राजनीति में किस्मत आजमाने वाले किसान नेताओं को लेकर बोले राकेश टिकैत

punjabkesari.in Saturday, May 28, 2022 - 04:21 PM (IST)

लुधियाना (सलूजा): जो भी किसान नेता या किसान पदाधिकारी चुनाव नहीं लड़े या भविष्य में भी चुनाव नहीं लड़ना चाहते, उनकी किसान संगठनों में वापिसी हो जानी चाहिए। लेकिन जो किसान नेता सी.एम. बनने के सपने ले रहे है, उनकी वापिसी नहीं होनी चाहिए। जब-जब भी किसान नेताओं ने चुनाव लड़ा तब ही किसान संगठनों को नुकसान उठाना पड़ा। विधानसभा पंजाब के चुनाव लड़ने से लेकर आज तक किसान संगठनों का राजनीति की बीमारी से पल्लां नहीं छुटा।

भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय महासचिव राकेश टिकैत आज संयुक्त किसान मोर्चा की मीटिंग में शामिल होने से पहले पत्रकारों से बातचीत कर रहे थें। उन्होंने स्पष्ट किया कि किसान संगठन व किसानी आंदोलन गैर राजनीतिक रहे हैं और भविष्य में भी रहेगे। जब उनसे पत्रकारों ने यह सवाल किया कि किसान संगठनों में तों फूट पड़ चुकी है और टूट चुके है तों टिकैत ने कहा कि कोई फूट नहीं पड़ी और न ही टूटे है। बल्कि 50 किसान संगठन और संयुक्त किसान मोर्चे में शामिल होने को तैयार है।

एमएसपी के मुद्दें पर उन्होंने बताया कि केन्द्र को पत्र लिखा था लेकिन कोई जवाब नहीं आया। केन्द्र ने किसान नेताओं के नाम कमेटी में शामिल करने हेतु मांगे थे। जो हमारी तरफ से नहीं दिए गए। उस संबधी भी आज की इस मीटिंग में विचार विर्मश किया जाएगा। केन्द्र व राज्य सरकार से किसानों की पेंडिंग मांगों को लेकर किस तरह बातचीत की जाए अगली रणनीति क्या होगी संबधी भी बातचीत करेगे। टिकैत ने बताया कि पंजाब में किसानों ने मांगों को लेकर जो मोर्चा लगाया था, उसे लेकर भगवंत मान की सरकार ने अच्छा रिस्पांस दिया है। कई मांगों पर सहमति बन गई है। उन्होंने कहा कि पंजाब की आप की सरकार को अभी केवल 2 महीने का ही समय हुआ है, सांस तों लेने दों। 

भगवंत मान सरकार ने पीड़ित किसान परिवारों के सदस्यों को नौकरी देने का भी वायदा किया है। जबकि हरियाणा सरकार ने किसानों को नौकरी नहीं दी। उन्होंने बताया कि तेलंगाना सरकार ने किसानी आंदोलन दौरान शहादत का जाम पीने वाले किसानों के परिवारों को मदद के तौर पर 3 लाख रूपए की राशि प्रदान की है। लखीमपुर खीरी घटना के संबध में टिकैत ने बताया कि इस सारे मामले की जांच सुप्रीम की निगरानी में चल रही है। इस घटना के आरोपी को सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दी थीं और अब सुप्रीम कोर्ट के आदेशों तहत ही फिर से आरोपी जेल में है। उन्होंने कहा कि जब तक देश के किसानों को उनकी फसलों के वाजिब दाम नहीं मिलते तब तक किसानों की वित्तीय हालत सुधर नहीं सकती।

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News Editor

Kalash

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