UK यूनिवर्सिटीज ने इंडियन स्टूडेंट्स की एडमिशन पर लगाया बैन, ट्रैवल एजेंटों का धंधा संकट में

punjabkesari.in Monday, Dec 16, 2019 - 11:57 AM (IST)

जालंधर(सुधीर): पढ़ाई के तौर पर यू.के. जाने के चाहवान छात्रों की लगातार भीड़ को देखते हुए और यू.के. में छात्रों के अवैध रूप से काम करने को लेकर यू.के. की यूनिवर्सिटीज व कॉलेजों ने एक बार फिर भारतीय छात्रों पर नकेल कसते हुए उन्हें दाखिला देना बंद कर दिया है। वहीं यू.के. सरकार द्वारा भारतीय छात्रों पर नकेल कसने व उन्हें दाखिला न देने के बाद पंजाब के ट्रैवल कारोबारियों में हड़कंप मचा हुआ है, जिस कारण ट्रैवल कारोबारियों का धंधा भी चौपट होता दिख रहा है। यू.के. की यूनिवर्सिटीज व कॉलेजों द्वारा दाखिला न देने को लेकर कई एजैंटों ने अब अगले इनटैक के लिए यूनिवर्सिटीज व कॉलेजों से तालमेल करके दाखिले लेने के लिए ऐड़ी-चोटी के जोर लगा रहे हैं पर उनके हाथ निराशा ही लग रही है।

उल्लेखनीय है कि कुछ समय पहले यू.के. सरकार ने एक बार फिर भारतीय छात्रों को राहत देते हुए वीजा नियमों में ढील दी थी, जिसमें अगर किसी छात्र के 12वीं में अंग्रेजी भाषा में 60 से 65 प्रतिशत अंक थे तो उन्हें आईलैट्स का पेपर देने की जरूरत नहीं थी। उक्त छात्रों को यू.के. की यूनिवर्सिटीज व कॉलेज 12वीं कक्षा के अंग्रेजी भाषा के अंक देख कर ही दाखिला दे देते थे। बस इसी बात का पंजाब के ट्रैवल एजैंटों ने खूब फायदा उठाया व कुछ समय के अंदर कई छात्रों को यू.के. की यूनिवर्सिटीज में दाखिला दिला कर अपनी जेबें गर्म कर डाली।
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धीरे-धीरे यू.के. में पहुंचे कई छात्र यूनिवर्सिटीज व कॉलेजों से गैर-हाजिर होकर वहां अवैध रूप से काम करने लग पड़े। जिस बात को लेकर कुछ समय पहले यू.के. की यूनिवर्सिटीज को इस बात का पता चला तो उन्होंने कई छात्रों को चेतावनी देने के साथ-साथ इमीग्रेशन विभाग को उनकी शिकायत करने की भी बात कह डाली थी। इसके साथ ही पंजाब के ट्रैवल एजैंटों को ई-मेल के जरिए भारतीय छात्रों पर नकेल कसने के साथ-साथ उन्हें दाखिला न देने की बात भी कह डाली थी। इसके बाद पंजाब के ट्रैवल एजैंटों के तोते उड़े हुए थे क्योंकि पंजाब में आम तौर पर अधिकतर छात्र आईलैट्स का पेपर देने से गुरेज करते हैं।

पैसे के नशे में डूबे एजैंट, सब-एजैंटों को भी मिलती थी मोटी कमीशन
वहीं यू.के. में एक साथ बढ़ता काम देखकर कई ट्रैवल कारोबारी तो पैसे के नशे में ही डूबे पड़े थे, जिसके चलते कई ट्रैवल कारोबारी एक इनटेक में सैंकड़ों छात्रों को भेजने के सुनहरी स्वप्न देखकर चंद दिनों में ही करोड़ों रुपए कमाने का स्वप्न देख रहे थे। इसके चलते पैसे की लालसा की खातिर कई ट्रैवल कारोबारियों ने छात्रों को ढूंढने के लिए अपने सब-एजैंट बनाने शुरू कर दिए। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक सब-एजैंट को भी छात्र के दस्तावेज लाने व दाखिला दिलवाने के नाम पर मोटी कमीशन मिलती थी।

छात्रों की होगी इंटरव्यू, आईलैट्स टैस्ट पास करना भी होगा अनिवार्य
दूसरी तरफ सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक यू.के. सरकार द्वारा वीजा नियमों में सख्ती करते हुए अब यू.के. जाने के चाहवान छात्र को पढ़ाई के साथ-साथ आईलैट्स का पेपर पास करना भी अनिवार्य होगा। आईलैट्स में 6 बैंड लेने के बाद यू.के. जाने के चाहवान छात्र को आवेदन पत्र अप्लाई करने के बाद यू.के. दूतावास से फोन पर इंटरव्यू काल भी आ सकती है। इसमें छात्र की अंग्रेजी भाषा की क्वालिटी का भी आसानी से पता चल सकेगा।
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सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक बताया जा रहा है कि कई ट्रैवल कारोबारियों के चक्कर में फंस कर यू.के. का नंबर देखकर कई छात्र फोन नहीं उठाते तो उन्हें बाद में स्काईप इंटरव्यू देनी पड़ती है। अगर कोई छात्र स्काईप इंटरव्यू भी नहीं देने जाता तो यू.के. दूतावास द्वारा 320 (डी) के तहत उक्त छात्र का आवेदन पत्र रिफ्यूज कर दिया जाता है। अगर 320 (डी) के तहत किसी का आवेदन पत्र रिफ्यूज होता है तो उक्त छात्र की यूनिवर्सिटीज से फीस भी रिफंड नहीं आती।

सैंकड़ों कॉलेजों व यूनिवर्सिटीज के हुए थे लाइसैंस सस्पैंड
कुछ साल पहले यू.के. सरकार ने भारतीय छात्रों को वीजा नियमों में ढील देते हुए वीजा नियम बिल्कुल आसान किए थे। जिस बात का फायदा पंजाब के ट्रैवल एजैंटों ने खूब उठाया व यू.के. प्राइवेट कॉलेजों के साथ सांठ-गांठ करके मोटी कमीशन खाने के चक्कर में पंजाब के सैंकड़ों छात्रों को यू.के. भेजा था। इसके बाद वहां के हालात ऐसे हो गए कि यू.के. पहुंचे छात्रों को खाने तक के लाले पड़ गए और कई छात्रों को गुरुघर का सहारा लेना पड़ा। इसके बाद पढ़ाई की नीयत से वहां पहुंचे छात्र पढ़ाई नहीं बल्कि अवैध रूप से काम करने लगे।

यू.के. सरकार को जब इस बात का पता चला कि पंजाब के कई ट्रैवल कारोबारियों ने यू.के. के प्राइवेट कॉलेजों के साथ मिलीभगत करके अपनी जेबें गर्म करने के लिए छात्रों को यू.के. भेज कर करोड़ों रुपए कमाए हैं और उक्त छात्र पढ़ने नहीं बल्कि यहां अवैध रूप से काम करने की नीयत से आए हैं तो यू.के. सरकार ने सख्ती करते हुए यू.के. के सैंकड़ों प्राइवेट कॉलेजों व यूनिवर्सिटीज के लाइसैंस सस्पैंड कर दिए थे। इसके बाद पूरे पंजाब में ट्रैवल कारोबारियों में हड़कंप मच गया था।
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भारतीय छात्रों के प्राइवेट कॉलेजों में डूब गए थे करोड़ों रुपए
यू.के. में प्राइवेट कॉलेजों व यूनिवर्सिटीज के लाइसैंस सस्पैंड होने के बाद वहां पढ़ाई करने गए सैंकड़ों भारतीय छात्रों के करोड़ों रुपए डूब गए थे जबकि छात्रों को यू.के. रहने के लिए वहां दोबारा मान्यता प्राप्त कॉलेजों में दाखिला लेने के लिए दोबारा फीस जमा करवानी पड़ती थी। अमीर वर्ग के लोगों ने तो कई छात्रों की फीस जमा करवाई पर गरीब वर्ग के लोगों को इस बात का खमियाजा भुगतना पड़ा। अपनी जमीनें गिरवी रख कर या ब्याज पर रुपए उठा कर परिजनों ने विदेश भेजने के समय यही सोचा था कि पढ़ाई के साथ-साथ उनका बच्चा कमाई करके उनका कर्जा भी उतार देगा पर इसके उलटा कई छात्रों को वापस अपने देश लौटना पड़ा। इस कारण कई भारतीय छात्रों का प्राइवेट कॉलेजों में करोड़ों रुपए डूब गया था।

कैसे रखें सावधानी
आप यह जांच लें कि जिस कॉलेज में आप दाखिला ले रहे हैं क्या वह सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त है और पढ़ाई के साथ-साथ आपको वहां पार्ट टाइम काम करने की मंजूरी मिलती है या नहीं। इसके अलावा जिस एजैंट से आप अपना आवेदन पत्र अप्लाई करवा रहे हैं उक्त एजैंट सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त है कि नहीं इसकी भी जांच करें तथा अपने कोर्स का सिलैक्शन भी पढ़ाई से रिलेटिड ही करें।


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Edited By

Sunita sarangal

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