क्या सिद्धू पर मंडरा रहा ''दलबदलू'' होने का खतरा?

punjabkesari.in Friday, Mar 06, 2020 - 02:05 PM (IST)

जालंधर (बुलंद): आम आदमी पार्टी के सांसद भगवंत मान की ओर से लगातार इस प्रकार के बयान दिए जा रहे हैं कि अगर नवजोत सिंह सिद्धू ‘आप’ में आते हैं, तो इससे पार्टी का कद बढ़ेगा और वह खुद सिद्धू का सबसे पहले स्वागत करेंगे।

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बेशक अभी सिद्धू की ओर से ऐसा कोई बयान सामने नहीं आया है कि वह ‘आप’ में जाएंगे, परंतु आम लोगों में एक अलग ही सीन क्रिएट हो चुका है कि अगर सिद्धू ‘आप’ में जाते हैं तो आगामी विस चुनाव में एक बड़ा राजनीतिक तीसरा विकल्प सामने आ सकता है। दूसरी ओर लगातार सिद्धू को टकसाली या ‘आप’ में लाने की चर्चाओं के बीच यह अंदेशा भी बना हुआ है कि कहीं सिद्धू पर दलबदलू होने का टैग न लग जाए, क्योंकि इससे पहले वे भाजपा छोड़ कांग्रेस में आए थे। जिस प्रकार का ‘आप’ नेताओं में दिल्ली चुनाव के नतीजों के बाद से सिद्धू को अपनी पार्टी में लाने का उतावलापन साफ तौर पर देखा जा रहा है। इस उतावलेपन से ऐसा प्रतीत हो रहा है जैसे कि ‘आप’ के पास पंजाब में सिद्धू के अलावा कोई ऐसा चेहरा नहीं है, जिसके बल पर वे 2022 विधानसभा चुनाव मैदान में उतर सके।

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फिलहाल सिद्धू से नहीं हुई कोई बात : जरनैल सिंह 
वहीं ‘आप’ के पंजाब प्रभारी जरनैल सिंह ने कहा कि सिद्धू ‘आप’ में आएंगे या नहीं इस बारे में उनकी फिलहाल सिद्धू से कोई बात नहीं हुई। न ही पार्टी हाईकमान की ओर से ऐसा कोई इशारा मिला है। उन्होंने कहा कि ‘आप’ उन सब नेताओं को अपनी पार्टी के साथ जोडऩे को तैयार है जिनका अक्स साफ है, परंतु सिद्धू के बारे में अभी कोई स्थिति स्पष्ट नहीं है। वहीं इस बारे में कांग्रेसी नेताओं का कहना है कि सिद्धू बेशक अभी हाशिए पर हैं पर इसका मतलब यह नहीं कि वह कांग्रेस का हिस्सा नहीं हैं। गत दिनों वे सोनिया गांधी और प्रियंका गांधी से मिले थे। इससे साफ है कि पार्टी में उन्हें जल्द ही एक बड़ी जिम्मेवारी सौंपी जाएगी। ‘आप’ और टकसाली अकाली दल असल में पंजाब में नेताविहीन हैं इसलिए वो सिद्धू को अपने साथ जोडऩा चाहते हैं। 


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