वाह नी सरकारे तेरे रंग न्यारे,  बिना फंड मुहैया करवाए सरकार प्राइमरी स्कूलों में तालाश करती है बडे़ खिलाड़ी

punjabkesari.in Wednesday, Feb 15, 2023 - 12:24 PM (IST)

अमृतसर: पंजाब में सरकार किसी भी पार्टी की हो खेलों संबंधी बड़े-बड़े दावे किए जाते है। ओलम्पिक खेल, एशियन खेल आदि पदक विजेता खिलाड़ियों के लिए करोड़ों रुपए के नकद पुरस्कार की घोषणा करते हैं, लेकिन राज्य के सरकारी प्राइमरी स्कूलों जहां विभिन्न खेलों की तैयारी करनी होती है, के लिए कोई फंड जारी नहीं की जाती है। वर्ष भर स्कूल अध्यापक ही खेलों संबंधी अपनी जेबों में से खर्च कर आवश्यकर्ताओं की पूर्ति करते हैं, यहां तक कि स्कूल स्तर और कलस्टर स्तर की खेलों के लिए भी सरकार द्वारा कोई फंड जारी नहीं किया जाता है।

जानकारी के अनुसार आम आदमी पार्टी सरकार द्वारा शिक्षा में सुधार लाने के दावे किए जा रहे है, लेकिन अफसोस की बात है कि प्राइमरी स्कूलों में पढ़ती हुई छोटी पनीरी के विकास के लिए कोई फंड नहीं दिया जा रहा है। यहां तक ​​कि अधिकतर स्कूलों में न तो खेल के मैदान हैं, न ही विद्यार्थियों के शारीरिक विकास के लिए गंभीर कार्य किया जा रहा है। यदि विद्यार्थियों का शारीरिक विकास शुरू से ही नहीं होगा तो वे भविष्य में देश का नाम रोशन करने वाले खिलाड़ी कैसे बनेंगे। सत्ता में आई आम आदमी पार्टी की सरकार द्वारा दिल्ली की तर्ज पर स्कूलों की नुहार बदलने की बातें की जा रही हैं, साथ ही शिक्षा में क्रांति की लाने बारे कहा जा रहा है, लेकिन बिना खेल मैदानों से छात्राओं का किस तरह विकास होकर शिक्षा में क्रांति आएंगी।

वर्तमान में यह स्थिति है कि प्राइमरी खेलों करवाने के लिए अध्यापकों को अपनी जेब से पैसे खर्च करने पड़ते है। शिक्षा अधिकारी भी इस समस्या से वाकिफ हैं, लेकिन कोई भी अधिकारी सरकार तक यह बात जोर के साथ सरकारी प्राइमरी स्कूल में हर तरफ अच्छी बाते व वाह-वाही के लिए अध्यापकों को अधिकारियों द्वारा दिशा निर्देश जारी किए जाते है, लेकिन उनको खेलों के लिए उपलब्ध करवाने के लिए ढूंढे कोई प्रयास नहीं किया जाता।

सरकार बिना पैसा खर्च किए मुफ्त में लूटना चाहती है वाहवाही

डैमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट के अध्यक्ष अश्विनी अवस्थी का कहना है कि सरकार बिना पैसा खर्च किए वाह-वाही लूटने आ जाती है, पैसे स्कूलों को खेलों के लिए उपलब्ध नहीं करवाई जाती, उल्टा छात्राओं के विकास की बातें की जाती है। प्राइमरी स्कूलों में न तो खेल मैदान व न ही अध्यापकों के पास फंड अध्यापक अपनी जेबों में पैसा खर्च कर शिक्षा विभाग द्वारा हर वर्ष करवाई जाती खेल करवाते है। मुख्यमंत्री को इस संबंधी गंभीरता से सोचना चाहिए।

देश का खेल भविष्य इन प्राइमरी स्कूलों में

सरकारी स्कूल टीचर यूनियन के नेता बलकार सिंह वल्टोहा का कहना है कि समय की सरकारें प्राइमरी स्कूलों की खेलों को लगातार अनदेखा कर रही है, जबकि देश का खेल भविष्य इन प्राइमरी स्कूलों में ही होता है। बात प्राइमरी स्कूलों की खेलों के लिए फंड की करें तो पूरा वर्ष स्कूलों के लिए व फिर वार्षिक स्कूल स्तर व कलस्टर स्तर तक की खेलों के लिए कोई फंड जारी नहीं किया जाता। अगर ब्लॉक स्तर या जिला स्तर की प्राइमरी खेलों की बात करें तो इसके लिए तीन गुणा फंड जारी किए जाते हैं।

प्राइमरी छात्राओं को शारीरिक विकास के लिए किया जा रहा अनदेखा

गर्वनमैंट टीचर यूनियन के नेता गुरदीप सिंह ने कहा कि प्राइमरी स्तर पर छात्राओं को शारीरिक विकास पक्ष से अनदेखा किया जा रहा है। खेल ब्लॉक व जिला स्तर की करवाने के दावे किए जाते है लेकिन पैसा कोई नहीं जारी किया जाता। पहले ये अध्यापक वर्ग स्कूलों के विकास और छात्रों की भलाई के लिए अपनी जेब से पैसा खर्च करते हैं। दूसरी ओर खेल के नाम पर बिना पैसे दिए अध्यापकों को दबाकर खेल करवाने के लिए कहा जाता है। आम आदमी पार्टी की सरकार को प्राइमरी स्तर पर खेलों के लिए फंड उपलब्ध करवाने चाहिए है व स्कूलों में खेल मैदान बनाने चाहिए।

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News Editor

Urmila

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