‘बासमती चावल’ को लेकर भिड़े शिवराज और कै. अमरेन्द्र

punjabkesari.in Friday, Aug 07, 2020 - 09:03 AM (IST)

नई दिल्ली(सुनील पाण्डेय): प्रसिद्ध बासमती चावल को भौगोलिक संकेत टैग (जी.आई. टैगिंग) दिलाने के प्रयासों को लेकर 2 राज्यों के मुख्यमंत्री आपस में भिड़ गए हैं। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह द्वारा इस मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिख जाने की निंदा की है। साथ ही कहा कि उनका यह कदम राजनीति से प्रेरित है। मध्य प्रदेश में भाजपा की सरकार है और पंजाब में कांग्रेस पार्टी की।

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री चौहान ने पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह से पूछा कि आखिर उनकी मध्यप्रदेश के किसान बन्धुओं से क्या दुश्मनी है? यह मध्य प्रदेश या पंजाब का मामला नहीं, पूरे देश के किसान और उनकी आजीविका का विषय है।मध्य प्रदेश के निर्यात होने वाले प्रसिद्ध बासमती चावल को जी.आई. टैग दिलाने के राज्य के प्रयासों के बीच पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र ने कल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर उनसे इस संबंध में हस्तक्षेप की मांग की है। पत्र में दावा किया गया है कि ऐसा हो जाने पर पंजाब और अन्य राज्यों के हित प्रभावित होंगे, जिनके बासमती चावल को पहले से ही जी.आई. टैग हासिल है। पत्र में यह भी कहा गया है कि ऐसा होने पर पाकिस्तान को भी लाभ मिल सकता है।

वहीं  शिवराज सिंह चौहान ने आज कहा है कि पाकिस्तान के साथ कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपेडा) के मामले का मध्य प्रदेश के दावों से कोई संबंध नहीं है। क्योंकि यह भारत के जी.आई. एक्ट के तहत आता है और इसका बासमती चावल के अंतर्देशीय दावों से कोई जुड़ाव नहीं है। पंजाब और हरियाणा के बासमती निर्यातक मध्यप्रदेश से बासमती चावल खरीद रहे हैं। केंद्र सरकार के निर्यात के आंकड़े इस बात की पुष्टि करते हैं। केंद्र सरकार वर्ष 1999 से मध्यप्रदेश को बासमती चावल के ब्रीडर बीज की आपूर्ति कर रही है। इस बीच शिवराज सिंह ने भी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को इस संदर्भ में पत्र लिखा है। उन्होंने मध्य प्रदेश के बासमती चावल के ऐतिहासिक संदर्भ का उल्लेख करते हुए प्रदेश के किसानों एवं बासमती चावल आधारित उद्योगों को प्रोत्साहित करने के लिए प्रदेश के बासमती चावल को जी.आई. दर्जा प्रदान करने का अनुरोध किया है।


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