स्कूल प्रिंसीपलों को मिलेगी सिंगापुर ट्रेनिंग की टिकट, शिक्षा विभाग ने रखी ये शर्तें
punjabkesari.in Wednesday, Aug 16, 2023 - 07:55 PM (IST)

लुधियाना (विक्की) : इंटरनैशनल अध्यापक ट्रेनिंग प्रोग्राम के तहत सिंगापुर में ट्रेनिंग लेने जाने वाले सरकारी स्कूलों के प्रिंसीपलों को अब शिक्षा विभाग द्वारा जारी किया गया एक बांड भी भरना होगा। इस बांड में विभाग द्वारा लगाई गई 6 शर्तों को पूरा करने पर ही अब सिंगापुर की उड़ान भरने का मौका मिलेगा।
जिक्रयोग है कि सरकार ने सरकारी स्कूलों के विधार्थियों को इंटरनैशनल स्तर की शिक्षा मुहैया करवाने के उदेश्य से ही प्रिंसीपलों की सिंगापुर में ट्रेनिंग शुरू करवाई थी ताकि वापिस लौटकर प्रिंसीपल रिसोर्स पर्सन के तोर पर स्कूलों में जाकर अध्यापकों को ट्रेनिंग देंगे। लेकिन अब विभाग ने सिंगापुर जाने वाले अगले बैच के लिए आवेदन करने वाले प्रिंसीपलों के दस्तावेजों की सक्रूटनी संबंधी शैडयूल जारी करने के साथ ही बांड पत्र भी जारी कर दिया है, जिसमें 6 शर्तें लगाकर आवेदन करने वाले प्रिंसीपलों को भरने हेतू कहा गया है जिनको मानना अनिवार्य है तभी वह विदेश में ट्रेनिंग के लिए जा सकते हैं।
जानकारी के मुताबिक अगले बैच के लिए विभिन्न सरकारी स्कूलों के 81 प्रिंसीपलों ने ई पंजाब पोर्टल पर अप्लाई किया है जिसके लिए 17 अगस्त को मोहाली में विदेश ट्रेनिंग की सिलैकशन व स्क्रूटनी होगी। एससीईआरटी द्वारा जारी एक पत्र में साफ कहा है कि स्क्रूटनी के लिए केवल वही प्रिंसीपल आएं जिनको मौजूदा काडर में 2 वर्ष पूरे होने के साथ 5 वर्ष का सेवाकाल भी पैंडिंग हो। इसके अलावा कई अन्य शर्तें भी लगाई गई हैं।
बांड पत्र में प्रिंसीपलों के लिए लगाई गई हैं यह 6 शर्तें
सिंगापुर में प्रशिक्षण के बाद वह शिक्षा विभाग द्वारा एक संसाधन व्यक्ति के रूप में नियुक्त किए जाने से इन्कार नहीं करेगा। यदि उसे सेवाकाल के दौरान शिक्षा विभाग द्वारा नियमानुसार डीईओ या डिप्टी डीईओ पद पर नियुक्त किया जाता है तो भी वह प्रिंसिपल की तरह रिसोर्स पर्सन के रूप में सिंगापुर में प्रशिक्षण का लाभ संसाधन व्यक्ति के रूप देने से इन्कार नहीं करेगा। यदि वह इस प्रशिक्षण से अपना नाम वापस ले लेता है तो विभाग द्वारा किये गये सभी खर्चों का भुगतान उसके द्वारा किया जाएगा। वह स्कूल शिक्षा विभाग के साथ अपनी पूरी सेवा जारी रखेगा। वह प्रशिक्षण के दौरान सिंगापुर में किसी भी राजनीतिक गतिविधियों में भाग नहीं लेगा।सिंगापुर में कदाचार और अनुशासनहीनता के कारण उसपर लगाया गया कोई भी जुर्माना उसके द्वारा भुगतान किया जाएगा।