रेगिस्तान में पकने वाली खजूर को मिलने लगा पंजाब में राजस्थान जैसा मौसम

punjabkesari.in Thursday, Jul 12, 2018 - 12:04 PM (IST)

अमृतसर (स.ह., नवदीप) : खजूर की खेती रेगिस्तान में होती है, अधिकतम 50 डिग्री सेल्सियस व न्यूनतम 5 डिग्री सेल्सियस तक खजूर की सहनशक्ति होती है। यह वहीं पैदा होती हैं जहां गर्म हवाएं चले व कम वर्षा हो। जुलाई-अगस्त माह में पकने वाली खजूर को रेगिस्तान जैसी गर्म हवाएं मीठा बनाती है। खजूर का पेड़ उन्हीं क्षेत्रों में फल देता है ।

जहां उसे रेगिस्तान जैसा अनुकूल वातावरण मिलता है। पश्चिमी राजस्थान व पंजाब के कुछ इलाके में खजूर की खेती की जाती है। अबोहर, श्री गंगानगर, सिरसा, जोधपुर, बीकानेर, जैसलमेर जैसे शुष्क तापमान वाले स्थानों पर खजूर की पैदावार खूब होती है। बात करें गुरु नगरी अमृतसर की तो यहां पर भी अब खजूर पकने लगी है। 

PunjabKesariएयरपोर्ट रोड व जी.टी. रोड पर राजस्थान से मंगवा कर डिवाइडर पर लगाए गए खजूर के पेड़ों में जहां खजूर पकने लगी हैं । वहीं शहर के अमीर घरानों में खूबसूरती के लिए लगाए खजूर के पेड़ों में खजूर पक कर तैयार है। ऐसे में शहर ही नहीं राज्य के हर नागरिक को समझना होगा कि अब 5 दरियाओं की धरती पंजाब में रेगिस्तान की खजूरें पकेंगी, तो आगे क्या हाल होगा । अगर समय रहते पानी न बचाया गया, पेड़ न लगाया गया और बरसात के पानी को जमीन में न मिलाया गया तो यह जमीन बंजर हो जाएगी और पंजाब रेगिस्तान बन जाएगा। प्रकृति बड़ी बलवान है, पेड़ लगाएं और पानी बचाएं।PunjabKesari

यह रेगिस्तान की फसल है, पंजाब रेगिस्तान बन रहा : वेरका
जंडियाला विधानसभा क्षेत्र के पूर्व विधायक डा. दलबीर सिंह वेरका ने ‘पंजाब केसरी’ से खजूर का प्रमाण देकर लोगों को परिणाम भुगतने के पहले जागरूक करने का मंच मांगते हुए कहा कि पानी का गिरता जलस्तर, कटते पेड़ प्रकृति से खिलवाड़ का नतीजा है। यही वजह है कि रेगिस्तान की गर्म हवाओं में पकने वाली मीठी खजूर अब अमृतसर में पकने लगी है। इससे बात साफ है कि पानी न बचाया गया तो एक दिन पंजाब रेगिस्तान बन जाएगा। 

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