारा भर्ती में शामिल संबंधित अधिकारियों और सहायक प्रोफैसरों को कारण बताओ नोटिस भेजने के लिए कहा गया है। राहुल भंडारी ने कहा कि यूनिवर्सिटी को ऐसे अधिकारियों की जिम्मेदारी तय करने की जरूरत है जिससे उसके मुताबिक आगे की कार्यवाही की जाए।
 


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Sunita sarangal

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