संगत का पुलिस पर आरोप : श्री हरिमंदिर साहिब दर्शनों के लिए ही भेजती है पुलिस सिफारिशी श्रद्धालुओं को

punjabkesari.in Friday, May 29, 2020 - 10:52 AM (IST)

अमृतसर(अनजान): एक तरफ सरकार व प्रशासन द्वारा कोविड-19 के चलते जन कल्याण हित धार्मिक स्थानों पर श्रद्धालुओं के जाने पर पूरी तरह पाबंदी लगाई गई है व दूसरी तरफ आस्था को मुख्य रखते श्री हरिमंदिर साहिब के बाहर दर्शन करने वाली संगत रोजाना की बड़ी संख्या में उपस्थित होती है। आज फिर जब डिस्टैंस की धज्जियां उड़ाती संगत की भारी भीड़ देखी गई तो जगबाणी/पंजाब केसरी द्वारा अलग-अलग जिलों से आई संगत से बात की गई। इस दौरान संगत ने पुलिस पर आरोप लगाते हुए कहा कि पुलिस वाले मात्र सिफारिशी श्रद्धालुओं को ही श्री हरिमंदिर साहिब दर्शनों के लिए में नतमस्तक होने के लिए भेजते हैं। तरनतारन रोड के सुखदेव सिंह ने अज्ञानता वश एक निजी चैनल का नाम लेते कहा कि भाई चैनलों पर कहा गया है कि अब गुरु के घर सभी जा सकते हैं और हम माथा टेकने के लिए आ गए हैं। 

 

पट्टी से आए आहली ने कहा कि हम सुबह से ठहरे हैं, परन्तु पुलिस वाले अपनों को भेजते जा रहे हैं और हमें बहाने बनाकर इंतजार करने को ही कहते हैं। सविन्द्र सिंह अम्बाला ने कहा कि यदि शराब के ठेके खुल सकते हैं, वहां किसी को भीड़ नहीं लगती तो फिर श्री हरिमंदिर साहिब दर्शन करने से क्यों रोका जाता है। जितनी देर के हम ठहरे हैं, उतनी देर तक यदि 10-10 मिनट बाद रोक कर भी भेजा जाता तो अब तक सारी संगत ने माथा टेक लेना था। अगर नीतियां बनाईं जाएं तो सब कुछ ठीक हो सकता है। एक अन्य व्यक्ति ने अपना नाम बताए बिना कहा कि मैं तो पट्टी वाले शिरोमणी कमेटी मैंबर की सिफारिश लेकर आया हूं। न तो मुझे कमरा देते हैं और न ही दर्शन करने देते हैं। तेजिंदर कौर अमृतसर और अमृतपाल सिंह होशियारपुर ने कहा कि पुलिस वाले सिफारिशी और लिहाजी व्यक्तियों को ही अंदर भेजते हैं। अभी एक मुलाजिम के चहेते भेजे हैं। हम तीन-चार घंटों से खड़े हैं, परन्तु अभी तक हम अंदर दर्शन करने नहीं जा सके।

 

श्री हरिमंदिर साहिब अंदर रोजाना की तरह रही मर्यादा बहाल
इस दौरान तीन पहरो की संगत और ड्यूटी सेवकों ने श्री हरिमंदिर साहिब की मर्यादा बहाल रखते किवाड़ खुलने उपरांत श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी का स्वरूप फूलों के साथ सजी सुनहरी पालकी में सुशोभित करके श्री हरिमंदिर साहिब अंदर प्रकाशमान किया। इसके उपरांत श्री आसा जी की बार के कीर्तन के भोग डाले गए। गुरुद्वारा श्री मंजी साहिब दीवान हाल में मुख्य वाक्य की कथा की गई। संगत ने ठंडे मीठे जल की छबील पर सेवा करने के अलावा जोड़ा घर और लंगर हाल में सेवा की।


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