पंजाब के लोगों व नई बन रही सरकार के लिए खड़ी हुई यह नई मुसीबत, जानें पूरा मामला

punjabkesari.in Monday, Feb 28, 2022 - 10:04 AM (IST)

जालंधर /चंडीगढ़ : बीते दिनों के दौरान पंजाब में बदल रही राजनीति भाजपा गठजोड के खिलाफ लग रही लग रही हैं। पंजाब में राज करने का सपना देख रही भाजपा ने लोगों को सबक सिखाने और नई बन रही सरकार के लिए मुसीबत डाल दी लगती है। भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड से पंजाब की सदस्यता खत्म कर, पंजाब का पानी पर हक खत्म कर केंद्र सरकार ने पानी का जटिल मसला कभी न हल होने पर मोहर लगा दी है।

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चाहे पंजाब चुनाव के नतीजे आने में समय लगेगा पर केंद्र सरकार पंजाब को अपने हाथों में रखने की पूरी तैयारी और राजनीतिक दबदबा बना रही है। यदि पंजाब में ‘आप’ की सरकार बनी तो पंजाब के पानी का मसला केंद्र के बगैर हल नहीं होगा और यदि सांझी सरकार बनानी पड़ी तो भाजपा अपनी ताकत के साथ पहली बार मुख्यमंत्री की कुर्सी के लिए तैयारी में है। उसके लिए वह राजसी लोगों को जेल में डालने और समय आने पर अपने राजनीतिक लाभ के लिए बाहर निकालने वाला ग्राउंड भी तैयार कर चुकी है। अब संघ के दोनों हाथों में पंजाब की डोर है।

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‘आप’ की सरकार बनी तो पानी का मसला, यदि सांझी तो मुख्यमंत्री की कुर्सी
लोगों के आम आदमी पार्टी की तरफ बने झुकाव ने पंजाबियों के लिए नई मुसीबत खड़ी कर दी है, वह है पानी का जटिल मसला। दिल्ली की सरकार में भाजपा बैठे या केजरीवाल या कांग्रेस। हर किसी की नजर में पंजाब के हिस्से का पानी मुफ्त लेना होता है। पंजाब के लोग अब इस गंभीर मसले पर एकजुट न हुए तो पंजाब को नई से नई मुसीबत का सामना करना पड़ेगा। पंजाब के केंद्र पर निर्भर रहने से मसलों का हल कभी नहीं निकलेगा। पंजाब के लिए अधिक अधिकार या आजादी के मसले केंद्र और पंजाब सरकार के बीच राजनीति की सांझी कोशिश के बगैर हल नहीं होगें। 

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News Editor

Kalash

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