पंजाब में सिगरेट पीने वालों के लिए होगा सख्त Action, पढ़ें पूरी खबर
punjabkesari.in Monday, Dec 23, 2024 - 11:54 AM (IST)
चंडीगढ़: पंजाब स्वास्थ्य मंत्रालय ने तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत सिगरेट और तंबाकू सेवन को नियंत्रित करने के लिए सख्त फार्मूला अपनाया है। विभाग ने सार्वजनिक स्थानों पर सिगरेट पीने वालों के ज्यादा से ज्यादा चालान करने का फैसला किया है। हालांकि आंकड़ों के अनुसार प्रदेश स्वास्थ्य विभाग के तंबाकू नियंत्रण अभियान के तहत 16 साल में सार्वजनिक स्थानों पर सिगरेट पीने वालों के 2,72,915 चालान किए जा चुके हैं। सिर्फ इतना ही नहीं 4 साल में पंजाब तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत स्वास्थ्य विभाग ने 31 लाख रुपए बतौर जुर्माने हासिल किए हैं। सिगरेट एवं अन्य तंबाकू उत्पाद 2013 एक्ट (कोटपा) के तहत सार्वजनिक स्थान पर सिगरेट पीने वाले व्यक्ति का 200 रुपए का चालान किया जा रहा है।
अब पंजाब में तंबाकू का सेवन करने वालों की संख्या कम हुई
पंजाब स्वास्थ्य विभाग में तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम के अधिकारी डा. गुरमन सिंह का कहना है कि प्रदेश में तंबाकू का सेवन करने वालों की तादाद में कमी देखने को मिल रही है। नैशनल फैमिली हैल्थ सर्वेक्षण में प्रदेश के 19.2 प्रतिशत पुरुषों को तंबाकू और सिगरेट का सेवन करते हुए पाया गया था परंतु नैशनल फैमिली हैल्थ सर्वेक्षण 5 में तंबाकू का सेवन करने वालों की संख्या घटकर अब 12.9 प्रतिशत ही रह गई है। सर्वेक्षण के मुताबिक प्रदेश में सिर्फ 0.1 से लेकर 0.4 प्रतिशत महिलाएं ही धूम्रपान करती हैं। प्रदेश में न सिर्फ सार्वजनिक स्थलों पर सिगरेट पीने वालों को आड़े हाथों लेने का फैसला किया है बल्कि स्कूल और कालेज में पढ़ने वाले बच्चों को तंबाकू सेवन से शरीर पर होने वाले दुष्प्रभावों के प्रति जागरूक करने का फैसला भी किया गया है।
तंबाकू ले रहा है कीमती जानें
डा. गुरमन ने कहा कि तंबाकू सेवन की वजह से 90 प्रतिशत मुंह के कैंसर और 40 फीसदी दूसरे कैंसर लोगों को अपना ग्रास बना रहे हैं। दिल और फेफड़ों की बीमारी भी तंबाकू की देन है। तंबाकू से 38 प्रतिशत मौतें हो रही हैं। हर साल देश में 13.5 लाख लोगों की कीमती जानें भी तंबाकू ही ले रहा है। देश में हर दिन 3500 लोग तंबाकू सेवन की वजह से ही मौत की नींद सो रहे हैं। विकसित देशों में तंबाकू के सेवन में जहां 40 फीसदी कटौती देखने को मिली है वहीं विकासशील देशों में 60 फीसदी बढ़ौतरी देखने को मिल रही है। लोगों को लुभाने के लिए कंपनियां ई-सिगरेट और हुक्का बार का व्यवसाय शुरू कर चुकी हैं परंतु लोगों के स्वास्थ्य की रक्षा को ध्यान में रखते हुए पंजाब सरकार ने वर्ष 2013 में ई-सिगरेट पर प्रतिबंध लगा दिया था। ई-सिगरेट बेचने वाले 2 व्यापारियों (वर्ष 2016 में मोहाली और वर्ष 2018 में संगरूर के व्यापारी) को भारी जुर्माना और सजा दिलाई जा चुकी है।
स्कूल पाठ्यक्रम में जोड़ दिए गए विशेष पाठ
स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को तंबाकू से शरीर पर होने वाले दुष्प्रभावों बाबत जानकारी देने के लिए शिक्षा विभाग ने 9वीं से 12वीं कक्षा के बच्चों के पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाकर विशेष पाठ जोड़ दिए गए हैं। पंजाब के 28,632 स्कूलों में से 28,244 स्कूल तंबाकू मुक्त हैं। उन स्कूलों के 100 गज के दायरे में कोई भी सिगरेट, पान या बीड़ी बेचने वाली दुकान नहीं है। इतना ही नहीं सैटेलाइट के जरिए एजुसैट पर भी बच्चों को तंबाकू को लेकर जागरूक किया जा रहा है।
पंजाब के 700 गांव तंबाकू मुक्त घोषित
डा. गुरमन सिंह ने बताया कि प्रदेश के 700 गांवों को तंबाकू मुक्त घोषित किया जा चुका है। इन गांवों में न तो कोई तंबाकू, सिगरेट बेचने वाली दुकान है और न ही गांवों में सार्वजनिक स्थानों पर कोई सिगरेट या हुक्के का सेवन करता है। बाकी के गांवों में भी विभाग द्वारा विशेष जागरूकता कार्यक्रम किए जा रहे हैं ताकि पंजाब के 100 फीसदी गांव तंबाकू मुक्त हो सकें।
कोटपा के अंतर्गत ऐसा करना है कानून के विरुद्ध
1. सार्वजनिक स्थान पर सिगरेट का सेवन
2. तंबाकू उत्पादों का विज्ञापन
3. 18 साल से कम उम्र के बच्चों को तंबाकू उत्पाद बेचना
4. सिगरेट की दुकान पर तंबाकू से जुड़े उत्पादों के चित्र लगाना
5. ई-सिगरेट और हुक्के का सेवन