पंजाब के यूथ अकाली दल ने दिल्ली में कृषि भवन के सामने किया विरोध-प्रदर्शन

punjabkesari.in Friday, Oct 16, 2020 - 09:37 AM (IST)

नई दिल्ली (ब्यूरो): केंद्र सरकार द्वारा पास किए गए कृषि कानूनों के खिलाफ मोदी सरकार से रिश्ता तोडऩे वाले शिरोमणि अकाली दल की यूथ विंग ने वीरवार को कपास और मक्का समेत सभी कृषि जिंसों को एम.एस.पी. के तहत सरकार द्वारा खरीदे जाने की मांग को लेकर कृषि भवन के सामने विरोध-प्रदर्शन किया। 
साथ ही कृषि कानूनों को तुरंत रद्द करने की मांग की। अकाली दल के वरिष्ठ नेता बिक्रम सिंह मजीठिया और युवा अकाली दल के बंटी रूमाना ने प्रदर्शन का नेतृत्व किया। 
कार्यकत्र्ताओं ने कृषि भवन के मुख्यद्वार के सामने अनाज गिरा कर विरोध प्रकट किया। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि सरकार द्वारा 27 फसलों का एम.एस.पी. तय किया गया है, लेकिन सरकारी एजैंसियां सभी फसलों की खरीद नहीं करतीं।

यूथ अकाली दल के अध्यक्ष पी.बी. सिंह रूमाना ने कहा कि नौजवान भाजपा सरकार द्वारा किसान नेताओं को जलील करने के एक दिन बाद किसानों के हक में आवाज उठाने के लिए राजधानी दिल्ली आए हैं। उन्होंने कहा कि बहुत हैरानी वाली बात है कि केंद्र सरकार किसानों को मिलना तो दूर, उनकी बात सुनने को तैयार नहीं है। उलटा अपने मंत्रियों को पंजाब भेजकर जबरदस्ती यह बताने को उतारू है कि कृषि कानून ठीक हैं। 

भाजपा ने गलत तरीके से पंजाबियों को जलील किया है, इसमें कहीं न कहीं पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी  द्वारा पंजाबियों के साथ किए गए अन्याय की बदबू आ रही है। उन्होंने भाजपा सरकार को इंदिरा गांधी के पदचिह्नों पर नहीं चलना चाहिए। साथ ही पंजाबियों की भवनाओं से खिलवाड़ करने से बचना चाहिए। प्रदर्शनकारियों ने इस दौरान प्रधानमंत्री और केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की। मामला बढ़ता देख पुलिस ने सभी को हिरासत में ले लिया और बस में भरकर  स्थानीय पुलिस स्टेशन ले गई।

सरकारी एजैंसियों ने कपास की नाममात्र खरीद की
यूथ अकाली दल के अध्यक्ष रूमाना ने खुलासा किया कि भारतीय कपास निगम ने मंडियों में पहुंची कपास का नाममात्र हिस्सा ही एम.एस.पी. पर खरीदा है जबकि निजी खरीददार किसानों को लूट रहे हैं। साथ ही निर्धारित 5275 रुपए एम.एस.पी. की बजाय 1 हजार रुपए कम कीमत पर कपास खरीद रहे हैं। रूमाना ने दावा किया कि मंडी में आई अढ़ाई लाख क्विंटल कपास में से भारतीय कपास निगम ने सिर्फ 50 हजार किं्वटल कपास ही खरीदी है। निजी खरीददार 1850 रुपए प्रति किं्वटल की बजाय  800 से 1000 प्रति क्विंटल की दर से मक्की खरीद रहे हैं। पंजाब में किसी भी सरकारी एजैंसी ने मक्की की खरीद नहीं की है।   


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Tania pathak

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