रिंपल हत्याकांडः परिवार के लोग गवाही से मुकरे, दोस्त आया काम

punjabkesari.in Thursday, Aug 10, 2017 - 10:36 AM (IST)

जालंधर (रविंदर शर्मा): शहर के बहुचर्चित रिंपल हत्याकांड में गवाहियों का दौर शुरू हो गया। गवाहियों का दौर शुरू होते ही अपने और परायों की पहचान भी होने लगी है। एक तरफ जहां रिंपल के भाइयों ने ही अदालत में गवाही देने से इंकार कर दिया तो दूसरी तरफ रिंपल के दोस्त ने अपना फर्ज निभाया और आरोपियों के खिलाफ अदालत में डटकर खड़ा हो गया। रिंपल के दोस्त चेतन हांडा ने अदालत में न केवल आरोपियों के खिलाफ गवाही दी बल्कि अदालत में 319 के तहत दख्र्वास्त देकर क्लीन चिट पाने वाले आरोपियों के खिलाफ दोबारा जांच शुरू करने की गुहार लगाई। इस दख्र्वास्त को अदालत ने मंजूर कर लिया है।

गौर हो कि 20 जून 2016 को नागरा गांव में मखदूमपुरा निवासी रिंपल व गुलाब देवी रोड निवासी गगनदीप सिंह सिडाना उर्फ मनी के बीच विवाद हुआ था। मौके पर कुछ लोगों ने विवाद सुलझा दिया। अगले दिन रिंपल को ढूंढता हुआ मनी अपने साथियों समेत धोबीघाट पहुंचा और गोलियां मार कर रिंपल की हत्या कर दी। पुलिस ने इस मामले में मनी, बस्ती गुजां निवासी सुमित नय्यर उर्फ बावा, गुलाब देवी रोड निवासी अनिल कुमार उर्फ गोल्डी, बबलू थ्री डी, अमरजीत सिंह, अंग्रेज सिंह, रमेश कट्टा व संजय जोगी को नामजद किया था। 

बाद में पुलिस ने जांच उपरांत 3 आरोपियों गोल्डी, बबलू व अमरजीत को क्लीन चिट दे दी थी। इस क्लीन चिट के बाद लोग धरने पर उतर आए थे और पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए थे। पुलिस ने पूरे मामले में हत्या का केस रिंपल कन्नौजिया के भाई के बयानों पर दर्ज किया था। अब जब अदालत में गवाहियों का दौर शुरू हुआ तो चौंकाने वाली बात यह रही कि एक तरफ जहां परिवार के किसी भी व्यक्ति ने गवाही नहीं दी, वहीं मौके के गवाह चेतन हांडा ने ठोककर गवाही दी और अदालत में 319 के तहत दख्र्वास्त देकर क्लीन चिट पाने वाले आरोपियों को दोबारा नामजद करने को कहा। अदालत ने इस दख्र्वास्त को मंजूर करते हुए क्लीन चिट पाने वालों को दोबारा जांच में शामिल करने का आदेश दिया है। 


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