Punjab: कई सरकारें आईं और गईं लेकिन सरपंचों को नहीं नसीब हुआ ये सुख...!
punjabkesari.in Monday, Aug 28, 2023 - 04:29 PM (IST)

जालंधर (नरेंद्र मोहन): लोकतंत्र की बुनियाद पंचायती राज में पंजाब के 13,262 सरपंचों को गत आठ वर्षों से अभी तक सरकार की तरफ से मिलता मानदेय नहीं मिला। सरकार सरपंचों को प्रतिमाह 1200 रुपए देती है जिससे कहीं अधिक वे सरपंच पद की प्रतिष्ठा रखने के लिए चाय-पानी में लगा देते हैं। बजट की कमी के चलते सरकार इस राशि को जारी नहीं कर सकी।
इसी के चलते सरकार सरपंचों की 141 करोड़ रुपए से भी अधिक की कर्ज़दार है। हालांकि ग्रामीण विकास और पंचायत विभाग का अधिकृत दावा है कि सरपंचों को मानदेय वर्ष 2015-16 से नहीं दिया गया जबकि पंजाब विधानसभा के बजट सत्र में सरकार ने लिखित जवाब में बताया था कि सरपंचों का मानदेय वर्ष 2013-14 से ही अर्थात गत दस वर्षों से नहीं दिया गया। ऐसे भी कहा जा सकता है कि सरपंचों ने अकाली दल, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी की सरकार देख ली परंतु उनका मानदेय नहीं अदा किया गया।
पंजाब में पंचायती चुनावों की घोषणा हो चुकी है और सरकार ने पंचायतें भंग कर रखी हैं। पंचायतों को भंग करने को लेकर अदालत में याचिका लंबित है। पंजाब में 13,262 पंचायतें हैं और इतने ही सरपंच थे जबकि पंचायत सदस्यों की संख्या 83,831 थी। हालांकि देश के विभिन्न राज्यों में सरपंचों का मानदेय औसतन तीन हज़ार रुपए प्रतिमाह है। लेकिन पंजाब में ये मानदेय 1200 रुपए प्रतिमाह ही है और गत दस वर्षों से सरपंचों को 1200 रुपए प्रतिमाह देना ही तय है।
हालांकि 8 अक्तूबर 2021 को वर्तमान मुख्यमंत्री और उस समय के लोकसभा सदस्य भगवंत मान ने तत्कालीन मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी से मांग की थी कि एक तो सरपंचों का रुका हुआ मानदेय जारी किया जाए और सरपंचों को प्रतिमाह 25,000 रुपए और पंचों को 10,000 रुपए प्रतिमाह मानदेय दिया जाए। लेकिन वर्ष 2015 से ही सरपंचों को उनका मानदेय नहीं दिया जा रहा। गत वर्ष 27 सितंबर को बड़ी संख्या में सरपंचों ने वर्तमान मुख्यमंत्री भगवंत मान के आवास के पास मानदेय और इसमें वृद्धि के वायदे को लेकर विरोध प्रदर्शन किया था। खज़ाने में से सरपंचों का मानदेय क्यों नहीं लिया जा सका, ये अलग से जांच का विषय है। लेकिन किसी वर्ष कुछ राशि खज़ाने में से निकाली भी गई परंतु फिर भी सरपंचों को साल दर साल मानदेय की राशि नहीं मिली।
वर्ष 2015-16 में 20,36,19,600 रुपए खज़ाने से नहीं ड्रॉ हो सके।
वर्ष 2016-17 में 16,99,15,600 रुपए खज़ाने से नहीं ड्रॉ हो सके।
वर्ष 2017-18 में 13,98,11,000 रुपए खज़ाने से नहीं ड्रॉ हो सके।
वर्ष 2018-19 में 14,08,42,000 रुपए खज़ाने से नहीं ड्रॉ हो सके।
वर्ष 2019-20 में 19,09,00,800 रुपए खज़ाने से नहीं ड्रॉ हो सके।
वर्ष 2020-21 में 19,09,00,800 रुपए खज़ाने से नहीं ड्रॉ हो सके।
वर्ष 2021-22 में 19,09,00,800 रुपए खज़ाने से नहीं ड्रॉ हो सके।
वर्ष 2022-23 में 19,09,00,800 रुपए खज़ाने से नहीं ड्रॉ हो सके।
31 मार्च, 2023 तक कुल बकाया राशि 1,41,78,20,000 थी जो सरकार ने सरपंचों को अदा करनी है। इस बारे में पंचायत विभाग के अधिकृत सूत्रों के मुताबिक सरपंचों का मानदेय देने का मामला सरकार के पास विचाराधीन है लेकिन सरपंचों का मानदेय बढ़ाने का प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।
अपने शहर की खबरें Whatsapp पर पढ़ने के लिए Click Here
पंजाब की खबरें Instagram पर पढ़ने के लिए हमें Join करें Click Here
अपने शहर की और खबरें जानने के लिए Like करें हमारा Facebook Page Click Here