विधानसभा में बाढ़ के मुद्दे पर बोली अरुणा चौधरी, सरकार से की ये मांग
punjabkesari.in Friday, Sep 26, 2025 - 05:23 PM (IST)

चंडीगढ़ : विधायिका अरुणा चौधरी ने विधानसभा में बाढ़ के दौरान गुरदासपुर में हुए भारी नुकसान का जिक्र करते हुए कहा कि पंजाब में सबसे बड़ी त्रासदी गुरदासपुर में हुई है, जिससे यहां भारी तबाही हुई है। उन्होंने कहा कि जब भी सीमा पर तनाव या युद्ध की स्थिति बनती है, गुरदासपुर के लोगों को अपना घर छोड़ना पड़ता है। उन्होंने कहा कि इस बार बाढ़ के कारण पंजाब में लगभग 5 हजार एकड़ और अकेले गुरदासपुर जिले में डेढ़ लाख एकड़ जमीन बर्बाद हुई है। गुरदासपुर के 350 गांव इससे प्रभावित हुए हैं। अकेले दीनानगर इलाके में लगभग 900 घर ढह गए हैं। इतनी बड़ी तबाही के बावजूद लोगों का हौसला कायम है।
अरुणा चौधरी ने सिंचाई मंत्री बरिंद्र गोयल के उस बयान से असहमति जताई जिसमें उन्होंने कहा था कि स्थायी तटबंधों के निर्माण पर 250 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। उन्होंने कहा कि वह खुद प्रभावित इलाकों में गए थे लेकिन वहां ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है। उन्होंने मुख्यमंत्री द्वारा प्रति एकड़ 20,000 रुपये की सहायता राशि की घोषणा को पर्याप्त नहीं बताते हुए कहा कि यह राशि कम से कम 50,000 रुपये प्रति एकड़ होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार की नीति "जिसका खेत, उसकी रेत" अच्छी है, लेकिन मुद्दा यह भी है कि नदी गांवों के ऊपर से गुजरी है, जिससे जमीन बर्बाद हो गई है। इसलिए सरकार बताए कि इस मामले में क्या नीति है? उन्होंने यह भी कहा कि इन इलाकों में अवैध रेत खनन भी शुरू हो गया है।
विधायक ने सरकार से यह स्पष्ट करने की अपील की कि निजी मालिक खनन के लिए कितनी जगह छोड़ सकते हैं। उन्होंने कहा कि मकौड़ा पत्तन, उज और रावी नदियां बरसात के मौसम में हमेशा भारी तबाही मचाती हैं। इसलिए वहां एक स्थायी पुल का निर्माण बेहद जरूरी है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने केंद्रीय सड़क अवसंरचना योजना के तहत इस पुल के लिए 100 करोड़ 48 लाख रुपये स्वीकृत किए थे, लेकिन चार साल बीत जाने के बावजूद आज तक स्थायी पुल नहीं बन पाया। इससे नदी पार रहने वाले 9 गांवों के लोगों को सबसे ज्यादा मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। हाल ही में, चार दिन बाद हेलीकॉप्टर से उन तक पीने का पानी पहुंचाया गया। अगर वहां एक स्थायी पुल बन गया होता, तो इन लोगों को इतनी परेशानी नहीं झेलनी पड़ती।
अपने शहर की खबरें Whatsapp पर पढ़ने के लिए Click Here