आम आदमी की थाली से गायब हुई सब्जी

punjabkesari.in Thursday, Aug 03, 2017 - 11:30 AM (IST)

मोगा(ग्रोवर): बारिश के दिनों दौरान सब्जी के पिछले 20 दिनों से हद से अधिक बढ़े भाव ने आम आदमी की रसोई से सब्जियों को दूर कर दिया है। चाहे दालों का भाव भी कम नहीं है, लेकिन फिर भी सब्जियों के मुकाबले अब लोग दालों को ही पहल देकर अपना दो समय की रोटी खाकर जुगाड़ करते हैं। चाहे पिछले 5 दिनों दौरान कुछ सब्जियों के भाव जरूर कम हुए हैं, लेकिन अभी भी बहुत-सी सब्जियों के भाव इतने अधिक हैं कि वे आम लोगों की पहुंच से दूर हो गई हैं। 

हैरानी की बात तो यह है कि घरेलू हर सब्जी में ‘तड़के’ के रूप में काम आने वाला टमाटर अभी भी 60 रुपए किलो तक बिक रहा है, जबकि पहले इसका भाव 80 रुपए को पार कर गया था। इस तरह की बनी स्थिति के कारण अब बहुत से घरों में महिलाएं बिना टमाटर के तड़के लगा रही हैं। यही नहीं, सलाद में भी अब टमाटर को शामिल नहीं किया जा रहा है। 

मोगा की सब्जी मंडी में सब्जी की बिक्री करने वाले प्रवासी मजदूरों रामू व राम लाल का कहना है कि चाहे हर वर्ष बारिश के दिनों दौरान सब्जी के भाव में बढ़ौतरी होती है, लेकिन इस बार सब्जी के रेट पहले से कुछ अधिक बढ़े हैं, जिसके कारण इसका असर आम लोगों की जिंदगी पर पडऩा स्वाभाविक है। उन्होंने कहा कि सब्जियों की बिक्री भी पहले से 30 से 35 प्रतिशत कम हो गई है।

मजदूरों ने कहा कि बारिश के दिनों दौरान सब्जी की आमद मंडियों में पहले से कम होती है, जिसके कारण भाव में बढ़ौतरी होना स्वाभाविक है। उन्होंने कहा कि बहुत-सी सब्जियों का भाव 50 रुपए के लगभग होने के कारण लोग सब्जियों की खरीद करने से कतरा रहे हैं। मजदूरों ने कहा कि अगस्त के महीना में सब्जियों के भाव इसी तरह बढ़े रहने की संभावना दिखाई दे रही है। 

भारत खासकर पंजाब में सब्जियों की संभाल वाले अधिक स्टोर नहीं हैं जिसके कारण जब सब्जियों की पैदावार अधिक होती है तब उनको स्टोर करना भी संभव नहीं होता है। मजदूरों ने कहा कि सरकार भी सब्जियों के काश्तकारों की तरफ ध्यान नहीं दे रही है, जिसके कारण विभिन्नता वाली खेती भी अधिकतर किसान नहीं करते तथा जब सब्जियों की मांग बढ़ती है तो इनके भाव भी अधिक हो जाते हैं। 
 


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