पंजाब में हजारों यूनिटें पिछले दो दशकों में बंद होने से बेरोजगारी चरम पर

punjabkesari.in Monday, Aug 12, 2019 - 05:33 PM (IST)

चंडीगढ़: पंजाब आम आदमी पार्टी कहा है कि पिछले दो दशकों में पंजाब के हजारों छोटे, मध्यम और बड़े औद्योगिक यूनिट अकाली-भाजपा और कांग्रेस की पंजाब विरोधी तथा व्यापारी, उद्योगपति विरोधी नीतियों के कारण या तो बंद हो गए हैं या फिर अन्य राज्यों में पलायन कर गए हैं। प्रतिपक्ष के नेता हरपाल सिंह चीमा तथा उपनेता सरबजीत कौर मानूके ने आज यहां कहा कि सरकारों की विरोधी नीतियों के कारण पंजाब आर्थिक तौर पर दशकों पीछे चला गया और गिरावट रूकने का नाम नहीं ले रही। 

इसकी पुष्टि श्रम विभाग की ओर से जारी ताजा आंकड़े कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि वर्ष 2007 से 2018 तक सिर्फ लुधियाना जिले में करीब 250 फैक्टरियां बंद हो चुकी हैं, जिनमें कैप्टन सरकार के पहले नौ महीने में 65 फैक्टरियां बंद हो चुकी हैं। लुधियाना जिले के अलावा अमृतसर, जालंधर, बटाला, धारीवाल, डेराबसी, मोहाली, राजपुरा, गुरायआ, नंगल, बठिंडा, संगरूर आदि दर्जनों शहरों में भी जारी है। हजारों फैक्टरियों के बंद हो जाने या अन्य राज्यों में पलायन कर जाने से राज्य की आर्थिक स्थिति को झटका लगा है, वहीं बेराजगारी बढ़ी है। 

आप नेताओं ने बताया कि इसके लिए भाजपा की पूर्ववर्ती वाजपेयी सरकार दोषी है, जिसने पड़ोसी पहाड़ी राज्यों को विशेष पैकेज देकर पंजाब के औद्योगिक विकास को नुकसान पहुंचाया। तत्कालीन वाजपेयी सरकार में केन्द्र के औद्योगिक राज्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल ने कुर्सी के लिए पंजाब के साथ गद्दारी की जिसका खामियाजा पंजाब आज तक भुगत रहा है। चीमा और माणूंके ने कहा कि पिछली अकाली-भाजपा सरकार ही नहीं 2004 से 2014 तक दस साल केंद्र में राज करने वाली मनमोहन सिंह सरकार ने भी पंजाब के साथ धक्केशाही की।
 


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