Punjab : युवाओं का विदेशों की तरफ बढ़ते रूझान ने बढ़ाई चिंता, दिख रहा यह बड़ा असर
punjabkesari.in Tuesday, Dec 17, 2024 - 05:59 PM (IST)

दीनानगर (हरजिंदर सिंह गोराया): एक समय था जब ग्रामीण क्षेत्रों में युवा वर्ग अपनी जमीन पर खेतीबाड़ी के कार्यों को प्राथमिकता देता था। इसके अलावा, कई अन्य कृषि से जुड़े व्यवसायों की ओर उनका अधिक झुकाव दिखाई देता था, लेकिन आजकल की युवा पीढ़ी का विदेशों की ओर बढ़ता रुझान पंजाब के लिए एक गंभीर चिंता का विषय बन गया है।
उल्लेखनीय है कि पहले कई परिवारों में पाँच से सात भाई हुआ करते थे, जिनमें से केवल एक या दो सदस्य ही परिवार का पालन-पोषण करने के लिए थोड़े समय के लिए विदेश जाते थे। वे वहां से पैसा कमाकर वापस अपने देश लौटते थे और जमीन खरीदते थे या अपने घर-मकान बनाते थे। लेकिन आज के समय में स्थिति बिल्कुल विपरीत हो गई है। अब अधिकांश माता-पिता के इकलौते पुत्र भी विदेश जाने के लिए उत्सुक हैं। इसके चलते, कुछ समय बाद वे विदेशी नागरिक बन जाते हैं और अपने घर, ज़मीन आदि बेचने पर जोर देते हैं। इसके कारण, कई माता-पिता अपने बुढ़ापे में दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर हो जाते हैं और वृद्धाश्रम का सहारा लेना पड़ता है।
दूसरी ओर, यदि देखा जाए तो लड़कियों का रुझान भी लड़कों से कम नहीं है। एक समय था जब परिवारों में लड़कियाँ पढ़ाई में सबसे आगे रहती थीं, लेकिन अब बारहवीं के बाद ही IELTS आदि की तैयारी के लिए माता-पिता को विदेश भेजने के लिए मजबूर कर देती हैं। यदि आज पंजाब के स्कूल-कॉलेजों की स्थिति पर नज़र डाली जाए, तो अधिकतर विदेशी मूल के छात्र ही पंजाब में पढ़ रहे हैं। इससे कई प्राइवेट स्कूल और कॉलेज बंद होने के कगार पर पहुंच गए हैं।
कई बार देखा जाता है कि युवा छोटे-बड़े देशों के सपने संजोए फर्जी एजेंटों के शिकार हो जाते हैं। इसके चलते वे अपनी जमीन-जायदाद बेचने को मजबूर हो जाते हैं और कुछ आत्महत्या करके अपनी जीवन लीला समाप्त कर लेते हैं।
इसी तरह, कई बार कुछ युवा पढ़ाई में कमजोर होने के कारण विदेश जाने की इच्छा रखते हैं। वे पढ़ाई में अव्वल लड़कियों के रिश्ते खोजकर उनसे शादी करते हैं और विदेश भेजने का सारा खर्च खुद उठाते हैं। लेकिन विदेश पहुंचने के बाद, कुछ लड़कियां उन लड़कों को तलाक दे देती हैं। इस कारण कई लड़के ठगी के शिकार हो जाते हैं।
सरकार को भी इस युवा पीढ़ी के लिए रोजगार के अधिक से अधिक अवसर उपलब्ध कराने चाहिए और फर्जी एजेंटों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। तभी हमारे देश की युवा पीढ़ी का विदेशों की ओर रुझान कम हो सकेगा।