पंजाब के सरकारी स्कूलों में अब सोशल मीडिया के माध्यम से होगी पढ़ाई

punjabkesari.in Thursday, Oct 31, 2019 - 08:53 AM (IST)

जालंधर (नरेंद्र मोहन): पंजाब के शिक्षा विभाग ने बेकाबू हो रहे सोशल मीडिया को अपने पक्ष में इस्तेमाल करने की तैयारी कर ली है। विभाग जल्द ही शिक्षा को मोबाइल एप पर लाने जा रहा है। इसके लिए पूरे प्रदेश के सरकारी स्कूलों में प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। शिक्षा विभाग मानता है कि मोबाइल से चिपके स्कूली छात्रों को सोशल मीडिया के माध्यम से जोडऩे का यह सबसे बेहतर तरीका है। 

इसके साथ ही विभाग ने अब स्कूलों में औचक निरीक्षण को बंद करने का निर्णय लिया है। विभाग के अधिकारी अब स्कूलों में अचानक नहीं बल्कि स्कूल प्रभारी को पहले से बता कर स्कूल में जाएंगे। विभाग का मानना है कि निरीक्षण का मकसद स्कूल की खामियों को दूर करना है और ऐसे में अगर स्कूल प्रभारी इसे पहले से ही दूर कर लें तो विभाग का मकसद पूरा हो जाता है । अध्यापकों या फिर छात्रों को सोशल मीडिया की लत लग चुकी है। वैसे भी पुस्तकों के छपने की प्रतीक्षा, स्कूल बैग के बोझ, अध्यापकों और बच्चों की छुट्टियां, विभाग से स्कूल तक सन्देश जाने में देरी इत्यादि ऐसे कारण रहे हैं जिससे शिक्षा प्रभावित होती है। इसके चलते पंजाब के शिक्षा विभाग ने सोशल मीडिया को अपने पक्ष में करने की तकनीक शुरू कर दी है। विभाग ने आई स्कूल लर्न मोबाइल एप तैयार की है जिसमें प्रथम कक्षा से लेकर 10वीं कक्षा तक उ‘च स्तरीय और दिलचस्प मल्टीमीडिया आधारित ई-कंटैंट उपलब्ध करवाए गए हैं। शिक्षा विभाग ने इसके लिए बाकायदा एक विभागीय पत्र जारी करके छात्रों और अध्यापकों को अधिकारियों के मार्फत से मोबाइल एप डाऊनलोड करने के लिए कहा है। अर्थात अब शीघ्र ही शिक्षा मोबाइल एप पर उपलब्ध होगी। वैसे पहले से ही सरकारी स्कूलों के लिए शिक्षा ऑनलाइन की जा चुकी है। 


सोशल मीडिया का इस्तेमाल समय की जरूरत : कृष्ण कुमार
शिक्षा सुधार में लगे पंजाब शिक्षा विभाग के सचिव कृष्ण कुमार मानते हैं कि शिक्षा और नकारात्मकता का वास्ता नहीं होना चाहिए। उनके अनुसार विभाग चाहता है कि स्कूलों की इमारत सुंदर हो, शिक्षा का स्तर बेहतर हो, अगर वही कार्य अध्यापकों को साथ लेकर किया जाए तो बेहतर परिणाम आएंगे। इसीलिए औचक निरीक्षण की जगह सूचना देकर स्कूल के निरीक्षण का तजुर्बा किया जा रहा है जिसके अधिक सफल होने के संकेत हैं। राज्य में अनेक जिलों में बताकर स्कूलों के दौरे किए गए तो स्कूलों में गजब के सुधार और छात्रों में जोश नजर आया जबकि सोशल मीडिया के युग में इसी के माध्यम से शिक्षा देना बेहतर है।


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