Punjab: जिले में पटाखों को लेकर जारी हुए सख्त Order, नहीं माने तो...
punjabkesari.in Tuesday, Oct 07, 2025 - 01:26 PM (IST)

मोहाली (रणबीर): जिला मजिस्ट्रेट कोमल मित्तल ने दिवाली, गुरु नानक देव जी के प्रकाशोत्सव, क्रिसमस और नए साल के मौकों पर जिले में पटाखों के इस्तेमाल पर रोक लगाने के आदेश जारी किए हैं। जनहित में भारतीय नागरिक सुरक्षा अधिनियम (बी.एन.एस.) की धारा-163 के तहत सख्त निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि पंजाब सरकार के विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं पर्यावरण विभाग द्वारा 18 सितंबर को जारी विस्तृत निर्देशों के अनुसार ही पटाखे फोड़ें जाएंगे।
त्योहारों के दौरान व्यापारी पटाखों की खरीद-बिक्री और भंडारण करने की कोशिश करते हैं, इसलिए नियमों का पालन सुनिश्चित करना अनिवार्य है। निर्देशों के तहत सीरियल पटाखों के निर्माण, भंडारण, वितरण, बिक्री और उपयोग पर रोक रहेगी। केवल उन्हीं ग्रीन पटाखों की बिक्री और उपयोग की अनुमति है जिनमें बेरियम सॉल्ट, एंटीमनी, लिथियम, मरकरी, आर्सेनिक, लेड या स्ट्रोंटियम क्रोमेट जैसे रसायनों का उपयोग नहीं किया गया है। इसके अलावा, केवल लाइसेंस प्राप्त विक्रेता ही अनुमोदित पटाखे बेच सकेंगे। दिवाली (20 अक्टूबर) को रात 8 बजे से रात 10 बजे तक, श्री गुरु नानक देव जी के प्रकाशोत्सव (5 नवंबर) के अवसर पर सुबह 4 बजे से 5 बजे तक और रात 9 बजे से 10 बजे तक, क्रिसमस (25 और 26 दिसंबर) को रात 11:55 बजे से 12:30 बजे तक और नव वर्ष (31 दिसंबर-1 जनवरी) के अवसर पर रात 11:55 बजे से 12:30 बजे तक ही पटाखे चलाए जा सकेंगे।
केवल ग्रीन पटाखों की अनुमति
जिला मजिस्ट्रेट ने कहा कि सामुदायिक पटाखों को प्रोत्साहित किया जाएगा और इसके लिए पहले से ही विशेष क्षेत्रों की पहचान की जाएगी। ई-कॉमर्स वेबसाइटों (जैसे फ्लिपकार्ट, अमेजन आदि) द्वारा पटाखों की ऑनलाइन बिक्री प्रतिबंधित रहेगी। पुलिस और प्रदूषण विभाग द्वारा निर्देशों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित किया जाएगा। ग्रीन पटाखे केवल स्वीकृत समय और स्थानों पर ही फोड़े जाएंगे। पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के दिशा-निर्देशों के अनुसार वायु गुणवत्ता की निगरानी की जाएगी।
2 जनवरी 2026 तक निर्देश
उद्योग एवं वाणिज्य विभाग के विस्फोटक नियम 2008 के अंतर्गत निष्पक्ष कार्रवाई की जाएगी। वायु गुणवत्ता को ध्यान में रखते हुए विशेष सावधानियां बरती जाएंगी। सर्वोच्च न्यायालय और राष्ट्रीय हरित अधिकरण के आदेशों का पूर्णतः पालन किया जाएगा। उपायुक्त ने बताया कि निर्देशों का उल्लंघन करने वालों के विरुद्ध पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम-1986 की धारा 15 के अंतर्गत तत्काल दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा, पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम की संबंधित धाराओं के अंतर्गत भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी। ये आदेश 1 अक्टूबर से 2 जनवरी 2026 तक लागू रहेंगे।
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