पंजाब में छुट्टियों के फैसले पर पलटी सरकार तो सोशल मीडिया पर लोगों ने निकाली भड़ास, पढ़ें मजेदार Tweets

punjabkesari.in Saturday, May 14, 2022 - 01:43 PM (IST)

लुधियाना(विक्की) : पंजाब सरकार द्वारा कुछ दिन पहले भीषण गर्मी को देखते हुए बच्चों के स्वास्थ्य का हवाला देते हुए  राज्य भर के स्कूलों में 15 मई से 30 जून तक ग्रीष्मकालीन अवकाश घोषित कर दिए गए थे। लेकिन सरकार द्वारा आज इस फैसले को रद्द कर दिया गया है। वहीं शिक्षा मंत्री गुरमीत सिंह मीत हेयर ने अभिभावकों की मांग पर इस फैसले को रद्द करने की बात कही है।

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लेकिन शिक्षा मंत्री की इस बात पर उस समय सवालिया निशान लग गया जब देर शाम निजी स्कूलों के एक संगठन के मुखिया की एक ऑडियो क्लिप भी सोशल मीडिया पर वायरल हुई जिसमें कहा जा रहा है कि आज उनके द्वारा शिक्षा मंत्री गुरमीत सिंह मीत हेयर के साथ मीटिंग की गई जिसमें उन्होंने छुट्टियां रद्द करने की मांग रखी जिसे तुरंत मौके पर ही स्वीकार करते हुए शिक्षा मंत्री द्वारा यह छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं। 

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उधर बैकफुट पर आई आप सरकार  सोशल मीडिया व ट्वीटर पर यूजर्स के निशाने पर भी आ गई है। शिक्षा मंत्री के ट्वीट पर यूजर्स कई तरह के कॉमेंट कर रहे हैं।   लोग सोशल मीडिया पर सरकार से सवाल करते नजर आ रहे हैं कि क्या अब गर्मी कम हो गई है? जबकि जिस दिन यह फैसला हुआ था उसके बाद प्रदेशभर में गर्मी तेजी से बढ़ी है बच्चों को स्कूल आने-जाने से भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

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सरकारी स्कूलों में नहीं है स्टाफ
सरकारी स्कूलों के अधिकतर स्टाफ की ड्यूटी 10वीं और 12वीं की परीक्षाओं में लगी है और जो बाकी स्टाफ रह गया है उसकी ड्यूटी मार्किंग के लिए लगाई गई है। ऐसे में स्कूलों में इक्का-दुक्का अध्यापक ही सैकड़ों विद्यार्थियों को संभाल रहे हैं। विभिन्न अध्यापकों ने बताया कि सरकार के इस फैसले से उन्हें कुछ राहत मिली थी क्योंकि स्कूल में उतने अधिक विद्यार्थियों को संभाल पाना बहुत मुश्किल हो रहा था। पहले तो शिक्षा विभाग द्वारा मार्च की परीक्षाएं अप्रैल-मई में करवाने का फैसला ही गलत है उसके बाद अब स्कूलों में कम स्टाफ के साथ इतने बच्चों को संभाल पाना और मुश्किल हो गया है। सरकार इस पक्ष की तरफ बिल्कुल ध्यान नहीं दे रही है, वह बंद कमरे में अपने फैसले ले है।

सोशल मीडिया पर सरकार की हुई खूब किरकिरी
पंजाब सरकार के उक्त फैसले के बाद लोगों ने सोशल मीडिया पर मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री को खूब खरी-खोटी सुनाई। लोगों ने कहा कि वह फैसले लेने में असमर्थ हैं और वह समय के अनुसार वाहवाही लूटना चाहते हैं। आज इस फैसले के पलटने के बाद मुख्यमंत्री की तस्वीर के साथ एक पोस्ट भी वायरल हुई जिस पर लोगों ने खूब चुटकी ली। सोशल मीडिया यूजर ने लिखा कि  ‘अब पंजाब में बर्फ पड़ने लगी है।‘एक ट्विटर यूजर ने लिखा ‘ बहुत हलका फैसला है, कन्फ्यूज्ड और अनजान सरकार।‘ एक अन्य यूजर ने लिए ‘ क्या बेवकूफी है, बहार तापमान 50 डिग्री पर पहुँचने जा रहा है।‘ट्विटर पर ही एक यूजर ने लिखा है ‘बच्चों को छुट्टियों का बोल दिया गया है। एमडीएम का स्टॉक ख़तम कर दिया गया है, सरकार को अब याद आया है छुट्टियाँ नहीं हो रही है, कोई स्टैंड तो रखो।‘एक ट्विटर यूजर ने ट्वीट करके पूछा ‘ इतनी भीषण गर्मी में यह मांग किस सिआने ने की है? इसके साथ ही सोशल मीडिया यूज़र्स ने इस फैसले को सही भी बताया है।

किन अभिभावकों ने की है मांग?
जब इस संदर्भ में विभिन्न अभिभावकों और अध्यापकों के साथ मांग की गई तो उन्होंने बताया कि कृष्ण कुमार के सेक्रेट्री एजुकेशन रहते हुए यह रिवायत चल गई थी कि कोई भी ऐसा फैसला करना हो जिसका विरोध होने की संभावना हो उसको लोगों पर ही थोप दिया जाए। इसके लिए ऐसा बोल दिया जाए कि लोगों ने ही मांग की है, आज उसकी प्रत्यक्ष मिसाल देखने को मिली है। शिक्षा मंत्री ने अभिभावकों का हवाला देते हुए 15 मई से 31 मई तक ऑफलाइन क्लासेस लगाने की बात कहीं है, जबकि स्कूलों में पर्याप्त स्टाफ उपलब्ध नहीं है। किसी भी अभिभावक ने ऐसी कोई मांग नहीं कही है यह सरकार द्वारा झूठा एजेंडा फैलाया जा रहा है।


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Vatika

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