15 साल का इंतजार, 15 मिनट में फैसला

punjabkesari.in Saturday, Aug 26, 2017 - 04:49 AM (IST)

चंडीगढ़(अविनाश पांडेय): साध्वी यौन शोषण प्रकरण में 15 वर्षों की कानूनी लड़ाई महज 15 मिनट में ही पूरी हो गई। कोर्ट ने मामले के आरोपी डेरा सच्चा सौदा प्रमुख संत गुरमीत राम रहीम सिंह को दोषी करार दे दिया। शुक्रवार को पंचकूला की विशेष सी.बी.आई. कोर्ट के फैसले का हर किसी को इंतजार भी था। खासकर यौन शोषण का शिकार हुई पीड़िताओं व उनके परिजनों को। उन्हें भरोसा था कि देर से ही सही लेकिन एक न एक दिन न्याय जरूर मिलेगा। 

सी.बी.आई. के जज जगदीप सिंह ने भी अपने फैसले में साध्वियों के 164 बयान को अहम मानते हुए उनके स्टैंड की सराहना की, साथ ही गुमनाम पत्र से लेकर सी.बी.आई. जांच में मिले सबूतों और साक्ष्यों को भी फैसले में आधार बनाया गया। कोर्ट ने अपने 10 पेज के फैसले में यह पाया कि सी.बी.आई. की चार्जशीट में शामिल किए गए साक्ष्य सही थे और मौजूदा सबूत काफी अहम हैं। 

ड्राइवर खट्टा सिंह की गवाही भी रही अहम
डेरामुखी को दोषी करार दिए जाने में उनके पूर्व ड्राइवर खट्टा सिंह की गवाही भी अहम रही। इस मामले में सी.बी.आई. ने खट्टा सिंह को अहम गवाह बनाया था। उसने अपने 164 के बयान में डेरे की सच्चाई को बयां किया था। कोर्ट ट्रायल में अंतिम समय तक उसका स्टैंड बरकरार रहा। हालांकि खट्टा सिंह पर बचाव पक्ष ने कई तरह के आरोप लगाए थे लेकिन कोर्ट ने उसकी गवाही को भी एक कड़ी माना है। 

28 गवाहों और 17 दस्तावेजों से मिली सफलता
डेरा प्रमुख के खिलाफ सी.बी.आई. कोर्ट में 28 लोगों की गवाहियां हुई थीं। इसके अलावा सी.बी.आई. ने सबूत और साक्ष्य के तौर 17 दस्तावेज प्रस्तुत किए थे। बताया गया कि सी.बी.आई. की चार्जशीट में शामिल किए गए इन सभी गवाहों की सी.बी.आई. कोर्ट में गवाही हुई और सभी साक्ष्यों व सबूतों को कोर्ट के समक्ष रखा गया। गवाहों की फेहरिस्त में हाईकोर्ट के डिस्पैच क्लर्क रमेश चंद और साध्वियों से लेकर डेरा प्रमुख के ड्राइवर खट्टा सिंह शामिल थे। सी.बी.आई. के जांच अधिकारियों तथा अम्बाला व चंडीगढ़ सी.बी.आई. के जज की भी गवाहियां हुई हैं।


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