बड़े नगर निगमों के तहबाजारी विभाग अब सिद्धू के निशाने पर

punjabkesari.in Saturday, Aug 26, 2017 - 07:53 AM (IST)

जालंधर (खुराना): टैंडर पॉलिसी में पक्षपात, केबल व्यवसाय में मनमानी और विज्ञापन शाखा में लूट पर ध्यान देने के बाद अब पंजाब के लोकल बॉडीज मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने पंजाब के बड़े नगर निगमों के तहबाजारी विभाग की ओर अपना ध्यान केन्द्रित किया है।

श्री सिद्धू के निर्देशों पर लोकल बॉडीज विभाग के डायरैक्टर के.के. यादव ने गत दिवस चंडीगढ़ में एक बैठक बुलाई, जिसमें जालंधर, अमृतसर और लुधियाना नगर निगमों के तहबाजारी सुपरिंटैंडैंट व अन्य प्रतिनिधि शामिल हुए। बैठक दौरान जहां राज्य के निगमों में बनाई जा रही स्ट्रीट वैंङ्क्षडग पॉलिसी पर चर्चा हुई वहीं तहबाजारी की आय बढ़ाने पर भी विचार किया गया। गौरतलब है कि जालंधर में स्ट्रीट वैंडिंग पॉलिसी की कंसल्टेशन का काम दारा शाह कम्पनी कर रही है।

कम्पनी ने पिछले कई सालों से यह प्रोजैक्ट पकड़ रखा है परंतु अभी तक इस मामले में सिर्फ खानापूॢत हुई है और निगम तथा कम्पनी में तालमेल में अभाव के चलते जमीनी स्तर पर एक भी रेहड़ी को शिफ्ट नहीं किया जा सका है, हालांकि दारा शाह कम्पनी ने जालंधर में 12 हजार रेहडिय़ों को शिफ्ट करने की योजना बनाकर निगम को सौंपी हुई है।

दारा शाह कम्पनी ने प्रस्ताव दिया है कि जगह उपलब्ध करवाने के बाद रेहड़ी वालों से निगम 150 रुपए महीना से लेकर अधिकतम 1500 रुपए महीना चार्ज करे। चंडीगढ़ में हुई बैठक दौरान तहबाजारी अधिकारियों से कहा गया कि पॉश क्षेत्रों में रेहड़ी माॢकट हेतु जगह उपलब्ध करवाने के बाद उनसे 3000 से 5000 रुपए प्रति महीना भी आसानी से वसूला जा सकता है, जिससे निगमों की आय बढ़ेगी। डायरैक्टर ने अधिकारियों से ऐसी प्रोपजल बनाकर लाने को भी कहा है, जो स्थायी साबित होगी।

पिछले साल जालंधर ने वसूले मात्र 87 लाख 
नगर निगम तहबाजारी विभाग के कर्मचारियों, अधिकारियों व उनकी गाडिय़ों पर प्रतिवर्ष करोड़ों रुपए खर्च करता है। परंतु जालंधर जैसे बड़े निगम ने पिछले साल तहबाजारी से मात्र 87 लाख रुपए इक_े किए हालांकि बजट में एक करोड़ रुपए का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। हैरानी की बात यह है कि मोहाली नगर निगम जो जालंधर निगम से 5 गुणा छोटा होगा, वहां तहबाजारी विभाग ने पिछले साल 1.37 करोड़ रुपए इक_े किए।

हालांकि वहां बजट में मात्र 40 लाख रुपए का प्रावधान रखा गया था। पिछले साल मोहाली में तहबाजारी सुपरिंटैंडैंट के पद पर मंदीप सिंह तैनात थे, जो आजकल जालंधर में तहबाजारी सुपरिंटैंडैट हैं। अब देखना है कि क्या जालंधर का तहबाजारी विभाग मोहाली जैसा प्रदर्शन कर पाएगा? 

मोची तक से 2000 रुपए महीना मांग रहे हैं तहबाजारी कर्मी 
जालंधर नगर निगम के तहबाजारी विभाग में पिछले कई सालों से जमकर भ्रष्टाचार हो रहा है। कुछ महीने पहले नगर निगम कमिश्नर ने तहबाजारी कर्मचारियों की निजी वसूली को रंगे हाथों पकड़ा था। परंतु दबाव के कारण उक्त मामला दबा दिया गया।

आरोप है कि जालंधर में हजारों रेहडिय़ों, खोखों से तहबाजारी कर्मचारी हर महीने प्राइवेट वसूली करते हैं और मोची तक से 2000 रुपए प्रति महीना मांगने तक में शर्म महसूस नहीं की जा रही। यदि तहबाजारी विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार के मामले में मंत्री नवजोत सिद्धू विजिलैंस की मदद लें तो बड़ा घोटाला सामने आ सकता है। 


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