अगर आप भी धुंध में निकलेंगे घर से बाहर तो ये टिप्स हो सकते हैं फायदेमंद
punjabkesari.in Wednesday, Dec 01, 2021 - 12:51 PM (IST)
 
            
            लुधियाना(सुरिन्द्र): पहाड़ी क्षेत्रों में ठंड बढ़ने से जहां मैदानी इलाकों में भी इसका असर देखने को मिल रहा है, वहीं धुंध ने भी अपना जोर दिखाना शुरू कर दिया है। आने वाले दिनों में धुंध बढ़ने के आसार बने हुए हैं। हर साल धुंध के कारण होने वाले सड़क हादसों में कई लोग काल का ग्रास बन जाते हैं। धुंध के सीजन में ड्राइविंग के दौरान कई सावधानियां बरतने की जरूरत है, वर्ना छोटी सी लापरवाही किसी भयंकर हादसे का कारण बन सकती है। सुबह व देर रात कई बार तो सड़कों पर विजिबिल्टी 5 मीटर से भी कम हो जाती है जिससे ड्राइविंग करना असंभव लगता है। अंतरराष्ट्रीय रोड सेफ्टी माहिर व राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा कौंसिल के सदस्य डा. कमलजीत सोई के अनुसार धुंध में ड्राइविंग करने से परहेज करना चाहिए, फिर भी अगर निकलना पड़े तो डा. सोई ने धुंध के दौरान कुछ ड्राइविंग टिप्स सांझा किए हैं।
धुंध में ड्राइविंग करने के टिप्स
- धुंध सुबह व रात के समय अपना रूप दिखाती है, इसलिए इस समय ड्राइविंग से परहेज करें।
- धुंध के दौरान सड़कों पर ट्रैफिक की गति सामान्य से कहीं अधिक कम हो जाती है, इसलिए सड़क पर वाहन चलाते समय संयम बरतें व वाहन धीरे चलाएं।
- ड्राइविंग के दौरान मोबाइल फोन, इयरफोन या म्यूजिक से दूर रहें जो आपका ध्यान भटका सकते हैं। कार के शीशे खुले रखें ताकि बाहर के ट्रैफिक की आवाज सुनाई देती रहे।
- ड्राइवर सहित सभी पैसेंजर सीट बैल्ट का प्रयोग जरूर करें। सीट बैल्ट लगी होने पर हादसे को दौरान शारीरिक नुकसान होने का खतरा कम हो जाता है।
- आगे जा रहे वाहनों से उचित दूरी बनाकर रखें, आगे निकलने की हड़बड़ी न मचाएं।
- अगर वाहन पर फॉग लाइटें लगीं हों तो उन्हें चला लें अन्यथा लाइटें लो-बीम पर चलाएं। हाई बीम पर लाइटें चलाने पर रोशनी धुंध से टकराकर वापस चालक की आंखों में पड़ती है।
- धुंध मे ड्राइविंग के दौरान हमेशा पार्किंग लाइटें चालू रखें, इससे आगे व पीछे चल रहे वाहनों को आपका पता चलता रहता है।
- धुंध के दौरान हमेशा एक ही लेन पर वाहन चलाएं। ओवरटेकिंग करने या बार-बार लेन बदलने से परहेज करें।
- इस दौरान पैदल, साइकिल व दोपहिया वाहन चालकों का खास ध्यान रखें, उन्हें धुंध में बेहद कम दिखाई देता है। ड्राइविंग के दौरान पास बैठे साथी की सहायता लें।
- धुंध में ड्राइविंग के दौरान सड़क पर चलते या बैठे आवारा जानवरों से बचाव रखें। धुंध में अकसर जानवर दिखाई नहीं देते।
- धुंध में अगर सामने बिल्कुल भी दिखाई न दे तो गाड़ी को सड़क से उतार कर किसी उचित स्थान पर लगाकर एमरजैंसी लाइटें चालू कर दें।
- गाड़ी को सड़क पर लगी मार्किंग के अनुसार ही चलाएं।
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यह हैं धुंध में हादसों के कारण
- हैवी वाहनों के पीछे रिफ्लैक्टर न लगे होना।
- सड़कों के किनारों पर अवैध तौर पर ट्रकों की पार्किंग।
- ड्राइविंग के दौरान संयम का प्रयोग न करना।
- हड़बड़ी मचाते हुए ओवरटेकिंग करना।
- फॉग लाइटों का प्रयोग न करना।
- आगे चल रहे वाहनों से दूरी न बना कर रखना।
- बार-बार अपनी लेन बदलना।
- गाड़ी के शीशों को साफ न रखना।
- सड़कों पर आवारा जानवरों के कारण।
- सड़कों के गलत डिजाइन और गड्ढों के कारण।
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हर वर्ष 10 हजार लोगों की मौत
हमारे देश में धुंध के कारण होने वाले सड़क हादसों के दौरान हर वर्ष करीब 10 हजार लोग काल का ग्रास बन जाते हैं और इससे भी अधिक लोग सारी उम्र के लिए अपाहिज हो जाते हैं। इसके साथ ही सरकार का हर वर्ष अरबों रुपए का नुकसान भी होता है। धुंध में ड्राइविंग के दौरान बरती गई छोटी-सी लापरवाही कई परिवारों के लिए सारी उम्र का दुख बनकर रह जाती है।
पैदल व साइकिल चालकों को भी नुकसान का खतरा
धुंध के दौरान वाहनों के पैदल राहगीर व साइकिल चालकों के साथ टक्कर होने का खतरा भी बना रहता है। धुंध में वाहन चालकों को अकसर पैदल राहगीर या साइकिल चालक दिखाई नहीं देते। हादसों से बचाव के लिए पैदल राहगीर चमकदार कपड़ों का प्रयोग व साइकिल चालक रिफ्लैक्टर का प्रयोग जरूर करें।
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सावधान रहना ही सबसे बड़ी समझदारी : सोई
डा. कमलजीत सोई का कहना है कि धुंध के सीजन में ड्राइविंग के दौरान सावधान रहना ही सबसे बड़ी समझदारी है। सावधान रहते हुए ही वाहन चलाने से धुंध में अपनी मंजिल पर पूरी सलामती से पहुंचा जा सकता है। इसके साथ ही ड्राइविंग टिप्स पर भी ध्यान देना चाहिए।
उद्योगपतियों और एन.जी.ओज. के साथ मिलकर चलाएंगे रिफ्लैक्टर मुहिम : ए.डी.सी.पी
इस बारे में ए.डी.सी.पी. ट्रैफिक संदीप शर्मा का कहना है कि धुंध के सीजन में हादसों से बचाव के लिए पुलिस विभाग उद्योगपतियों और एन.जी.ओज. (गैर सरकारी संगठन) के साथ मिलकर रिफ्लैक्टर मुहिम चलाने जा रही है। प्रथम चरण में सारे चौकों और सड़कों पर रिफ्लैक्टर लगाए जाएंगे जो रात्रि में सफर के दौरान संवेदनशील है। इसके बाद ट्रकों, ट्रालियां के पीछे रिफ्लैक्टर चलाने का अभियान छेड़ा जाएगा ताकि धुंध व कोहरे के सीजन में सड़क हादसों से बचाव हो सके।


 
                     
                             
                            