पंजाब में बंद होने की कगार पर स्क्रैप कारोबार! जानें क्या है पूरा मामला
punjabkesari.in Friday, Dec 27, 2024 - 11:30 AM (IST)

लुधियाना: रोजाना स्टील के दामों को ऊपर नीचे करने वाले एस.एम.एस. माफिया की पहुंच अब दुबई के स्क्रैप डीलर तक हो गई है। वहां के स्क्रैप डीलर एस.एम.एस. माफिया द्वारा भेजे जा रहे स्टील के रेटों के हिसाब से ही हर रोज दिन में करीब 4 बार स्क्रैप के दामों को ऊपर नीचे करने लग गए हैं। इससे फर्नस इकाइयों के लिए परेशानियां बढ़ गई है क्योंकि दुबई से स्क्रैप आयत हो रहा है। इसके चलते लुधियाना व मंडी गोबिंदगढ़ की फर्नस इकाई मालिकों ने मार्च तक उत्पादन को बंद करने का निर्णय ले लिया है।
दुबई में बैठे स्क्रैप डीलर जब एस.एम.एस. माफिया द्वारा स्टील के दाम भेजे जाते हैं तो उसी के आधार पर स्क्रैप के रेट भी वहां के डीलर दिन में करीब 4 से 5 बार ऊपर नीचे कर देते हैं। इसके चलते आयात करने के लिए यहां की इकाइयों को काफी भारी परेशानी होती है क्योंकि जिस कीमत पर वह स्क्रैप बुक करते हैं वहां के डीलर उन्हें एस.एम.एस. माफिया द्वारा भेजे गए स्टील के अधिक रेटो का हवाला देकर उन्हें तय कीमत से अधिक कीमत पर स्क्रैप बेचते हैं। इसके चलते मजबूरन यहां की फर्नैस इकाइयों को दुबई से स्क्रैप मंगवानी पड़ती है लेकिन जब तक यहां स्क्रैप आती है तब तक एस.एम.एस. माफिया द्वारा स्टील के दामों को नीचे गिरा दिया जाता है।
इससे फर्नेस इकाइयों को महंगे दामों में स्क्रैप खरीदनी पड़ती है और फिर जब तैयार माल बेचते हैं तो उन्हें घाटा उठाकर बिक्री करनी पड़ती है। इस तरह उन्हें दोहरा नुकसान हो हो रहा है। फर्नेस इकाइयों को यह घटा अब हजारों से सीधा करोड़ों में पहुंच गया है। इंडक्शन फर्नेस एसोसिएशन ऑफ नॉर्थ इंडिया के प्रधान के.के. गर्ग कहते हैं कि लुधियाना व मंडी गोविंदगढ़ में तकरीबन 200 इकाइयां हैं। जिनमें से 25 प्रतिशत से अधिक इकाइयां बंद हो चुकी है और बाकी की मार्च में बंद होने के लिए तैयारी कर रही है।
श्री गर्ग कहते हैं कि पहले जी.एस.टी. की वजह से फर्नेस उद्योग बुरी तरह बाजार से गायब हो गया है और अधिकतर इकाइयों ने 24 घंटे की बजाय 8 से 12 घंटे ही उत्पादन करना शुरू कर दिया है। इसके चलते उन्हें हर रोज 5 से 7 लख रुपए का नुकसान हो रहा है।
पंजाब के आसपास के राज्यों से स्क्रैप काफी कम मात्रा में मिलती है जिसके चलते मजबूरन विदेश यानी दुबई से स्क्रैप मंगवानी पड़ती है और स्क्रैप डीलरों ने भी एस.एम.एस. माफिया के इशारे पर ही रोज कीमत तय करनी शुरू कर दी है। इतना ही नहीं जितनी कीमत पर स्क्रैप बुक की जाती है उससे ज्यादा दामों में ही स्क्रैप यहां पहुंचती है। इसका खमियाजा फर्नेस इकाइयों को बंद करके ही भुगतना पड़ेगा। इससे पहले जी.एस.टी. विभाग की कार्रवाइयों से उत्पादन घटा है।
अब एस.एम.एस. माफिया की वजह से स्क्रैप भी उन्हें महंगे दामों में मिलने शुरू हो गई है। जी.एस.टी. विभाग बोगस बिलिंग करने वालों को तो पकड़ नहीं रहा। लेकिन जिनसे स्क्रैप उन्होंने खरीदी होती है वह बोगस फॉर्म होती है जिनके मालिक जी.एस.टी. विभाग के हाथ आते नहीं और जी.एस.टी विभाग फर्नेस इकाइयों को नोटिस भेज कर उनसे टैक्स अदा करने के लिए कहता है।
जो फर्नेस इकाई कोई टैक्स अदा करने पर आनाकानी नहीं करती है उस पर कानूनी कार्रवाई कर दी जाती है इसलिए अब फर्नेस इकाई मालिकों ने तय किया है कि अगर सरकार ने जी.एस.टी. विभाग पर लगाम न लगाई और एस.एम.एस. माफिया ने भी एस.एम.एस. बंद न किया तो मार्च के बाद अधिकतर इकाइयां ताले लगा देंगी, जिसका नतीजा सरकार को आने वाले चुनाव में भुगतना पड़ेगा।
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