भारतीय छात्र ने मां को फोन पर बयां किया दिल दहला देने वाला मंजर, परिवार का रो-रो कर हाल बेहाल

punjabkesari.in Thursday, Mar 03, 2022 - 09:53 AM (IST)

दसूहा (झावर): रूस-यूक्रेन में युद्ध के चलते देश के अन्य राज्यों और पंजाब से गए विद्यार्थी यूक्रेन में फंसे हुए हैं। उनमें से मायरो यूक्रेन के एक स्थान से दसूहा के विद्यार्थी गुरविन्द्र सिंह पुत्र पलविन्द्र सिंह ने अपनी माता हरिन्द्र कौर को 1 मार्च की रात लगभग 12 बजे फोन पर बताया कि उसके साथ लगभग 600 विद्यार्थी गोलियों के साए में पल गुजार रहे हैं।

गुरविन्द्र ने बताया कि अब तक न भारतीय एंबैसी और न ही भारत के किसी प्रतिनिधि ने उनका हाल जाना है। वह यहां लावारिसों की तरह पड़े  हैं। उनके पास खाने-पीने का सामान भी नहीं है, जिससे कई विद्यार्थी भुखमरी का शिकार हो रहे हैं। गुरविन्द्र ने बताया कि उन्हें यूक्रेन के सिमी शहर की यूनिवर्सिटी के नजदीक अलग-अलग होटलों में रखा गया है। जब हूटर बजते हैं तो वे लोग बंकरों में छिप जाते हैं। इस समय उन्हें गंदा पानी पीना पड़ रहा है। वे लोग पोलैंड के बार्डर से लगभग 1200 किलोमीटर दूर हैं।

गुरविन्द्र की माता हरिन्द्र कौर, पिता पलविन्द्र सिंह, दादा कश्मीर सिंह, दादी गुरमीत कौर, बहन नवजोत कौर, रिश्तेदार राज रानी ने बताया कि यहां सबका रो-रो कर बुरा हाल है। सरकार या प्रशासन कोई भी सहायता नहीं कर रहा है, जबकि डी.सी. को अपने बच्चे का बायोडाटा भेज दिया गया है। यहां तक कि एस.डी.एम. और तहसीलदार तक ने उनके घर पहुंच कर दिलासा नहीं दिया। उन्होंने प्रधानमंत्री, विदेश मंत्री, मुख्यमंत्री और डी.सी. से अपील की है कि उनके बच्चे को बिना देरी भारत लाया जाए। इस मामले में पंजाब बसपा के सचिव दलविन्दर सिंह बोदल, सीनियर सिटीजन एसोसिएशन के जनरल सचिव चौधरी कुमार सैनी, बाबा बोहड़, बार एसोसिएशन के पूर्व प्रधान एडवोकेट लखबीर सिंह चांद ने भी भारत सरकार से शहर और आसपास के यूक्रेन में फंसे बच्चों को भारत लाने की अपील की है।

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Content Writer

Vatika

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