पानी नहीं बह रहा ला+शों का दरिया! सामने आया पंजाब-हरियाणा की नहरों का चौंकाने वाला राज
punjabkesari.in Wednesday, Aug 27, 2025 - 04:51 PM (IST)

पंजाब डेस्कः पंजाब-हरियाणा के साथ लगती भाखड़ा नहर से इंसानियत को शर्मसार कर देने वाली खबर सामने आई है। दरअसल, गोताखोर आशु ने एक निजी चैनल से बातचीत में बताया कि भाखड़ा नहर और टांगरी नदी से हर साल दर्जनों नहीं बल्कि सैकड़ों लाशें बरामद होती हैं। पहले समय होता था कि गांवों के गुरुद्वारों और मस्जिदों में अक्सर मुनादी कराई जाती थी कि एक शव मिला है ताकि लोग पहचान सकें कि कहीं वह उनका रिश्तेदार या गांव का कोई सदस्य तो नहीं। कई बार लोग 15–20 किलोमीटर दूर से सिर्फ यह देखने आते हैं कि शव उनका अपना तो नहीं।
लेकिन अब इंसानित बिल्कुल मर चुकी है कि अब हर रोज सर्दियों में औसतन 5 से 12 शव बरामद होते हैं जबकि गर्मियों में यह आंकड़ा बढ़कर 12 से 46 शव प्रतिदिन तक पहुंच जाता है। पुलिस रिकार्ड के अनुसार करीब 60% शव आत्महत्या करने वालों के होते हैं, जबकि 20% हादसों के शिकार। नहरों के किनारे बसे 10 से ज्यादा थानों में रोजाना लाशों की एंट्री होती है – इनमें के.एन. साबा डेयरी, नरेला थाना, समयपुर बादली, पानीपत, रोहतक, बहादुरगढ़, सिरसा, फतेहाबाद, हिसार, जिंद और महेंदरगढ़ शामिल हैं।
1956 से शुरू हुई नहर बनी मौत का मंजर
1956 में उद्घाटन हुई इस नहर के अंदर इतने राज दफन हैं कि गिनना मुश्किल है। बताया जाता है कि अब तक कम से कम लाखों मोटरसाइकिलें और वाहन नहर की गहराइयों में डूबे पड़े हैं। कई हादसों के बाद भी सरकारों ने गोताखोरों से कभी गंभीरता से संपर्क नहीं किया।
दर्दनाक अपराध भी छिपे हैं नहरों में
लाशों के साथ-साथ ऐसी कहानियां भी सामने आई हैं जो रोंगटे खड़े कर देती हैं।
कई मामलों में लड़कियों से रेप कर शवों को नहर में फेंका गया।
कई शवों को नींबू-मिर्ची, रजाई और गद्दों में लपेटकर बहा दिया गया।
अनुमान है कि सिर्फ हरियाणा की टांगरी नदी में ही कम से कम 50 हजार हड्डियां दबी पड़ी हैं।
इंसानियत पर सवाल
लोग कहते हैं कि नहरें अब सिर्फ पानी का नहीं बल्कि इंसानी लाशों का सबसे बड़ा ठिकाना बन चुकी हैं। हालात यह हैं कि एक-एक ट्रक इंसानों की हड्डियों से भरा जा सकता है।