हाई सिक्योरिटी जेल निकली हाई-प्रोफाइल अड्डा...अंदर से चल रहा नेटवर्क, अब ऐसे होगा पर्दाफाश

punjabkesari.in Tuesday, Sep 02, 2025 - 06:32 PM (IST)

बठिंडा (विजय वर्मा): पंजाब की सबसे सुरक्षित मानी जाने वाली केंद्रीय जेल बठिंडा का असली चेहरा अब धीरे-धीरे बेनकाब होता जा रहा है। यहां बंद खतरनाक गैंगस्टर और तस्कर जेल की चारदीवारी में भी एशो-आराम की जिंदगी जी रहे हैं। आलम यह है कि जेल में मोबाइल फोन, नशा, हथियार और खाने-पीने तक की हर चीज खुलेआम बिक रही है और यह सब कोई और नहीं बल्कि जेल का स्टाफ ही सप्लाई कर रहा है।

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लॉरेंस बिश्नोई जैसे गैंगस्टर का जेल से टीवी इंटरव्यू सामने आने के बाद पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट की सख्ती ने सरकार को हिला कर रख दिया। अब सरकार ने जेलों में फुल बॉडी स्कैनर लगाने का काम शुरू कर दिया है। बठिंडा जेल समेत राज्य की जेलों में 11 बड़े और 27 छोटे एक्स-रे बेस्ड स्कैनर लगाए जाएंगे, जो 4-5 महीने में पूरी तरह ऑपरेशन में आ जाएंगे। इन स्कैनरों की खासियत यह होगी कि यह न केवल धातु, बल्कि मोबाइल, सिम कार्ड, ब्लेड, चाकू, लिक्विड विस्फोटक, नशे की पुड़िया जैसी चीजें भी पकड़ लेंगे। यहां तक कि कैदी इन्हें शरीर के प्राइवेट पार्ट्स या कपड़ों में छुपाकर भी नहीं ले जा सकेंगे।

जेल के अंदर का सच

जेल में छोटे मुलाजिम तक इस गोरखधंधे में शामिल हैं। यहां बीड़ी 20 से 40 रुपये, गुटखा 70 से 100 रुपये में मिलता है। गांजा, अफीम और चिट्टा महंगे दामों पर बेचा जाता है। गैंगस्टर मोबाइल से नशे और हथियारों की सप्लाई चेन चलाते हैं और ऑर्डर तक जेल से ही बुक करते हैं। 2018 में तत्कालीन जेल मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा ने बॉडी स्कैनर और मोबाइल जैमर लगाने का ऐलान किया था, लेकिन यह योजना फाइलों में दबकर रह गई। अब जब हाईकोर्ट ने जेलों की सुरक्षा व्यवस्था पर सख्ती दिखाई तो सरकार ने इसे लागू करने का फैसला लिया है।

सबसे बड़ा सवाल  

क्या फुल बॉडी स्कैनर लगने के बाद वाकई बठिंडा सेंट्रल जेल में नशे और मोबाइल की सप्लाई बंद होगी? या फिर यहां का नेटवर्क इतना मजबूत है कि मशीनें भी कैदियों और स्टाफ की मिलीभगत के आगे बेअसर साबित होंगी?

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News Editor

Kamini

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