विदेश से वापस नहीं लौटने वालों में Punjabi सबसे आगे... हैरानीजनक आंकड़े आए सामने

punjabkesari.in Monday, Sep 30, 2024 - 06:57 PM (IST)

पंजाब डेस्क : विदेश से वापस लौटने वालों को लेकर हैरानीजनक आंकड़े सामने आए हैं, जिसमें पंजाब पहले नंबर है। एक रिपोर्ट सामने आई है, जिसे पढ़ने के बाद ये बात सामने आई है कि विदेश गए पंजाबी वापस घर नहीं आते। इस रिपोर्ट के मुताबिक देशभर के अलग-अलग राज्यों से जुटाए गए आंकड़ों से यह तथ्य सामने आया है कि विदेश से वापस नहीं लौटने वालों में पंजाबी सबसे आगे हैं।

दरअसल, हाल के वर्षों में "साइबर गुलामी" या "साइबर तस्करी" के मामले तेजी से बढ़े हैं और इसका सीधा असर दक्षिण पूर्व एशिया के विभिन्न देशों में फंसे भारतीय नागरिकों पर पड़ा है। इस संदर्भ में साइबर गुलामी उन स्थितियों को दर्शाती है जहां भारतीयों को बेहतर नौकरियों या आकर्षक वेतन के बहाने विदेशों में आमंत्रित किया जाता है, लेकिन वहां पहुंचने पर उन्हें धोखाधड़ी, अवैध साइबर गतिविधियों या अन्य अवैध गतिविधियों में शामिल होने के लिए मजबूर किया जाता है। यह खबर गंभीर चिंता का विषय है। "साइबर गुलामी" में भारतीय नागरिक, विशेषकर पंजाब से, दक्षिण पूर्व एशिया में फंसे हुए हैं। रिपोर्टों के अनुसार, लगभग 30,000 भारतीय नागरिकों, जिनमें से ज्यादातर पंजाब से हैं, को विभिन्न साइबर जालसाजों द्वारा धोखाधड़ी और शिकारी स्थितियों में फंसाया गया है। पंजाबियों की संख्या कुल संख्या की 50-60 प्रतिशत हो सकती है।

अच्छी बात यह है कि सरकार और संबंधित एजेंसियों ने इस स्थिति को गंभीरता से लिया है और वापसी के प्रयास तेज कर दिए हैं। भारत सरकार ने इन नागरिकों की सहायता के लिए बचाव अभियान और दूतावास के माध्यम से सहायता जैसे कदम उठाए हैं। यह स्थिति न सिर्फ फंसे हुए लोगों के लिए बल्कि उनके परिवारों के लिए भी चिंताजनक है। 

जारी हुए आंकड़े  

पूरे भारत में समस्या की गंभीरता को उजागर करने वाले आंकड़े बताते हैं कि पंजाब (3667), महाराष्ट्र और तमिलनाडु के अलावा, उत्तर प्रदेश (2,946), केरल (2,659), दिल्ली (2,140), गुजरात (2,068), और हरियाणा (1,928) सैकड़ों से ज्यादा लोग लापता हैं। कर्नाटक, तेलंगाना और राजस्थान में भी सैकड़ों लोगों के लापता होने की सूचना है, जबकि पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश और बिहार जैसे राज्यों में कम लोग लापता हैं। विशेष रूप से, दिल्ली हवाई अड्डे (12,493) से सबसे अधिक संख्या में लोग नहीं लौटे हैं। उसके बाद, मुंबई (4,699), कोलकाता (2,395) और कोच्चि (2,296) हवाई अड्डों पर गैर-वापसी करने वालों की संख्या सबसे अधिक थी।

भर्ती धोखाधड़ी:

कई भारतीय नागरिक, विशेषकर छोटे गांवों और कस्बों से, इन फर्जी नौकरी रैकेटों के जाल में फंस जाते हैं। उन्हें अच्छे वेतन और बेहतर जीवनशैली के झूठे वादों का लालच दिया जाता है। एजेंट उन्हें नौकरी के नाम पर म्यांमार, कंबोडिया, लाओस और थाईलैंड जैसे दक्षिण पूर्व एशियाई देशों में भेजते हैं लेकिन असल में वे साइबर अपराधों में शामिल होते हैं। जब ये लोग वहां पहुंचते हैं तो साइबर फ्रॉड जैसी गैरकानूनी गतिविधियों में लग जाते हैं। इसमें ऑनलाइन धोखाधड़ी, फर्जी वेबसाइट और फिशिंग हमले शामिल हैं। इन लोगों को उनकी इच्छा के विरुद्ध काम करने के लिए मजबूर किया जाता है। मना करने पर उन्हें शारीरिक या मानसिक उत्पीड़न का सामना करना पड़ता है।

पंजाब इस समस्या से सबसे ज्यादा प्रभावित राज्यों में से एक है। पंजाब से बड़ी संख्या में लोग नौकरी की तलाश में विदेश जाते हैं और उनमें से कई ऐसे घोटालों का शिकार हो जाते हैं। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, लगभग 30,000 भारतीय, जिनमें से अधिकांश पंजाब से हैं, अभी भी इन देशों में फंसे हुए हैं। पंजाब पुलिस और अन्य सुरक्षा एजेंसियों ने फर्जी भर्ती एजेंटों के खिलाफ कई कार्रवाई की है। 2022 में पंजाब में 300 से ज्यादा फर्जी एजेंट पकड़े गए, जो लोगों को विदेश भेजने का काम कर रहे थे।

दक्षिण पूर्व एशिया के कुछ देशों ने साइबर-गुलामी रैकेट पर नकेल कस दी है। उदाहरण के लिए, म्यांमार और कंबोडिया में कई रैकेट का भंडाफोड़ किया गया है, जहां से भारतीय नागरिकों को बचाया गया है। ऐसे मामले केवल शारीरिक और मानसिक शोषण तक ही सीमित नहीं हैं। कई बार इन भारतीय नागरिकों को नौकरी दिलाने के नाम पर बदमाश 1 लाख से लेकर 5 लाख रुपये तक की मोटी रकम वसूल लेते हैं। भारत सरकार और संबंधित दूतावास इन मामलों को गंभीरता से देख रहे हैं। विभिन्न बचाव अभियान और सहायता प्रदान करने के प्रयास किए जा रहे हैं। कई लोगों को वापस लाने की कोशिश की गई है, लेकिन अभी भी बड़ी संख्या में लोग फंसे हुए हैं, जिन्हें निकालने का काम जारी है।

ऐसे करें बचाव

  • किसी भी विदेशी नौकरी के प्रस्ताव को स्वीकार करने से पहले उसके बारे में पूरी जानकारी जुटा लें।
  • विदेश में नौकरियों के लिए केवल सरकारी प्रमाणित एजेंसियों या विश्वसनीय भर्ती एजेंसियों के माध्यम से ही आवेदन करें।
  • विदेश जाने के बाद अपने परिवार और दोस्तों के संपर्क में रहें और उन्हें अपनी कार्य स्थिति के बारे में सूचित करते रहें।
  • समस्या बड़ी और जटिल है और इस पर अंकुश लगाने के लिए जागरूकता और सरकारी हस्तक्षेप की आवश्यकता है। भारतीय नागरिकों को जागरूक और सचेत रहना चाहिए ताकि वे ऐसे जाल में न फंसें और अपना भविष्य सुरक्षित कर सकें।

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News Editor

Kamini

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