चुनावों के दौरान एक्टिव रही डिजीटल टीमें, फेसबुक और ट्विटर पर छाई रही ये दो पार्टियां
punjabkesari.in Monday, Feb 21, 2022 - 10:14 PM (IST)
लुधियाना (गौतम) : पंजाब में हुए चुनावों के दौरान राजनीतिक पार्टियां चुनाव प्रचार में एक-दूसरे को पिछाड़ने में जुटी रही। एक तरफ रैली, रोड शो और मीटिंगों का अधिक से अधिक आयोजन कर पार्टियां अपने वोटरों को लुभाने में जुटी रही और दूसरी तरफ इन राजनीतिक पार्टियों की डिजीटल टीमें भी सोशल मीडिया पर एक-दूसरे को पिछाड़ने में लगी रहीं। डिजीटल टीमों ने सोशल मीडिया पर वोटरों का लुभाने का यह खेल बड़ी होशियारी से खेला और वोटरों को मानसिक पर तैयार करने में लगी रही। हालांकि सोशल मीडिया की कंपनियों की भी इन पर नजर रही। लेकिन राजनीतिक पार्टियां फेसबुक, टिवट़र और इंस्ट्राग्राम पर एक-दूसरे से बाजी मारने में लगी रहीं। इस डिजीटल जंग में फेस बुक और इंस्ट्राग्राम पर छा रही 'आप', तो टविट़र पर कांग्रेस। वहीं भाजपा और शिअद भी पीछे नहीं रहे। सोशल मीडिया पर पंजाब में आम आदमी पार्टी के फेसबुक पर करीब 19 लाख, टविटर पर 1,63,500, इंस्ट्राग्राम पर 1,79,000 फालोवर्स रहे। वहीं कांग्रेस के फेसबुक पर करीब 6,40,000, टविटर पर 1,78,500, इंस्ट्राग्राम पर 44000 फालोवर्स रहे। शिरोमणि अकाली दल के फेसबुक पर करीब 5,70,000, टविटर पर 83,500, इंस्ट्राग्राम पर 1,59,00 फालोवर्स रहे।
वहीं भारतीय जनता पार्टी के फेसबुक पर करीब 4,70,000, टविटर पर 72500, इंस्ट्राग्राम पर केवल 12 हजार के करीब फालोवर्स रहे। 20 फरवरी को चुनाव वाले दिन भी इन राजनीतिक पार्टियों की डिजीटल टीमें सोशल मीडिया से अपने वोटरों तक पहुंचने में जुटी रही। चुनाव से पहले और चुनाव वाले दिन और चुनाव के बाद भी राजनीतिक पार्टियां अलग-अलग हैशटैग से अपने मैसेज भेजते रहे। कांग्रेस ने '#आ रही है कांग्रेस, #जीतेगी कांग्रेस जीतेगा पंजाब, #चन्नी नेम चेंज, #वोट फॅार कांग्रेस, भाजपा ने #पंजाब वोट्स एनडीए, #नवां पंजाब भाजपा दे नालm शिअद ने #आ रिहा अकाली दल,# गल्ल पंजाब दी, आप ने #एक मौका केजरीवाल को, #झाडू को वोट, #केजरीवाल वर्सिसज आल' का प्रयोग किया।
इन डिजीटल टीमों ने अपनी-अपनी पार्टियों के अनुसार ही मुद्दे पेश किए, जबकि वास्तविक मुद्दों से दूर रखा जिनमें मंहगाई, बेरोजगारी व नई नौकरियां व व्यापार शामिल हैं। इन टीमों ने वोटरों के स्तर के हिसाब से ही उन्हें अपने साथ जोड़ने की कोशिश की। यह टीमें इतनी फुर्ती से काम करती रहीं कि अपनी-अपनी पार्टी के नेताओं की रैलियां, मीटिगें या रोड शो का लाईव टैलीकास्ट करने के साथ-साथ उनके साथ अधिक से अधिक लोगों को जोड़ने की कोशिश में रही और साथ-साथ इसका डॉटा भी दिखाती रही। चाहे पार्टी का चुनावी घोषणा पत्र हो या दूसरी पार्टी पर किसी तरह का तंज कसा गया हो।
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